शिक्षक शिवकुमार पाठक की बर्खास्तगी पर घिरी सरकार : बीईओ से लिखित छुट्टी लेकर गया था शिव कुमार ने कहा, सीएम बोले, प्राथमिक शिक्षा में सुधार को बनेगी कमेटी
लखनऊ (ब्यूरो)। सुल्तानपुर के जिस प्रशिक्षु शिक्षक शिव कुमार पाठक की याचिका पर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने ऐतिहासिक फैसला दिया, उसे बर्खास्त करने पर यूपी सरकार घिर गई है। बसपा के राष्ट्रीय महासचिव स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा कि जिसे सम्मानित करना चाहिए था, सरकार ने उसे बर्खास्त कर दिया। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष लक्ष्मीकांत वाजपेयी ने बर्खास्तगी को तानाशाही करार दिया है।
हालांकि यूपी सरकार ने बर्खास्तगी को नियमों के अंतर्गत बताया है। सरकार ने शिव कुमार को 13 अगस्त को बर्खास्त कर दिया था। अदालत का ऐतिहासिक फैसला 18 अगस्त को आया था। शिवकुमार प्रशिक्षु शिक्षक भर्ती प्रक्रिया में कोर्ट केस में मुख्य पक्षकार है।
गौरतलब है कि पक्षकार शिव कुमार की याचिका पर ही हाईकोर्ट ने सरकारी खजाने से वेतन पाने वाले मंत्रियों, जजों, अफसरों के बच्चों को सरकारी स्कूलों में शिक्षा अनिवार्य करने का फैसला सुनाया था। नेता प्रतिपक्ष स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा कि राज्य सरकार शिक्षक को बर्खास्त कर लोकतंत्र की आवाज दबा रही है। यह सरकार की खीझ है। साफ संकेत मिल रहा है कि राज्य सरकार हाईकोर्ट का फैसला मानना नहीं चाहती है। प्रदेश भाजपा अध्यक्ष लक्ष्मीकांत बाजपेयी ने कहा कि शिक्षक को बर्खास्त करना एक तरह से अदालत के निर्णय के खिलाफ कार्रवाई है। अहंकार में चूर सरकार का यह कदम सही बात उठाने वाले को धमकाने जैसा है।
•सीएम बोले, प्राथमिक शिक्षा में सुधार को बनेगी कमेटी
मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने यहां बृहस्पतिवार को कहा कि प्राथमिक स्कूलों में शिक्षा की गुणवत्ता बढ़ाने और सुधार के लिए एक कमेटी बनाई जाएगी। उन्होंने मंत्रियों, नेताओं और अफसरों के बच्चों को सरकारी प्राथमिक स्कूल में अनिवार्य रूप से पढ़ाने के हाईकोर्ट के फैसले पर पूछे गए एक सवाल के जवाब में यह बात कही। उन्होंने कहा कि कोर्ट के आदेश का अध्ययन किया जाएगा। हालांकि हाईकोर्ट में याचिका दाखिल करने वाले सुल्तानपुर के प्रशिक्षु शिक्षक शिव कुमार पाठक को बर्खास्त करने का सवाल वे टाल गए।
•नेता-अफसरों के बच्चों को सरकारी स्कूल में पढ़ाई अनिवार्य करने का मामला
अपना-अपना सच...
शिक्षा मंत्री : सरकारी कर्मचारी था पीआईएल कैसे दाखिल की
बेसिक शिक्षा मंत्री रामगोविंद चौधरी ने शिव कुमार की बर्खास्तगी को सही बताया। कहा, वह छह दिन तक स्कूल से गायब था। सरकारी कर्मचारी को पीआईएल का अधिकार नहीं है।
बीएसए : 12 दिन अनुपस्थित था
सुल्तानपुर बीएसए रमेश यादव ने कहा कि प्रशिक्षु शिक्षकों को ट्रेनिंग के दौरान छुट्टी का नियम नहीं है। शिव कुमार को चार बार में 12 दिन अनुपस्थित पाया था, इसलिए उसे 13 अगस्त को बर्खास्त कर दिया गया।
शिक्षक : लिखित छुट्टी लेकर गया था शिव कुमार ने कहा, मैं बीईओ से
छुट्टी की लिखित अनुमति लेकर कोर्ट गया था। मेरे पास सुबूत भी है। बर्खास्तगी में शासन की भूमिका हो सकती है।
खबर साभार : अमरउजाला/राष्ट्रीयसहारा
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