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एक छत के नीचे 'प्राइमरी का मास्टर' से जुड़ी शिक्षा विभाग की समस्त सूचनाएं एक साथ

बेसिक शिक्षा मंत्री राम गोविन्द चौधरी ने कहा की शिक्षामित्र हताश न हो उनकी रोजी रोटी की ब्यवस्था सरकार करेगी

सुप्रीम कोर्ट में रखा जाएगा पक्ष बेसिक शिक्षा मंत्री रामगोविंद चौधरी ने कहा है कि शिक्षामित्रों को परेशान होने की जरूरत नहीं है। उनकी रोजी-रोटी की व्यवस्था राज्य सरकार कराएगी। इसलिए वे धैर्य न खोएं और न ही परेशान हों। शिक्षामित्र हताशा व निराशा में कोई ऐसा कदम न उठाएं जिससे उनके परिवार व शिक्षा विभाग को परेशानियों का सामना करना पड़े। उन्होंने कहा कि हाईकोर्ट के आदेश की प्रति अभी नहीं मिली है, मिलते ही इसका कानूनी परीक्षण कराया जाएगा और जरूरी हुआ तो सुप्रीम कोर्ट में राज्य सरकार का पक्ष रखा जाएगा। शिक्षामित्रों को न्याय दिलाने में सरकार कोई भी कसर बाकी नहीं रखेगी। उन्हें जरूर न्याय मिलेगा। चौधरी रविवार रात यहां अपने आवास पर पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे। बेसिक शिक्षा मंत्री ने कहा कि शिक्षामित्रों के योगदान को राज्य सरकार समझती है और इसे ध्यान में रखते हुए ही उनके समायोजन का फैसला किया गया। सरकार ने शिक्षामित्रों के समायोजन के लिए नियमों का पूरा ध्यान रखा है। राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद से अनुमति लेकर ही उन्हें प्रशिक्षण दिया गया। शिक्षा का अधिकार अधिनियम आने के बाद छात्र शिक्षक अनुपात में समानता लाने के लिए शिक्षामित्रों को दो वर्षीय प्रशिक्षण देकर सहायक अध्यापक के पद पर समायोजित किया गया। उन्हें जहां तक जानकारी है, किसी भी इंटर पास शिक्षामित्र को सहायक अध्यापक के पद पर समायोजित नहीं किया गया है। दो वर्षीय प्रशिक्षण देने के बाद ही समायोजित किया गया स्नातक शिक्षामित्रों को दो वर्षीय प्रशिक्षण देने के बाद ही समायोजित किया गया है। उन्हें नहीं लगता कि समायोजन के लिए नियम बनाने में कहीं भी कोई चूक हुई है। उन्होंने कहा कि शिक्षामित्रों के हित में राज्य सरकार जरूरी कदम उठाएगी। वे उन समाचारों से बेहद व्यथित व विचलित हैं जिसमें कुछ शिक्षामित्रों के हाईकोर्ट का फैसला आने के बाद अप्रिय कदम उठाने की बात कही गई है। बेसिक शिक्षा मंत्री के नाते वे उनके अभिभावक हैं और उनसे अपील करते हैं कि वे ऐसा कोई भी कदम न उठाएं जिससे उनके परिवार को कठिन और अप्रिय स्थितियों का सामना करना पड़े। शिक्षामित्र आज पढ़ाई ठप कर स्कूलों में करेंगे तालाबंदी शिक्षामित्र सोमवार को राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद (एनसीटीई) के खिलाफ स्कूलों में तालाबंदी करके कार्य बहिष्कार करेंगे। शिक्षामित्रों ने आरोप लगाया है कि एनसीटीई ने भेदभावपूर्ण तरीके से हाईकोर्ट में काउंटर दाखिल किया है। इसके चलते ही उनके खिलाफ फैसला आया है। एनसीटीआई का दोहरा चरित्र हुआ उजागर उत्तर प्रदेश प्राथमिक शिक्षामित्र संघ के मंत्री कौशल कुमार सिंह ने कहा है कि इस मामले में एनसीटीई का दोहरा चरित्र उजागर हुआ है। उत्तराखंड में शिक्षामित्रों को शिक्षक बनाने के लिए टीईटी से छूट दी गई थी। वहां शिक्षामित्र काम कर रहे हैं, जबकि उत्तर प्रदेश में इसके विपरीत काउंटर दाखिल कर दिया गया। उन्होंने कहा कि केंद्रीय संस्था अलग-अलग राज्यों के लिए अलग-अलग मानक तय नहीं कर सकती है। उत्तर प्रदेश दूरस्थ बीटीसी शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष अनिल कुमार यादव ने कहा है कि एनसीटीई की दोहरी कार्यप्रणाली के चलते ही शिक्षामित्रों का समायोजन रद्द किया गया है। इसलिए सोमवार को कार्य बहिष्कार कर स्कूलों में तालाबंदी की जाएगी। आदर्श शिक्षामित्र वेलफेयर एसोसिएशन के अध्यक्ष जितेंद्र कुमार शाही ने कहा है कि राज्य सरकार ने एनसीटीई से अनुमति लेने के बाद ही स्नातक पास शिक्षामित्रों को प्रशिक्षण देकर सहायक अध्यापक पद पर समायोजित किया। शिक्षामित्र वर्ष 2000 से प्राइमरी स्कूलों में बतौर संविदा शिक्षक काम कर रहे हैं। एनसीटीई की अधिसूचना में साफ लिखा है कि वर्ष 2010 के पहले से कार्यरत शिक्षकों के लिए टीईटी पास करना अनिवार्य नहीं है। इसके बाद भी एनसीटीई ने हाईकोर्ट में गलत काउंटर दाखिल कर दिया।


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