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एक छत के नीचे 'प्राइमरी का मास्टर' से जुड़ी शिक्षा विभाग की समस्त सूचनाएं एक साथ

गांव के बच्चों को मिलेगा शहरी स्कूलों का अनुभव : मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने पीएमओ के समक्ष पेश की योजना ; ग्रामीण और शहरी स्कूलों के बच्चों के बीच सहयोग बढ़ाने के लिए अनोखा प्रस्ताव 

गांव के बच्चों को मिलेगा शहरी स्कूलों का अनुभव : मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने पीएमओ के समक्ष पेश की योजना ; ग्रामीण और शहरी स्कूलों के बच्चों के बीच सहयोग बढ़ाने के लिए अनोखा प्रस्ताव 

नई दिल्ली। देश में ज्यादा स्कूल और कॉलेज खोलने के अलावा मौजूदा संसाधनों के बल पर ही शिक्षा के स्तर को नए विचारों के जरिए बढ़ाने की एक कोशिश शुरू हुई है। मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सामने ग्रामीण और शहरी स्कूलों के बच्चों के बीच शिक्षा और उससे जुड़े क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने के लिए एक अनोखा प्रस्ताव रखा है। 

इसके तहत गांवों के बच्चों को एक हफ्ते के लिए शहर के प्रमुख स्कूलों में लाया जाएगा। गांव के छात्रों को शहर के बच्चों से बातचीत करने और अनुभव बांटने का मौका मिलेगा। यही नहीं शहर के स्कूली बच्चों को भी गांव के स्कूलों में जाने का मौका मिलेगा। उन्हें भी गांव की पढ़ाई, वहां के रहन सहन से रू-ब-रू कराया जाएगा। 

मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने प्रधानमंत्री कार्यालय को सर्व शिक्षा अभियान के तहत अपने इस नए कार्यक्रम को मूर्त रूप देने के बारे में बताया है। मंत्रालय की योजना के मुताबिक, साल भर में कई बार गांवों और शहरों के स्कूल के बच्चों को एक दूसरे की शिक्षा, रहन-सहन और अनुभव को जानने का मौका दिया जाएगा। प्रस्ताव के मुताबिक, उच्च माध्यमिक कक्षाओं के छात्र-छात्राओं को ही इस कार्यक्रम के लिए चुना जाएगा। इस विचार के पीछे सबसे बड़ा मकसद गांवों के बच्चों को शहर के टॉप स्कूलों की पढ़ाई और तौर तरीकों से रू-ब-रू करवाना है ताकि उन्हें आगे चलकर कोई परेशानी न हो। 

मंत्रालय के एक अधिकारी ने बताया कि गांव के बच्चे स्थानीय स्कूल या फिर जिले के कॉलेज से शिक्षा लेकर शहरों में सीधे रोजगार करने आते हैं। ऐसे में उन्हें पहली बार यहां के नया रहन सहन, बात करने के तौर तरीकों को अपनाने में कठिनाई आती है। अगर छात्रों को शहर के टॉप स्कूलों में आने जाने का मौका मिलेगा तो उन्हें यह परेशानी नहीं होगी। साथ ही शिक्षा की गुणवत्ता में भी निखार आएगा। इसी तरह प्राथमिक और माध्यमिक कक्षा के छात्रों को उच्च माध्यमिक या फिर डिग्री कॉलेजों में जाने का मौका देने की भी बात कही गई है। मंत्रालय के एक अधिकारी के मुताबिक, इस कार्यक्रम से प्राथमिक स्कूल के बच्चे उच्च शिक्षा के लिए प्रेरित होंगे। इस तरह के प्रयास विदेशों में होते हैं। मंत्रालय का कहना है कि अगर इस तरह के तौर तरीकों को अपनाया जाता है तो मौजूदा संसाधनों में ही हम शिक्षा के बेहतर परिणामों को पा सकते हैं।

       खबर साभार : अमरउजाला

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