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एक छत के नीचे 'प्राइमरी का मास्टर' से जुड़ी शिक्षा विभाग की समस्त सूचनाएं एक साथ

सूबे की राजधानी में मिड-डे मील से "मिल्क" गायब : अक्षयपात्र के बाद अब अधिकतर प्रधानों और शिक्षकों ने भी दूध वितरण से कसा किनारा

सूबे की राजधानी में मिड-डे मील से "मिल्क" गायब : अक्षयपात्र के बाद अब अधिकतर प्रधानों और शिक्षकों ने भी दूध वितरण से कसा किनारा

लखनऊ | राजधानी के प्राथमिक व पूर्व माध्यमिक विद्यालयों में बुधवार को मिड डे मील में दूध को छात्र तरस गए। अक्षय पात्र फाउंडेशन द्वारा 72 हजार छात्रों को मिड डे मील में गर्मागर्म दूध देने से मना कर दिया गया। उसने शिक्षा विभाग के सामने शर्त रखी कि वह ठंडा दूध का ही वितरण करेगा। मगर बीएसए प्रवीण मणि त्रिपाठी ने इसे ठुकरा दिया। अक्षय पात्र को शिक्षा विभाग ने नोटिस जारी की है। वहीं राजधानी के सैकड़ों प्राथमिक व पूर्व माध्यमिक स्कूलों में पिछले बुधवार को कैंट में दूध पीने के बाद बीमार हुए छात्रों की घटना से खौफजदा शिक्षकों ने दूध नहीं बांटा। अभी तक बुधवार को जोड़-जुगाड़ कर दूध बांटने का इंतजाम करने वाले प्रधानाध्यापक व प्रधानों ने हाथ खींच लिए। कुछ स्कूलों में ही दूध बांटा गया। 

बुधवार को मिड डे मील के तहत परिषदीय स्कूलों में गर्म दूध छात्रों ने नहीं बंट पाया। अक्षय पात्र फाउंडेशन द्वारा गर्म दूध देने से इंकार कर दिया गया। ऐसे में राजधानी में करीब 72 हजार छात्रों को दूध नहीं मिला। इसी अक्षय पात्र फाउंडेशन द्वारा पिछले बुधवार को कैंट के आरए बाजार माध्यमिक स्कूल व बीसी बाजार प्राथमिक स्कूल में ठंडा दूध बांटने से करीब 77 छात्र बीमार हो गए थे। इसके बावजूद वह इस बार भी ठंडा दूध ही बांटने जा रहा था। बीएसए प्रवीण मणि त्रिपाठी ने इसे रोक दिया और कहा कि गर्म दूध ही बांटे। असमर्थता जताने पर अक्षय पात्र संस्था को कारण बताओ नोटिस भी जारी की गई है। बीएसए का कहना है कि शासन ने गर्म दूध बांटने के ही निर्देश दिए हैं ऐसे में वही होगा। ठंडा दूध किसी कीमत पर नहीं दिया जाएगा। 

चिनहट क्षेत्र के प्राथमिक विद्यालय उत्तरधौना, प्राथमिक विद्यालय तिवारी गंज और प्राथमिक विद्यालय सेमरा में बुधवार को मिड डे मील के तहत दूध नहीं बांटा गया। वहीं अजरुनगंज क्षेत्र के युसूफनगर प्राथमिक स्कूल व घुसवाल में छात्रों ने बताया कि उन्हें दूध का इंतजार था मगर वह नहीं मिला। बख्शी का तालाब ब्लॉक के 108 परिषदीय स्कूलों में दूध का वितरण नहीं हो पाया। प्राथमिक विद्यालय तकिया, प्राथमिक विद्यालय मामपुर बाना और प्राथमिक विद्यालय भैंसामऊ में छात्रों को दूध नहीं मिला। जबकि 195 स्कूलों में शिक्षकों व प्रधानों ने दूध का वितरण किया।  

गोसाईंगंज क्षेत्र के प्राथमिक विद्यालय गुमानी खेड़ा व प्राथमिक विद्यालय करोरा में पिछले बुधवार को प्रधानों ने अपने स्तर पर डेयरी से जुगाड़ कर दूध बांटा था, मगर इस बुधवार को उन्होंने हाथ खड़े कर दिए। उन्होंने कहा कि आखिर दूध के लिए पैसा कहां से आएगा। प्रधान संघ के अध्यक्ष गंगाराम यादव कहते हैं कि दूध के लिए रकम की कोई व्यवस्था नहीं ऊपर से गर्मागर्म दूध पिलाने का अगर प्रधान व शिक्षक इंतजाम भी करें और कोई गड़बड़ी हो जाए तो बेसिक शिक्षा विभाग उन्हीं पर पूरी कार्रवाई कर देगा। आखिर बेसिक शिक्षा विभाग कोई ठोस इंतजाम क्यों नहीं करता। 

       खबर साभार : दैनिकजागरण

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