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एक छत के नीचे 'प्राइमरी का मास्टर' से जुड़ी शिक्षा विभाग की समस्त सूचनाएं एक साथ

NITI AAYOG, REPORT : 20 फीसद से ज्यादा बच्चे छठी तक छोड़ देते हैं पढ़ाई

NITI AAYOG, REPORT : 20 फीसद से ज्यादा बच्चे छठी तक छोड़ देते हैं पढ़ाई


जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली: स्कूली शिक्षा के क्षेत्र में तेजी से सुधार लाने वाले राज्यों में भले ही बिहार, झारखंड और उत्तर प्रदेश शुमार है, बावजूद इसके इन सभी राज्यों में बच्चों के बीच में स्कूल छोड़ने की रफ्तार काफी तेज है। स्थिति यह है कि इन सभी राज्यों में प्राइमरी (पांचवीं) से अपर-प्राइमरी (छठी में) तक आते-आते 20 फीसद से ज्यादा बच्चे स्कूल छोड़ देते हैं। इनमें बिहार सबसे आगे है, जहां छठी में आने तक 24 फीसद से ज्यादा बच्चे स्कूल छोड़ देते हैं। झारखंड में ऐसे बच्चों की संख्या 23.6 है, जबकि उत्तर प्रदेश में 22 फीसद है।

स्कूली बच्चों के बीच में पढ़ाई छोड़ने की यह जानकारी नीति आयोग की ओर से जारी किए गए स्कूल एजुकेशन क्वालिटी इंडेक्स रिपोर्ट में सामने आई है। खास बात यह है कि बिहार, झारखंड, उत्तर प्रदेश, जम्मू-कश्मीर और मध्य प्रदेश को छोड़ दें, तो देश के बाकी सभी बड़े राज्यों में यह रफ्तार दस फीसद या उससे कम है। केरल की स्थिति इस मामले में सबसे अच्छी है, जहां शत-प्रतिशत बच्चे प्राइमरी से अपर-प्राइमरी में पहुंचे। यानि एक भी बच्चे ने स्कूल नहीं छोड़ा।

रिपोर्ट के मुताबिक, स्कूलों में छठी से आठवीं तक पहुंचने के बीच भी बच्चों के स्कूल छोड़ने की रफ्तार काफी है। झारखंड, बिहार, मध्य प्रदेश, गुजरात, जम्मू-कश्मीर और छत्तीसगढ़ जैसे छह ऐसे राज्य हैं, जहां दस फीसद से ज्यादा बच्चे छठी से आठवीं तक आते-आते स्कूल छोड़ देते हैं। इनमें सबसे खराब स्थिति झारखंड की है, जहां ऐसे बच्चों की संख्या 30 फीसद से अधिक है, जबकि बिहार में यह संख्या 26 फीसद से अधिक है। खास बात यह है कि आयोग ने यह रिपोर्ट वर्ष 2016-17 के आंकड़ों को आधार बनाकर तैयार की है।

’ नीति आयोग की स्कूल एजुकेशन क्वालिटी इंडेक्स रिपोर्ट से सामने आई जानकारी

उप्र-बिहार का हाल

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