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एक छत के नीचे 'प्राइमरी का मास्टर' से जुड़ी शिक्षा विभाग की समस्त सूचनाएं एक साथ

प्रशिक्षु शिक्षकों को नौकरी दे दी, मानदेय और ट्रेनिंग का इंतजाम नहीं : तदर्थ शिक्षकों को नियमित करने की मांग-

प्रशिक्षु शिक्षकों को नौकरी दे दी, मानदेय और ट्रेनिंग का इंतजाम नहीं : तदर्थ शिक्षकों को नियमित करने की मांग-

लखनऊ : तदर्थ शिक्षकों को नियमित न किए जाने पर माध्यमिक शिक्षक संघ पांडेय गुट ने सरकार पर वादाखिलाफी का आरोप लगाया है। संघ के प्रदेश प्रवक्ता ओम प्रकाश त्रिपाठी ने कहा है कि बोर्ड परीक्षा मूल्यांकन के बहिष्कार के दौरान सरकार ने तदर्थ शिक्षकों को नियमित करने का वादा किया था। उसके बाद ही बहिष्कार खत्म हुआ था। तब से कई बार कैबिनेट की बैठक हो चुकी हैं लेकिन इस मुद्दे को शामिल नहीं किया गया। उन्होंने मुख्यमंत्री से इस मामले में हस्तक्षेप कर तदर्थ शिक्षकों को नियमित करने की मांग की है।

टीईटी शिक्षक भर्ती में करीब 54 हजार अभ्यर्थियों को नियुक्ति पत्र मिल गए। स्कूलों से अटैच किए हुए भी तीन महीने बीत गए लेकिन मानदेय मिलना अभी तक शुरू नहीं हुआ। अभी यह भी तय नहीं है कि बचे हुए तीन महीने कहां और कब ट्रेनिंग होगी। सभी को ट्रेनिंग के दौरान 7.5 हजार रुपये मानदेय दिया जाना था। हालात तो ऐसे हैं कि नए शिक्षक अब अपने खर्चे पर दूसरे जिलों में रह रहे हैं। 

"अभी नौकरी दे दी है और प्रक्रिया चल रही है। केंद्र को भर्तियों की रिपोर्ट भेजी है। उसके बाद वहां से मंजूरी मिलेगी और मानदेय एवं वेतन के लिए धनराशि मिलेगी। उसके बाद ही शिक्षकों को मानदेय दिया जा सकेगा।"
- राम गोविंद चौधरी, बेसिक शिक्षा मंत्री

सरकार की कोई योजना ही नहीं है। कोर्ट के आदेश पर नियुक्तियां दे दीं। मानदेय की धनराशि का इंतजाम भी पहले से करना चाहिए था। इसका खामियाजा तो शिक्षक ही भुगतेंगे। हम मांग करते हैं कि जल्द नीति स्पष्ट की जाए।
- विनय कुमार सिंह, अध्यक्ष प्रशिक्षित स्नातक शिक्षक असोसिएशन

सुप्रीम कोर्ट की फटकार के बाद प्रदेश सरकार ने 72 हजार शिक्षकों की भर्ती में जल्द काउंसलिंग कराते हुए नियुक्ति पत्र बांट दिए थे। करीब 54 हजार को नियुक्ति पत्र भी मिल गए। उन्हें ट्रेनिंग के लिए मेरिट के आधार पर स्कूलों में भेज दिया गया। सरकार ने कहा था कि छह महीने की ट्रेनिंग होगी। इसमें तीन महीने थियरी और तीन महीने प्रैक्टिकल के होंगे। सभी को ट्रेनिंग के दौरान 7.5 हजार रुपये मानदेय दिया जाना था। लेकिन अब तक कुछ नहीं मिला।

   ट्रेनिंग का शिड्यूल ही तैयार नहीं-

हकीकत यह है कि बेसिक शिक्षा विभाग ने ट्रेनिंग का शिड्यूल ही तैयार नहीं किया। प्रैक्टिकल, थियरी और टेस्ट की तारीख नहीं तय की गई। बेसिक शिक्षा अधिकारियों को इस तरह का शिड्यूल अभी तक नहीं भेजा गया। वे भी यह तय नहीं कर पा रहे हैं कि थियरी के लिए डायट और बीआरसी भेजा जाए या फिर स्कूल में ही ट्रेनिंग करवाई जाए। उन्हें शासन और विभाग के निर्देशों का इंतजार है।

        खबर साभार : नवभारत टाइम्स

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