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एक छत के नीचे 'प्राइमरी का मास्टर' से जुड़ी शिक्षा विभाग की समस्त सूचनाएं एक साथ

FAKE, SHIKSHAK BHARTI : 69000 शिक्षक भर्ती फर्जीवाड़ा, मोस्ट वांटेड बना स्कूल प्रबंधक चंद्रमा यादव

FAKE, SHIKSHAK BHARTI : 69000 शिक्षक भर्ती फर्जीवाड़ा, मोस्ट वांटेड बना स्कूल प्रबंधक चंद्रमा यादव

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69000 शिक्षक भर्ती: मोस्ट वांटेड बना स्कूल प्रबंधक चंद्रमा यादव

Published By: Alakha Singh | वरिष्ठ संवाददाता,प्रयागराजUpdated: Sun, 14 Jun 2020 06:17 AM

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स्कूल प्रबंधक चंद्रमा यादव को 69000 सहायक शिक्षक भर्ती में धांधली के आरोप में मोस्ट वांटेड कर दिया गया है। इस केस के नामजद आरोपी मायापति दुबे के साथ चंद्रमा यादव की तलाश में भी एसटीएस जुट गई है। आरोप है कि मायापति दुबे ने अभ्यर्थियों से लाखों रुपए वसूले थे तो चंद्रमा यादव पूर्व जिला पंचायत सदस्य डॉक्टर कृष्ण लाल पटेल के साथ मिलकर पेपर आउट कराने से लेकर अभ्यर्थियों को नकल कराने में शामिल रहा है। उसकी संलिप्तता साबित होने के बाद पुलिस ने विवेचना में चंद्रमा यादव का नाम प्रकाश में लाया और उसे भी वांटेड कर दिया। इस केस में वांछित सभी आरोपियों की तलाश में एसटीएफ की टीम सक्रिय हो गई हैं। 

बताया जाता है कि टीपी नगर, धूमनगंज का रहने वाला चंद्रमा यादव वर्षों से विहिप से जुड़ा रहा। धूमनगंज में पंचम लाल आश्रम उच्चतर माध्यमिक विद्यालय का संचालन करता है। रेलवे भर्ती से लेकर अन्य प्रतियोगी परीक्षाओं का सेंटर उसके विद्यालय में रहा है। उस पर आरोप था कि वह अपने कॉलेज से ही पेपर आउट कराकर सॉल्वर गैंग से मिलीभगत करके अभ्यर्थियों को पास कराने का ठेका लेता रहा।

इसका खुलासा एसटीएफ ने टीईटी 2019 का पेपर आउट कराने की साजिश रचने वाले गैंग का खुलासा करने के साथ किया था। स्कूल प्रबंधक चंद्रमा यादव समेत सात लोग पकड़े गए थे। इनके पास 180 मोबाइल, 220 सिम कार्ड और इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस बरामद हुए थे। उस वक्त एसटीएफ ने दावा किया था कि स्कूल प्रबंधक चंद्रमा यादव ने ही अपने पंचम लाल आश्रम उच्चतर माध्यमिक विद्यालय से पेपर आउट कराकर सॉल्वर गैंग को पेपर भेजता और वहां से आंसर छात्रों को ब्लूटूथ डिवाइस के मदद से बताया जाता। कुछ दिन पहले ही चंद्रमा यादव इस मामले में जमानत पर रिहा हुआ है इसके बाद से फरार है।

वहीं दूसरी ओर, 69000 शिक्षा भर्ती का फर्जीवाड़ा करने वाले गैंग में आरोपी डॉ. केएल पटेल, स्कूल प्रबंधक ललित त्रिपाठी, लेखपाल संतोष आदि पकड़े गए तो पूछताछ में यह भी पता चला कि इसी गैंग के साथ मिलकर चंद्रमा यादव ने भी फर्जीवाड़ा किया है। एसटीएफ इन आरोपियों की तलाश में प्रतापगढ़, भदोही और अन्य जिलों में छापेमारी कर रही है।


पहले था मंत्री का करीबी
बताया जाता है कि चंद्रमा यादव विहिप का सक्रिय सदस्य रहा है। सेटिंग करके एक मंत्री का करीबी बन गया लेकिन जब मंत्री को उसकी हरकतों के बारे में पता चला तो उन्होंने उससे दूरी बना ली। वर्तमान में भी कुछ अन्य संगठनों से भी चंद्रमा यादव जुड़ा हुआ है।


69000 शिक्षक भर्ती के फर्जीवाड़ा केस में पुलिस की कार्रवाई
संदिग्ध टॉपरों का पता लगाने को छात्रों ने छेड़ा अभियान प्रयागराज। 69 हजार सहायक शिक्षक भर्ती में फर्जीवाड़ा करने वाले अभ्यर्थियों का पता लगाने को प्रतियोगी छात्र सोशल मीडिया पर अभियान चला रहे हैं। एक दूसरे को मैसेज करके पता लगा रहे हैं कि टॉपर अभ्यर्थी कौन हैं और उनका शैक्षिक स्तर कैसा रहा है। इसकी डिटेल पुलिस तक पहुंचाने की कोशिश की जा रही है। प्रतियोगी व्हाट्सएप पर ग्रुप बनाकर एक दूसरे को मैसेज कर रहे हैं कि जो भी 120 अंक से ज्यादा नंबर पाए हैं, उनके बारे में ज्यादा से ज्यादा जानकारी एकत्र की जाए। इसके बाद इसे प्रयागराज एसएसपी के सीयूजी नंबर पर भेजा जाए। प्रदेश के सभी जिलों में प्रतियोगी छात्रों की मदद से यह अभियान चल रहा है। पुलिस की ओर से फर्जीवाड़े का खुलासा होने से पूर्व ही अभ्यर्थियों ने आरोप लगाया था कि प्रयागराज में रहने वाले कई ऐसे लड़के हैं जो टॉपरों की सूची में हैं। इस बीच सोरांव पुलिस ने फर्जीवाड़े का खुलासा कर 142 अंक पाने वाले धर्मेंद्र पटेल को गिरफ्तार कर जेल भेजा था।

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