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एक छत के नीचे 'प्राइमरी का मास्टर' से जुड़ी शिक्षा विभाग की समस्त सूचनाएं एक साथ

मन की बात ( Man Ki Baat) : आकाशवाणी में एक शैक्षिक भ्रमण - बच्चों की जिज्ञासा, रोमांच को देखकर मैंने तुरंत आकाशवाणी के निदेशक महोदय को फ़ोन किया। निदेशक महोदय जो मेरे अच्छे मित्र है तथा........

मन की बात ( Man Ki Baat) : आकाशवाणी में एक शैक्षिक भ्रमण - बच्चों की जिज्ञासा, रोमांच को देखकर मैंने तुरंत आकाशवाणी के निदेशक महोदय को फ़ोन किया। निदेशक महोदय जो मेरे अच्छे मित्र है तथा........

कार्यशालाओं के माध्यम से बच्चों में आत्मविश्वास व मौलिक लेखन का विकास हो रहा है।  बच्चे बिना किसी झिझक के अपनी बात को रख रहे हैं तथा नेतृत्व क्षमता का विकास हो रहा है।  बच्चों से एक कार्यशाला के दौरान जब मैंने यह बात रखी कि यदि आप लोग गीत, संगीत नाटक, वाद-विवाद, सामान्य ज्ञान तथा रोचक तथ्यों को ठीक से प्रस्तुत कर सकोगे तो हम सभी बच्चों को आकाशवाणी केन्‍द्र अल्मोड़ा ले जाएँगे। बच्चे आकाशवाणी का नाम सुनते ही रोमांचित हो उठे एक स्वर में बोले हम आकाशवाणी जरुर जाएँगे। अब तक तो हम शैक्षिक भ्रमण में आसपास के गाँव में ही घूमते थे अब हम आकाशवाणी जाएँगे।

बच्चों की जिज्ञासा, रोमांच को देखकर मैंने तुरंत आकाशवाणी के निदेशक महोदय को फ़ोन किया। निदेशक महोदय जो मेरे अच्छे मित्र है तथा उन्हें चनोली के विद्यालय व ग्राम में हो रहे बदलाव के बारे में अपने अनुभवों को साझा करते रहता हूँ। निदेशक महोदय को बच्चों की जिज्ञासा से अवगत कराया वे बहुत प्रसन्न हुए। उन्होंने फोन पर ही बच्चों को आकाशवाणी में आमंत्रित किया और बाल वाटिका कार्यक्रम में रिकॉर्डिंग हेतु तैयारी करने को कहा। साथ ही कार्यक्रम अधिकारी व उद्घोषिका का फोन नम्‍बर दे दिया कहा आप उनसे यथाशीघ्र सम्‍पर्क करें मैं उन्हें आप के कार्यक्रम के बारे में बता देता हूँ।  

आकाशवाणी अल्मोड़ा केंद्र से उद्घोषिका अंजू पांगती जी का फोन आया और उन्होंने बताया कि 22 अगस्त को स्कूल के बच्चों कि बालवाटिका कार्यक्रम के तहत रिकॉर्डिंग होनी है। आप लघु नाटिका, जनगीत, रोचक तथ्य, प्रेरक प्रसंग, स्वरचित कविताएँ, लोक गी, पहेलियाँ आदि की ठीक से तैयारी कर लें। उद्घोषिका महोदया की बात सुनकर बच्चे खुशी से नाचने लगे। और पूछने लगे हमारी आवाज रेडियो में आएगी ना? और कहने लगे सर समय तो बहत कम है अब तो रिकॉर्डिंग के पाँच ही दिन बचे हैं इतनी सारी तैयारियाँ कैसे हो पाएँगी? मैं भी थोड़ा सोच में पड़ गया। हमारी साथी अध्यापिका श्रीमती भगवती फर्त्याल और प्रधानाध्यापक श्री भुवन चन्द्र जोशी जी बोले घबराने की कोई बात नहीं। हम सब मिलकर बेहतर तैयारी करेंगे। साथी अध्यापिका ने तैयारी कि कमान सम्हाल ली बच्चे मंत्र मुग्ध होकर तैयारी करने लगे।  

यह पहला अवसर था जब विद्यालय प्रबन्‍धन  समिति व विद्यालय के बच्चे एक साथ शैक्षिक भ्रमण पर जा रहे थे। मेरे ऊपर जिम्मेदारी थी गाड़ी, भोजन, जलपान आदि की व्यवस्था करना।  मैंने अपने वैचारिक मित्रों से आकाशवाणी के कार्यक्रम की जानकारी साझा की मित्रों ने बधाई देना शुरू कर दिया और पूछा वे किस तरह विद्यालय व बच्चों को मदद कर सकते हैं। मैंने उन्हें बताया आकाशवाणी केंद्र अल्मोड़ा आने व वापस ग्राम तक जाने के लिए वाहन, अल्मोड़ा में जलपान व भोजन आदि की व्यवस्था करनी है। सिकंदर जोशी जी बोले वाहन की व्यवस्था वे करेंगे और राजेश बिष्ट होटल एसोसिएशन अल्मोड़ा के अध्यक्ष ने भोजन व बच्चों के सम्मान का आयोजन कर दिया। राम कृष्ण कुटीर में सवेरे की जलपान की व्यवस्था हो गई।  

मित्रों व समाज के सहयोग और सम्मान से यकीनन कार्य करने की ऊर्जा और जवाबदेही कई गुना बढ़ जाती है। मैंने साथी अध्यापकों, विद्यालय प्रबन्‍धन समिति और बच्चों से आकाशवाणी भ्रमण के लिए भोजन, वाहन व्यवस्था, बच्चों व विद्यालय प्रबन्‍धन समिति के सम्मान की बात साझा की।

