लखनऊ (एसएनबी)। अब बीएड और एमएड की तरह से बीपीएड व एमपीएड की पढ़ाई भी दो साल की होगी। इसके लिए नेशनल काउंसिल फॉर टीचर एजुकेशन (एनसीटीई) की ओर से नोटिफिकेशन जारी कर दिया गया है। दो साल का नया कोर्स इसी साल से लागू कर दिया जाएगा। इसके लिए एनसीटीई ने सभी विविद्यालयों को पत्र भेजकर दो साल का पाठय़क्रम इसी वर्ष से शुरू करने का निर्देश दिया है। एनसीटीई की ओर से जारी नोटिफिकेशन में कहा गया है कि बीपीएड (बैचलर ऑफ फिजिकल एजूकेशन) और एमपीएड (मॉस्टर ऑफ फिजिकल एजूकेशन) के कोर्स की अवधि एक साल से बढ़ाकर दो साल कर कर दी गयी है। इसको इसी साल से लागू किया जाएगा। दो वर्षीय कोर्स में सेमेस्टर और इंटरनल असेसमेंट सिस्टम लागू किया जाएगा। कोर्स को चार सेमेस्टर में विभाजित किया जाएगा जबकि तिमाही इंटर्नल असेसमेंट किया जाएगा। गौरतलब है कि इससे पहले बीएड (बैचलर ऑफ एजूकेशन) और एमएड (मॉस्टर ऑफ एजूकेशन) के कोर्स भी एक साल के होते थे। इसको भी पहले ही दो साल का कर दिया गया था। इसके बाद से अनुमान लगाया जा रहा था कि बीपीएड और एमपीएड को भी दो साल कर दिया जाएगा।
खबर साभार : राष्ट्रीयसहारा
अब बीपीएड-एमपीएड भी दो साल का : एनसीटीई ने नए सत्र से व्यवस्था करने के दिए निर्देश-
लखनऊ : अब बैचलर ऑफ फिजिकल एजुकेशन (बीपीएड) और मास्टर ऑफ फिजिकल एजुकेशन (एमपीएड) का कोर्स भी बीएड की तरह दो साल का होगा। नैशनल काउंसिल फॉर टीचर्स एजुकेशन (एनसीटीई) ने सभी विश्वविद्यालयों को नए सत्र में इसी के मुताबिक करिकुलम बनाने और कॉलेजों को सम्बद्धता के मानक तय करने को कहा है।
एनसीटीई ने दिसंबर-2014 में बीएड और एमएड कोर्स दो साल का करने का नोटिफिकेशन जारी किया था। इसके तहत बीपीएड और एमपीएड कोर्स की अवधि भी दो साल कर दी गई है। काउंसिल ने इसी सम्बंध में सभी विश्वविद्यालयों को पत्र भेजा है और इन रेगुलेशंस को नए सत्र से प्रभावी मानने को कहा है।
बीपीएड: एक कॉलेज में अधिकतम 100 सीट
कोर्स: बैचलर आफ फिजिकल एजुकेशन (बीपीएड) चार सेमेस्टर का होगा। एक सेक्शन में अधिकतम 50 सीटें होंगी और एक कॉलेज को अधिकतम दो सेक्शन दिए जाएंगे। कॉलेज में 100 सीटों के लिए एक प्रिंसिपल, दो असोसिएट प्रफेसर और छह असिस्टेंट प्रफेसर जरूरी होंगे। इसके साथ आठ पार्ट टाइम टीचर भी रखे जाएंगे। एनसीटीई ने मूल्यांकन के लिए इंटरनल असेसमेंट भी लागू करने को कहा है। यह लागू होने पर 70 फीसदी अंक लिखित परीक्षा और 30 फीसदी अंक इंटरनल के जरिए तय होंगे।
फैकल्टी: असिस्टेंट प्रफेसर बनने के लिए एमपीएड में 55 फीसदी अंक जरूरी है। इसके साथ यूजीसी की निर्धारित अर्हता अनिवार्य रहेगी, हालांकि अब कॉलेज में प्रिंसिपल बनने के लिए पीएचडी के साथ 15 साल की बजाय 8 साल का अकेडमिक अनुभव पर्याप्त माना गया है |
खबर साभार : नवभारत टाइम्स
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