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एक छत के नीचे 'प्राइमरी का मास्टर' से जुड़ी शिक्षा विभाग की समस्त सूचनाएं एक साथ

PROTEST : शिक्षामित्रों ने प्रदेश सरकार को ललकारा, मनमाने ढंग से जारी किए गए मुख्य अपर सचिव के आदेश को कतई स्वीकार नहीं, उमस भरी गर्मी में महिलाएं छोटे-छोटे बच्चों के साथ दो दिन से धरना स्थल पर ही डाले हुए हैं डेरा, सरकार बनी हुई है संवेदनहीन

PROTEST : शिक्षामित्रों ने प्रदेश सरकार को ललकारा, मनमाने ढंग से जारी किए गए मुख्य अपर सचिव के आदेश को कतई स्वीकार नहीं, उमस भरी गर्मी में महिलाएं छोटे-छोटे बच्चों के साथ दो दिन से धरना स्थल पर ही डाले हुए हैं डेरा, सरकार बनी हुई है संवेदनहीन

शिक्षामित्रों का अनिश्चितकालीन सत्याग्रह आंदोलन (shikshamitra satyagrah protest) मंगलवार को दूसरे दिन भी जारी रहा। शिक्षामित्रों का कहना है कि 10000 रुपये मानदेय का झुनझुना स्वीकार नहीं करेंगे। शिक्षामित्र समान कार्य-समान वेतन से कम पर कोई समझौता नहीं करेंगे। इनकी मांग है कि केंद्र व राज्य सरकार संशोधित अध्यादेश लाकर प्रदेश के सभी 1,72,000 शिक्षामित्रों को पुनः शिक्षक बनाए। शिक्षामित्रों ने चेतावनी दी है कि अगर जल्द मांगें नहीं मानी गईं तो जेल भरो आंदोलन करेंगे और पूरा लखनऊ जाम कर देंगे।

🔴 परिवार संग कर रहे प्रदर्शन

✔ शिक्षामित्रों के सभी संगठनों के संयुक्त तत्वावधान में प्रदेश के सुदूर अंचलों से आए लाखों शिक्षामित्रों ने अभी नहीं तो कभी नहीं, शिक्षक बन कर बनने आए हैं शिक्षक बन कर ही जाएंगे, के संकल्प के साथ अनिश्चितकालीन सत्याग्रह आंदोलन के दूसरे दिन भी लक्ष्मण मेला मैदान में डटे हुए हैं।

✔ प्रदर्शनकारी भीषण गर्मी व उमस की परवाह न करते हुए महिलाएं छोटे-छोटे बच्चों के साथ दो दिन से धरना स्थल पर ही डेरा डाले हुए हैं।

✔ बता दें कि 25 जुलाई 2017 को सुप्रीम कोर्ट द्वारा समायोजन रद्द कर देने से शिक्षामित्रों के सामने रोजी रोटी का संकट खड़ा हो गया है।

✔ समायोजन रद्द होने के बाद से ही शिक्षामित्र संशोधित अध्यादेश लाकर पुनः सहायक शिक्षक बनाने व प्रक्रिया पूर्ण होने तक समान कार्य समान वेतन देने की मांग करते हुए जिला स्तर पर आंदोलन कर रहे हैं।
इस बीच कई दौर से वार्ता के बाद भी कोई हल ना निकलता देख शिक्षामित्रों ने 21 अगस्त को गोमती तट पर प्रदेशव्यापी अनिश्चितकालीन सत्याग्रह आंदोलन का ऐलान कर दिया।

आंदोलन के पहले दिन शासन प्रशासन ने कई बार मुख्य सचिव राज प्रताप सिंह से वार्ता कराने का प्रस्ताव रखा।

किंतु शिक्षामित्र (shikshamitra satyagrah protest) मुख्यमंत्री से वार्ता करने पर ही अडिग रहे।
21 अगस्त की देर शाम अपर मुख्य सचिव ने शिक्षामित्रों के मूल पर प्रभाव से ₹10000 मानदेय देने, शिक्षामित्र कार्यालय का प्रति सत्र 2.5 अधिकतम 25 अंक भारांश देने और 15 अक्टूबर 2017 को शिक्षक पद पात्रता परीक्षा टीईटी परीक्षा आयोजित कराने का आदेश जारी कर दिया। जिसमें शिक्षामित्रों की खासा रोष बढ़ गया।

🔴 क्या बोले शिक्षा मित्र नेता

👉 प्रदेश अध्यक्ष जीतेन्द्र शाही ने प्रदेश सरकार को ललकारते हुए कहा कि मनमाने ढंग से जारी किए गए मुख्य अपर सचिव के आदेश को कतई स्वीकार नहीं करुंगा।

👉 ₹10,000 मानदेय का झुनझुना नहीं चाहिए।
समान कार्य समान वेतन से काम पर कोई समझौता स्वीकार नहीं करुंगा।