22 अगस्त को सवेरे ही बच्चे, विद्यालय प्रबन्‍धन समिति के सदस्य नियत समय पर विद्यालय में उपस्थित हो गए। गाड़ी में विद्यालय का बैनर लगा दिया गया। 8 बजे हमारी बस रवाना अपने गंतव्य की ओर रवाना हो गई।  बच्चों ने गाड़ी में बैठते ही गीत गाने शुरू कर दिए बाकी लोग भी बच्चों के सुर में सुर मिलाकर गाने लग गए। बच्चों में गजब का उत्साह और रोमांच दिख रहा था।

9:30 बजे हम रामकृष्ण कुटीर पहुँच गए।  स्वामी जी बच्चों की प्रतीक्षा में पहले से ही खड़े थे।  स्वामी जी ने बच्चों को स्वामी विवेकानंद की जीवनी व उनके अल्मोड़ा प्रवास की जानकारियाँ साझा की। बच्चों ने अपना-अपना परिचय दिया तथा प्रार्थना व “हम होंगे कामयाब” गीत गाकर अपने मजबूत इरादों के बारे में बताया। स्वामी जी ने स्वयं अपने हाथों से सभी को नाश्‍ता  कराया तथा यशस्वी, मनस्वी व तेजस्वी होने का आशीर्वाद दिया। ठीक 11 बजे हम आकाशवाणी केंद्र अल्मोड़ा पहुँच गए।

उद्घोषिका अन्जू पांगती, गीता जोशी, इंजीनियर मुन्ना लाल और एल.एम.चौबे ने बच्चों तथा विद्यालय प्रबन्‍धन समिति का आकाशवाणी केंद्र में स्वागत किया। आकाशवाणी की तकनीकी को बारीकी से समझाया। आकाशवाणी केन्‍द्र के सभी कक्षों में बारी-बारी से बच्चों को घुमाया तथा रडियो स्टेशन की कार्यप्रणाली व कौन सी मशीन क्या काम करती है उसे दिखाकर समझाया। बच्चों की जिज्ञासा व बालमन के कौतुहल को समझते हुए तकनीकी सहायकों ने बच्चों के सवालों को गंभीरता से सुना तथा उन्हें एक–एक सवाल को सहजता व सरलता से समझाया। बच्चे रिकॉर्डिंग रूम में पहुँच कर अति आनंदित हैं। पूरे उत्साह के साथ कार्यक्रम की रिहर्सल करने लग गए। बच्चों का उत्साह देखते ही बन रहा था।  उद्घोषिका अन्जू पांगती ने बताया कि इस कार्यक्रम का प्रसारण रविवार 6 सितम्बर को होगा।

आकाशवाणी में रिकॉर्डिंग के पश्च्यात हमारा काफिला अल्मोड़ा के ऐतिहासिक स्थलों को देखते हुए होटल शिखर में पहुँचा। जहाँ पर विद्यालय प्रबन्‍धन समिति व बच्चों के उत्साहवर्धन के लिए होटल एसोसिएशन अल्मोड़ा के अध्यक्ष श्री राजेश बिष्ट व कई शिक्षाविदों ने बच्चों का स्वागत किया। यह इस तरह का पहला प्रयोग रहा है जहाँ ग्रामीण बच्चों के स्वागत के लिए लोग खड़े हों। होटल एसोसिएशन अल्मोड़ा के अध्यक्ष श्री राजेश बिष्ट जी ने विद्यालय प्रबन्‍धन  समिति व बच्चों के सम्मान में भोज व सम्मान कार्यक्रम आयोजित किया था। सम्मान कार्यक्रम में बच्चों के द्वारा विद्यालय व स्वयं का परिचय दिया तथा विभिन्न कार्यक्रम प्रस्तुत किए।  बच्चों को उनकी रूचि व इच्छानुसार खेल सामग्री देकर सम्मानित किया गया। विद्यालय के पुस्तकालय व खेल सामग्री को रखने हेतु सुन्दर रैक व अलमीरा विद्यालय प्रबन्‍धन समिति को भेंट की गई।  श्री राजेश बिष्ट जी ने बच्चों व विद्यालय प्रबन्‍धन समिति के इन प्रयासों को सराहा तथा कहा कि बच्चों के आत्मविश्वास व प्रस्तुति को देखकर उन्हें लगता है कि सरकारी विद्यालयों में हो रहे इन प्रयासों से लोगों की आस्था सरकारी विद्यालयों के प्रति बढ़ेगी।  इन सराहनीय प्रयासों के लिए वे विद्यालय प्रबन्‍धन समिति को बधाई देते हैं।  

कार्यक्रम के अन्‍त में विद्यालय प्रबन्‍धन समिति के अध्यक्ष श्री बसंत सिंह चम्याल, व प्रधानाध्यापक श्री भुवन चन्द्र जोशी जी ने सभी का आभार व्यक्त किया।

सायं 5:30 बजे हमारा काफिला गाड़ी में बैठ कर वापस चनोली की ओर रवाना हो गया।  गाड़ी में बैठते ही सभी लोग जनगीत व लोक गीत गाकर झूमने लगे।  यह यात्रा मेरे जीवन की अब तक की सबसे यादगार यात्रा रही।

आभार/साभार : कल्याण सिंह मनकोटी (सहायक अध्यापक)/teachers of find is.org

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  1. 📌 मन की बात ( Man Ki Baat) : आकाशवाणी में एक शैक्षिक भ्रमण - बच्चों की जिज्ञासा, रोमांच को देखकर मैंने तुरंत आकाशवाणी के निदेशक महोदय को फ़ोन किया। निदेशक महोदय जो मेरे अच्छे मित्र है तथा........
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