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एक छत के नीचे 'प्राइमरी का मास्टर' से जुड़ी शिक्षा विभाग की समस्त सूचनाएं एक साथ

परिषदीय स्कूलों का बदलेगा माहौल, नजीर बनेंगे सरकारी स्कूल : जिले के हर ब्लाक में होंगे माडल स्कूल-

परिषदीय स्कूलों का बदलेगा माहौल, नजीर बनेंगे सरकारी स्कूल : जिले के हर ब्लाक में होंगे माडल स्कूल-

कानपुर : सूबे के सरकारी विद्यालयों के बच्चे भी अब कांवेंट स्कूलों के छात्र-छात्राओं के साथ कदमताल कर सकेंगे। प्रतिस्पर्धा के दौर में प्रदेश सरकार ने सरकारी स्कूल के मेधावियों के लिए कुछ ऐसा माहौल देने की तैयारी की है, जिससे वह अपने सपनों को साकार कर सकें। उन्हें अंग्रेजी के साथ ही अन्य विषयों में दक्ष किया जाएगा। इसके लिए जिले के हर ब्लाक में मॉडल स्कूल खोलकर आधुनिक शैक्षणिक माहौल व सुविधाएं देने की कवायद हो रही है।

मॉडल स्कूल खुलने के बाद नगर के सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों की 12वीं तक की पढ़ाई में गरीबी बाधा नहीं बनेगी। ये स्कूल केंद्रीय विद्यालयों की तर्ज पर खोले जाएंगे। सोमवार को कैबिनेट की बैठक में मुख्यमंत्री के मॉडल स्कूलों को खोले जाने की घोषणा करने के बाद इनकी तैयारियां शुरू हो गई हैं। इसके चलते नगर के सभी ब्लाकों के खाते में एक एक स्कूल आ सकता है। इन स्कूलों को प्रत्येक ब्लाक में पहले से बने प्राइमरी और उच्च प्राइमरी स्कूलों का भौतिक सत्यापन करके विकसित किया जाएगा। बच्चों को शुरू से ही बेहतर शिक्षा देने के लिए मॉडल स्कूल की स्थापना पर जोर दिया जा रहा है।

• यहां से मिलेगा धन-

मॉडल स्कूल खोलने में आने वाली लागत का 75 फीसद केंद्र देगा जबकि शेष 25 फीसद राज्य देंगे। योजना के तहत देश के 6000 ब्लाकों में मॉडल स्कूल खोले जाने हैं। योजना का उद्देश्य शिक्षा में पिछड़े स्कूलों को बढ़ावा देना है। हर स्कूल में 560 छात्रों का प्रवेश होगा। 6000 स्कूलों में 3500 का निर्माण केंद्र व राज्य मिल कर करेंगे, जबकि शेष सरकारी निजी भागीदारी (पीपीपी) के आधार पर खोले जाने हैं।
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मॉडल स्कूल खोलने के संबध में सात नवंबर को लखनऊ में बुलाया गया है। कितना धन मिलेगा, कैसे मेंटीनेंस होगा, कैसे अन्य स्कूलों के लिए मॉडल होंगे, वहां पढ़ाने वाले शिक्षकों का स्तर क्या होगा। यह सब बैठक के बाद तय होगा।
-राजेन्द्र प्रसाद, बीएसए

     खबर साभार : दैनिकजागरण

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