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कुपोषित बच्चों की होगी ऑनलाइन निगरानी : सरकार ने बनाई न्यूट्रिशन सर्विलांस वेबसाइट,सूबे में 42 प्रतिशत बच्चे हैं कुपोषण के शिकार-

कुपोषित बच्चों की होगी ऑनलाइन निगरानी : सरकार ने बनाई न्यूट्रिशन सर्विलांस वेबसाइट,सूबे में 42 प्रतिशत बच्चे हैं कुपोषण के शिकार-

लखनऊ। प्रदेश सरकार अब कुपोषित बच्चों की ऑनलाइन निगरानी करेगी। इसके लिए सरकार ने न्यूट्रिशन सर्विलांस वेबसाइट बनाई गई है। इस वेबसाइट के जरिए तीन वर्ष तक की आयु के बच्चों की सेहत पर नजर रखी जाएगी। वेबसाइट में हर अति कुपोषित बच्चे का डाटा बैंक होगा। इसी के हिसाब से उसे कुपोषण से बचाया जाएगा।

प्रदेश में अल्प वजन के आधार पर कुपोषित बच्चों की संख्या 42 प्रतिशत है। वर्ष 1998 से 2006 के बीच किए गए उपायों से करीब एक फीसदी से भी कम का सुधार हुआ था। इस स्थिति से चिंतित सरकार ने कुपोषण से बच्चों को बचाने के लिए कई उपाय किए। इन उपायों पर कई स्तर से नजर रखी जा रही है। इसी क्रम में सरकार ने अब ऑनलाइन निगरानी के लिए न्यूट्रिशन सर्विलांस वेबसाइट (www.upsnm.in/nutrition) बनाई है। इस वेबसाइट के जरिए लाल श्रेणी में आने वाले अति कुपोषित बच्चों की नियमित निगरानी की जाएगी।

वेबसाइट पर ही प्रत्येक बच्चे का विस्तृत विवरण दर्ज किया जाएगा। ग्रोथ चार्ट के अनुसार ही बच्चों की प्रगति पर नजर रखी जाएगी। आंगनबाड़ी केंद्रों से कुपोषित बच्चों का डाटा हर माह लेकर उसे वेबसाइट में माह की 10 तारीख को अपलोड किया जाएगा। ग्रोथ चार्ट में यह देखा जाएगा कि कुपोषित बच्चों में क्या सुधार हुआ। यदि जरूरी हुआ तो विशेषज्ञ बच्चे की स्थिति में सुधार के लिए आवश्यक निर्देश देंगे। इस संबंध में मुख्य सचिव आलोक रंजन ने सभी डीएम व सीडीओ को भेजे पत्र में कहा है कि कुपोषित बच्चों की ऑनलाइन निगरानी में किसी भी प्रकार की शिथिलता न बरती जाए।

डाटा इंट्री के लिए हर जिले में रखे जाएंगे ऑपरेटर-

कुपोषित बच्चों की ऑनलाइन निगरानी के लिए हर जिले में डाटा इंट्री ऑपरेटर रखे जाएंगे। इसके लिए राज्य पोषण मिशन ने प्रत्येक जिले को 10 हजार रुपये का आवंटन भी किया है। बाल विकास एवं पुष्टाहार के जिला कार्यक्रम अधिकारी को डीएम से नियमानुसार अनुमोदन लेकर इस रकम से आउटसोर्स कर डाटा इंट्री का काम कराना होगा। यह रकम जिला कार्यक्रम अधिकारी द्वारा पोषण मिशन नाम से राष्ट्रीयकृत बैंक के बचत खाते में रखी जाएगी। इस खाते का संचालन जिला कार्यक्रम अधिकारी व सहायक संख्या अधिकारी द्वारा संयुक्त रूप से किया जाएगा।

        खबर साभार : अमरउजाला

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