मॉडल स्कूलों में पढ़ाई पर शिक्षा विभाग पसोपेश में : केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने इनके संचालन के लिए धन देने से कर दिया मना-
१-इसी शैक्षिक सत्र से शुरू करानी थी पढ़ाई
२-उच्च स्तर से नहीं मिला कोई नया दिशा-निर्देश
लखनऊ (ब्यूरो)। राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान में खुलने वाले मॉडल स्कूलों में पढ़ाई को लेकर माध्यमिक शिक्षा विभाग पसोपेश में फंसा हुआ है। राज्य सरकार ने इन स्कूलों में इसी शैक्षिक सत्र यानी अप्रैल से पढ़ाई शुरू कराने का निर्णय किया था। कैबिनेट ने यह भी निर्णय किया था कि इन स्कूलों को आदर्श स्कूल बनाते हुए सीबीएसई पैटर्न पर पढ़ाई कराई जाएगी। सत्र शुरू हुए एक माह बीत गया लेकिन यह तय नहीं हो सका कि इन स्कूलों में कब से पढ़ाई शुरू कराई जाए। माध्यमिक शिक्षा निदेशक अवध नरेश शर्मा कहते हैं कि उच्च स्तर से अभी इस बारे में कोई नया दिशा-निर्देश नहीं मिला है। वहां से आदेश आने के बाद ही कुछ कहा जा सकता है।
केंद्र ने राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान में वर्ष 2010-11 में 148 तथा 2012-13 में 45 मॉडल स्कूल स्वीकृत किए थे। इनमें से अधिकतर का निर्माण कार्य लगभग पूरा हो चुका है। फर्नीचर व लैब उपकरण खरीदने की प्रक्रिया चल रही है। राज्य सरकार ने इन स्कूलों को सीबीएसई पैटर्न पर चलाने का निर्णय किया था। राज्य मंत्रिमंडल से मंजूरी के बाद इन स्कूलों को मान्यता दिलाने की प्रक्रिया भी शुरू होने वाली थी, लेकिन केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने इनके संचालन के लिए धन देने से मना कर दिया।
राज्य सरकार अब इस दुविधा में है कि मॉडल स्कूलों को किस पैटर्न पर चलाया जाए। सीबीएसई पैटर्न पर चलाने के लिए माध्यमिक शिक्षा विभाग में एक अलग सेल बनाना होगा जो इन स्कूलों में तैनात होने वाले शिक्षकों व कर्मचारियों का ब्यौरा रख सके। इसके अलावा हर साल बजट में इनके लिए अलग से प्रावधान भी करना होगा। राज्य सरकार यदि यूपी बोर्ड से पढ़ाई कराना चाहती है तो इसके लिए कैबिनेट से अनुमति लेनी होगी। फिलहाल इन स्थितियों में मॉडल स्कूलों में पढ़ाई कब शुरू हो पाएगी, विभागीय अधिकारी भी कुछ स्पष्ट नहीं कह पा रहे हैं।
खबर साभार : अमरउजाला
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