बीएड की 75 हजार खाली सीटें कैसे भरेंगे : शासन ने बुंदेलखंड विश्वविद्यालय से अभी तक की कार्रवाई का ब्यौरा मांगा
लखनऊ। शासन ने बुंदलेखंड विश्वविद्यालय से सूबे में बीएड की खाली 75 हजार से अधिक सीटों को भरने के संबंध में की गई कार्रवाई का ब्यौरा तलब किया है। शासन ने पूछा, इतनी बड़ी संख्या में खाली सीटों को कैसे भरा जाएगा। क्या इसके लिए कोई कार्यक्रम तय किया है। विवि से जानकारी मिलने पर ही शासन आगे की कार्रवाई करेगा।
प्रदेश में मौजूदा समय बीएड की 1.38 लाख सीटें हैं। बुंदेलखंड विश्वविद्यालय, झांसी को संयुक्त बीएड प्रवेश परीक्षा कराने की जिम्मेदारी सौंपी गई थी। विवि ने जब प्रवेश परीक्षा पास होने वाले अभ्यर्थियों की काउंसलिंग कराई तो 75 हजार से अधिक सीटें खाली रह गईं। वह दूसरे चरण की काउंसलिंग 21, 22 व 23 जुलाई को कराना चाहता था। लेकिन सुप्रीम कोर्ट का स्पष्ट आदेश, बीएड प्रवेश परीक्षा में पास होने वालों अभ्यर्थियों की विवि स्तर पर महज एक ही बार काउंसलिंग कराई जाएगी। लिहाजा विवि ने इसके लिए सुप्रीम कोर्ट से अनुमति मांगी, पर इस पर वहां को फैसला नहीं हो सका। सुप्रीम कोर्ट में इस मामले की सुनवाई 12 अगस्त को होगी।
उधर, विश्वविद्यालय स्तर से बीएड की खाली सीटों को भरने के लिए कोई ठोस प्रयास न किए जाने की वजह से निजी कॉलेज प्रबंधकों ने प्रमुख सचिव उच्च शिक्षा नीरज गुप्ता से मुलाकात की थी। इसका बाद ही शासन ने विश्वविद्यालय प्रशासन से खाली सीटों को भरने के संबंध में ब्यौरा मांगा है।
साभार : अमरउजाला
लखनऊ। शासन ने बुंदलेखंड विश्वविद्यालय से सूबे में बीएड की खाली 75 हजार से अधिक सीटों को भरने के संबंध में की गई कार्रवाई का ब्यौरा तलब किया है। शासन ने पूछा, इतनी बड़ी संख्या में खाली सीटों को कैसे भरा जाएगा। क्या इसके लिए कोई कार्यक्रम तय किया है। विवि से जानकारी मिलने पर ही शासन आगे की कार्रवाई करेगा।
प्रदेश में मौजूदा समय बीएड की 1.38 लाख सीटें हैं। बुंदेलखंड विश्वविद्यालय, झांसी को संयुक्त बीएड प्रवेश परीक्षा कराने की जिम्मेदारी सौंपी गई थी। विवि ने जब प्रवेश परीक्षा पास होने वाले अभ्यर्थियों की काउंसलिंग कराई तो 75 हजार से अधिक सीटें खाली रह गईं। वह दूसरे चरण की काउंसलिंग 21, 22 व 23 जुलाई को कराना चाहता था। लेकिन सुप्रीम कोर्ट का स्पष्ट आदेश, बीएड प्रवेश परीक्षा में पास होने वालों अभ्यर्थियों की विवि स्तर पर महज एक ही बार काउंसलिंग कराई जाएगी। लिहाजा विवि ने इसके लिए सुप्रीम कोर्ट से अनुमति मांगी, पर इस पर वहां को फैसला नहीं हो सका। सुप्रीम कोर्ट में इस मामले की सुनवाई 12 अगस्त को होगी।
उधर, विश्वविद्यालय स्तर से बीएड की खाली सीटों को भरने के लिए कोई ठोस प्रयास न किए जाने की वजह से निजी कॉलेज प्रबंधकों ने प्रमुख सचिव उच्च शिक्षा नीरज गुप्ता से मुलाकात की थी। इसका बाद ही शासन ने विश्वविद्यालय प्रशासन से खाली सीटों को भरने के संबंध में ब्यौरा मांगा है।
साभार : अमरउजाला

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