👉 वहीं प्रदेश अध्यक्ष गाजी इमाम आला ने प्रदेश सरकार की हठधर्मिता पर अफसोस व्यक्त करते हुए कहा कि राष्ट्रपति उत्तर प्रदेश से प्रधानमंत्री उत्तर प्रदेश के गृह मंत्री उत्तर प्रदेश और केंद्र व प्रदेश में सरकार भी भारतीय जनता पार्टी की है।

👉 फिर भी उत्तर प्रदेश का शिक्षक सड़कों पर आंदोलन करने को बाध्य हैं। इससे बड़ी विडंबना क्या हो सकती है।

👉 उन्होंने मांग की है कि राज्य व केंद्र सरकार मिलकर संशोधित अध्यादेश लाकर प्रदेश के 172000 शिक्षामित्रों को सहायक शिक्षक बनाए।

👉 उन्होंने कहा प्रक्रिया पूर्ण होने तक समान कार्य समान वेतन का लाभ सभी से शिक्षामित्रों को प्रदान किया जाए अन्यथा अनिश्चितकालीन सत्याग्रह आंदोलन (shikshamitra satyagrah protest) जारी रहेगा।



शिक्षामित्रों ने किया भर्ती में 25 अंक तक वेटेज और 10000 मानदेय का विरोध

लखनऊ (जेएनएन)। सहायक अध्यापक पद का समायोजन रद होने पर प्रदेश भर से आए हजारों शिक्षामित्रों ने मंगलवार को भी धरना और प्रदर्शन जारी रखा। शिक्षामित्रों ने शासन के प्रस्ताव 10 हजार रुपये मानदेय, पात्रता परीक्षा (यूपीटीईटी) व भर्ती में अधिकतम 25 अंक तक वेटेज का भी विरोध किया है। वे मुख्यमंत्री से वार्ता व सहायक अध्यापक पद पर बने रहने की मांग पर अड़े हुए हैं। प्रदर्शन के दौरान शिक्षामित्र शैलेंद्र सिंह की एकाएक हालत बिगड़ गयी। उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया है। यह देख शिक्षामित्रों ने शासन और प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी के साथ धरना जारी रखा। उत्तर प्रदेश प्राथमिक शिक्षामित्र संघ संयुक्त मोर्चा के प्रांतीय संरक्षक शिव कुमार शुक्ला व शिक्षक उत्थान समिति के प्रदेश अध्यक्ष शिव किशोर द्विवेदी ने बताया कि वह मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ से बातचीत व सहायक अध्यापक पद पर उनके समायोजन की मांग पूरी नहीं की जाएगी तब तक प्रदर्शन बंद नहीं करेंगे।


अपर मुख्य सचिव से बात करने से इन्कार

दोपहर करीब डेढ़ बजे सीओ हजरतगंज, एसीएम, व इंस्पेक्टर समेत कई अधिकारी धरना स्थल पहुंचे। उन्होंने शिक्षामित्रों से धरना समाप्त करने की मांग करते हुए अपर मुख्य सचिव बेसिक शिक्षा राज प्रताप सिंह से मुलाकात करने का प्रस्ताव रखा। पर शिक्षामित्रों ने इससे इन्कार कर दिया। वह मुख्यमंत्री से मुलाकात करने की जिद पर अड़े रहे।

अन्न-जल त्याग कर होगा प्रदर्शन

प्रांतीय संरक्षक शिव कुमार शुक्ला ने कहा कि 24 घंटे के अंदर बुधवार शाम तक अगर उनकी मुख्यमंत्री से मुलाकात के साथ ही अगर मांगे पूरी न की गयी तो वह सत्याग्रह छोड़कर बड़ा आंदोलन करेंगे। वह अन्न-जल छोड़कर धरना देंगे। इसके बाद सड़क पर उतर कर बड़ा प्रदर्शन करेंगे।

मंच पर भिड़ीं महिलाएं

दोपहर करीब डेढ़ बजे प्रदर्शन के दौरान धरना स्थल स्थित मंच पर संघ के लोग शासन के खिलाफ नारेबाजी कर रहे थे। तभी किसी बात को लेकर शिक्षामित्र सुमन और रीना आपस में भिड़ गई। बवाल बढ़ता देख संघ के पदाधिकारियों ने सुमन के हाथ से माइक ले लिया और दोनों को शांत करा दिया।


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  1. 📌 PROTEST : शिक्षामित्रों ने प्रदेश सरकार को ललकारा, मनमाने ढंग से जारी किए गए मुख्य अपर सचिव के आदेश को कतई स्वीकार नहीं, उमस भरी गर्मी में महिलाएं छोटे-छोटे बच्चों के साथ दो दिन से धरना स्थल पर ही डाले हुए हैं डेरा, सरकार बनी हुई है संवेदनहीन
    👉 http://www.basicshikshanews.com/2017/08/protest_22.html

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