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डायट प्राचार्य ने जगह देने से इंकार किया विकलांग बच्चों का : 15 अगस्त से ही डायट परिसर में होना था प्रशिक्षण-

डायट प्राचार्य ने जगह देने से इंकार किया
विकलांग बच्चों का : 15 अगस्त से ही डायट परिसर में होना था प्रशिक्षण

• अभी जगह तय नहीं किसी अन्य जगह प्रशिक्षण कराया जाएगाः डीएम

महराजगंज। जिले में एक्सीलरेटेड लनिंर्ग कैंप योजना के तहत विकलांग बच्चों को प्रशिक्षण देने का कार्य लटका हुआ है। इसे 15 अगस्त से ही शुरू होना था और स्थिति ये है कि अभी तक बीएसए प्रशिक्षण के लिए जगह ही तलाश नहीं कर पाए हैं। इन्होंने डायट परिसर में प्रशिक्षण की योजना बनाई थी, जिसे डायट प्रचार्य ने खारिज कर दिया है।

प्री-इंटीग्रेशन कैंप बंद कर जिले में दो एक्सीलरेटेड लर्निंग कैंप शुरू किए जाने थे। कैंप में 60-60 बच्चाें को विकलांगता के अनुसार प्रशिक्षित किया जाना था। शिविर 15 अगस्त से शुरू होना था। जिले में 6225 विकलांग बच्चे हैं। इसमें 2250 दृष्टिबाधित, 1043 श्रवण बाधित, 2681 अस्थि विकलांग, 219 मानसिक विकलांग, 28 अधिगम अक्षमता वाले, चार सभी प्रकार की विकलांगता वाले बच्चे हैं। पिछले साल शासन ने प्री-इंट्रीग्रेशन कैंप पर रोक लगाकर नई योजना एक्सीलरेटेड लर्निंग कैंप शुरू किया। जिले में इसके दो कैंप चलाने थे। प्रत्येक कैंप में दृष्टि और श्रवण बाधित 60-60 बच्चाें को शामिल किया जाना था।

प्रशिक्षण के लिए डायट को चुना गया तो प्राचार्य ने डायट पर जगह नहीं होने का हवाला देकर प्रशिक्षण कराने से मना कर दिया। डायट प्राचार्य अशोक कुमार चौरसिया का कहना है कि प्रशिक्षण और डायट की अन्य गतिविधियों के लिए पहले से ही जगह कम है। बीएसए रमाकांत ने बताया कि जगह की तलाश की जा रही है। जीजीआईसी धनेवा और मल्टी स्टोरी चिउरहा का निरीक्षण किया गया है। डीएम से अनुमति लेकर प्रशिक्षण शुरू करा दिया जाएगा। डीएम सुनील कुमार श्रीवास्तव का कहना है कि डायट पर जमीन नहीं मिल रही है तो किसी अन्य जगह प्रशिक्षण कराया जाएगा।

      खबर साभार : अमरउजाला

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