सरकार आठवीं कक्षा तक फेल नहीं करने की प्रणाली को बदलने की तैयारी कर रही : नई शिक्षा नीति में बस्ते का बोझ कम करने की मांग-
नई दिल्ली(ब्यूरो)। देश में नई शिक्षा नीति को लेकर शुरू हुई विचार विमर्श की प्रक्रिया के साथ ही बिना किसी बोझ के पढ़ाई लिखाई की मांग भी तेज होने लगी है। कई शिक्षाविद और विशेषज्ञों ने सरकार से मांग की है कि नई शिक्षा नीति के तहत खेल-खेल में पढ़ाई की प्रणाली अमल में लाना जरूरी है।
दरअसल, नई शिक्षा नीति को लेकर चर्चा है कि सरकार आठवीं कक्षा तक फेल नहीं करने की प्रणाली को बदलने की तैयारी कर रही है। इससे यह आशंका भी है कि पढ़ने लिखने के पुराने तौर तरीकों को फिर से लाने की तैयारी चल रही है। इससे छात्रों पर बस्ते और किताबों के बोझ फिर बढ़ जाएगा। मशहूर शिक्षाविद प्रोफेसर इम्तियाज अहमद कहते है कि पिछले कुछ सालों में पढ़ने-लिखने का तरीका अलग हो चला है। कलम और पुस्तक की पढ़ाई-लिखाई के अलावा व्यक्तित्व निर्माण की अहम बातों को स्कूल में सिखाने से बच्चों को काफी मदद मिली है।
खबर साभार : अमरउजाला
दयानन्द त्रिपाठी
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