चपरासी के खाते में भेजे 22 लाख : शासन ने बैठाई जांच, चपरासी को निलंबित करने का निर्देश-
लखनऊ। सुनने में भले ही आश्चर्य लगे पर यह सोलह आने सही है कि श्रावस्ती में जिला विद्यालय निरीक्षक कार्यालय ने सहायता प्राप्त स्कूल के एक चपरासी के खाते में शिक्षकों व कर्मियों के वेतन का 22 लाख रुपये जमा करा दिया। चपरासी के खाते में रुपये जमा कराने का खेल वर्ष 2007 से लेकर 2011 तक चला, लेकिन इस पर किसी ने आपत्ति नहीं उठाई। जिलाधिकारी श्रावस्ती ने प्रमुख सचिव माध्यमिक शिक्षा को पत्र भेजकर यह चौंकाने वाली जानकारी दी। इस पर प्रमुख सचिव माध्यमिक शिक्षा जितेंद्र कुमार ने जांच बैठाते हुए चपरासी रणवीर कुमार सिंह को तत्काल निलंबित करने व उसका खाता सीज करने का निर्देश दिया गया है। चपरासी के खाते में सरकारी पैसा भेजने वाले दोषी वहां के लेखा लिपिक व लेखाधिकारी के खिलाफ भी कार्रवाई के निर्देश दिए हैं।
• यह है मामला-
सहायता प्राप्त इस इंटर कॉलेज में कार्यरत शिक्षकों व कर्मचारियों का वेतन जिला विद्यालय निरीक्षक कार्यालय से ट्रेजरी के माध्यम से स्कूल प्रबंधन के खाते में जाना चाहिए ताकि समय पर वेतन बांटा जा सके। लेकिन इकौना श्रावस्ती के जगतजीत इंटर कॉलेज में इसके विपरीत हुआ। जिला विद्यालय निरीक्षक कार्यालय के अधिकारियों और बाबुओं की मिलीभगत से वेतन मद का पैसा स्कूल प्रबंधन के खाते में न भेजकर वहां कार्यरत चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी रणवीर कुमार सिंह के खाते में जमा कराया जाता रहा।
• विधायक के शिकायती पत्र से मिली जानकारी-
जिलाधिकारी श्रावस्ती ने बताया कि उन्हें चपरासी के खाते में पैसे भेजने की जानकारी विधायक हाजी मोहम्मद रमजान के शिकायती पत्र से मिली। इसके बाद इसकी जांच वर्तमान जिला विद्यालय निरीक्षक से कराई गई। उन्होंने इसकी पुष्टि करते हुए बताया कि यह मामला वर्ष 2007 से 2011 के बीच का है और वह उस समय डीआईओएस के पद पर नहीं थे। जिलाधिकारी ने यह भी अंदेशा जताया है कि जिला विद्यालय निरीक्षक कार्यालय के अधिकारी व कर्मचारी जब एक स्कूल में ऐसा कर सकते हैं, तो अन्य स्कूलों में भी ऐसा किया जा सकता है। इसलिए पूरे जिले के सहायता प्राप्त स्कूलों की जांच कराते हुए दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जाए।
• जेडी फैजाबाद की अध्यक्षता में जांच कमेटी-
प्रमुख सचिव माध्यमिक शिक्षा जितेंद्र कुमार ने फैजाबाद मंडल के संयुक्त शिक्षा निदेशक की अध्यक्षता में जांच कमेटी बना दी है। उनका सहयोग वरिष्ठ लेखाधिकारी निदेशालय माध्यमिक शिक्षा करेंगे। कमेटी पिछले पांच वर्षों में हुए सभी वित्तीय मामलों की जांच करेगी और एक महीने में शासन को रिपोर्ट सौंपेंगी।
खबर साभार : अमरउजाला
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