महापुरुषों की जयंती पर छुट्टी घोषित करने को बने नीति : राम नाईक बोले, वीरता-स्वाभिमान में शिवाजी से आगे महाराणा प्रताप-
लखनऊ। राज्यपाल राम नाईक ने कहा कि सूबे में महापुरुषों की जयंती व पुण्यतिथि पर घोषित होने वाले अवकाशों के लिए नीति बननी चाहिए। इस दिन मिलने वाली छुट्टियां मौज-मस्ती के लिए नहीं हैं। अवकाश का उपयोग महापुरुषों के उद्देश्य को पूरा करने के लिए होना चाहिए।
नाईक शनिवार को महाराणा प्रताप की जयंती पर हुसैनगंज चौराहा पर आयोजित समारोह में मुख्य अतिथि के तौर पर बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि महाराणा प्रताप वीरता, अदम्य साहस और स्वाभिमान के प्रतीक हैं। इतिहास में महाराणा प्रताप से अधिक बहादुर देशभक्त दूसरा कोई नहीं है। उनके बाद ही शिवाजी महाराज का नाम आता है। इस मौके पर यहां लगी महाराणा प्रताप की प्रतिमा को करीब दो साल बाद स्टेनलेस स्टील का भाला मिल गया। क्षत्रिय संगठन काफी लंबे समय से इसके लिए प्रयास कर रहे थे। समारोह में ग्राम विकास मंत्री अरविंद सिंह गोप ने महाराणा प्रताप के जीवन और उनसे जुड़े कई प्रसंगों पर चर्चा की। कार्यक्रम में समिति के मुख्य संयोजक वकील सिंह विसेन भी मौजूद थे।
अखिल भारतीय क्षत्रिय कल्याण परिषद उप्र की ओर से प्रेस क्लब में महाराणा प्रताप के जीवन दर्शन पर संगोष्ठी हुई। इससे पूर्व हुसैनगंज स्थित महाराणा प्रताप की प्रतिमा पर पूर्व डीजीपी यशपाल सिंह समेत कई अधिकारियों ने माल्यार्पण किया। उधर, अखिल भारतीय धोबी विकास एसोसिएशन, महर्षि सुपंच धानुक सुदर्शन प्रतिनिधियों ने महाराणा प्रताप को याद किया। इसी तरह लखनऊ जनकल्याण महामंच की ओर महाराणा प्रताप की जयंती मनाई गई। इस मौके पर महामंच के अध्यक्ष पीतांबर भट्ट, संरक्षक सतीश कुमार पांडेय और प्रवक्ता सुशील कुमार बच्चा ने कहा कि देश उनके बलिदान को कभी भूला नहीं पाएगा।
महाराणा प्रताप की जयंती पर राजधानी में हुए कई कार्यक्रम-
महाराणा प्रताप जयंती पर शनिवार को हुसैनगंज चौराहे पर आयोजित समारोह में राज्यपाल राम नाईक ने उनकी प्रतिमा पर पुष्प अर्पित किए।
खबर साभार : अमरउजाल
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