EDUCATION POLICY, SYLLABUS : विज्ञान, गणित व अंग्रेजी का होगा एक पाठ्यक्रम, नई शिक्षा नीति का मसौदा लगभग तैयार, नई शिक्षा नीति में कक्षा पांच तक बच्चों को फेल न करने का सुझाव है वहीं राइट टू एजुकेशन के तहत कक्षा-12 तक निजी स्कूलों में मुफ्त शिक्षा देने का भी प्रावधान
जागरण संवाददाता, वाराणसी : नई शिक्षा नीति को लेकर केंद्र सरकार ने अपना मसौदा लगभग तैयार कर लिया गया है। इसके तहत विज्ञान, गणित व अंग्रेजी का पाठ्यक्रम पूरे देश में एक समान लागू करने का प्रस्ताव है। इसके अलावा सामाजिक विज्ञान का एक भाग भी सभी बोर्ड में एक समान लागू करने की योजना है। अन्य विषयों के पाठ्यक्रम बनाने के लिए राज्य या बोर्ड स्वतंत्र होंगे।
केंद्रीय व राज्यस्तर के बोर्ड अब तक विभिन्न कक्षाओं में पाठ्यक्रमों का निर्धारण अपने स्तर से करते रहे हैं। यही कारण है कि सीबीएसई व यूपी बोर्ड के पाठ्यक्रमों में काफी अंतर है। हालांकि समय-समय पर पूरे देश में एक समान पाठ्यक्रम लागू करने के लिए मांग उठती रहती है। इसे देखते हुए यूपी बोर्ड ने सत्र 2018-19 से एनसीईआरटी की पुस्तकें लागू करने का निर्णय लिया है। दूसरी ओर विभिन्न शिक्षाविदों के सुझाव को देखते हुए नई शिक्षा नीति में विज्ञान, गणित व अंग्रेजी का पाठ्यक्रम पूरे देश में एक करने पर विचार किया जा रहा है ताकि किसी भी राज्य के छात्रों को दूसरे राज्य में पढ़ने में कठिनाई न हो। इसके अलावा आरटीई के तहत कक्षा आठ तक बच्चों को फेल न करने की नीति में भी संशोधन का प्रस्ताव है।
नई शिक्षा नीति में कक्षा पांच तक बच्चों को फेल न करने का सुझाव है वहीं राइट टू एजुकेशन के तहत कक्षा-12 तक निजी स्कूलों में मुफ्त शिक्षा देने का भी प्रावधान है। वर्तमान में आरटीई के तहत निजी स्कूलों में दाखिला पाने वाले गरीब बच्चों को कक्षा आठ तक मुफ्त शिक्षा देने की व्यवस्था है। उत्तर प्रदेश प्रधानाचार्य संघ के प्रदेशिक संयोजक डा. विश्वनाथ दुबे ने बताया कि नई शिक्षा नीति को लेकर केंद्र सरकार ने मसौदा लगभग तैयार कर लिया है। खास यह कि नई शिक्षा नीति में विज्ञान, गणित व अंग्रेजी के पाठ्यक्रम पूरे देश में एक समान लागू करने का प्रस्ताव है। इसे लेकर प्रधानाचार्य संघ ने कई बार मांग भी उठाई थी।
अन्य महत्वपूर्ण प्रस्ताव
’आंगनबाड़ी को प्री-प्राइमरी स्कूल में तब्दील करने का प्रस्ताव
’प्राइमरी स्कूल में ही आंगनबाड़ी केंद्र स्थापित करने का प्रस्ताव
’ कक्षा छह से कंप्यूटर शिक्षा अनिवार्य
’कक्षा आठ स्तर से ही साइंस लैब
’उपस्थिति की ऑनलाइन मानीटरिंग
’राज्यवार शिक्षक भर्ती आयोग
’शिक्षकों के रिक्त पदों पर नियुक्ति
’प्रधानाचार्यो को लीडरशिप की टेनिंग
राष्ट्रीय स्तर पर टीचर एजुकेशन विश्वविद्यालय की स्थापना1
हर पांच साल पर शिक्षक परीक्षा
’शिक्षा पर जीडीपी का छह फीसद खर्च
नए विद्यालयों की जगह पहले से मौजूद विद्यालयों को सुदृढ़ करना
’मिड डे मील का दायित्व पूरी तरह स्वयं सहायता समूहों को सौंपने का प्रस्ताव।
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