जागी सरकार, दिए स्कूलों के मुआयने के निर्देश : डीआईओएस और बीएसए हर महीने 25 स्कूलों का करेंगे दौरा
लखनऊ (ब्यूरो)। मुख्य सचिव आलोक रंजन ने मंत्रियों, जजों और अफसरों के बच्चों को सरकारी स्कूलों में ही पढ़ने संबंधी हाईकोर्ट का आदेश आने के बाद बुधवार को जिला विद्यालय निरीक्षकों व बेसिक शिक्षा अधिकारियों को निर्देश दिया है कि वे हर माह कम से कम 20 से 25 स्कूलों का निरीक्षण करें। इसके बाद वे निदेशालय के माध्यम से शासन को जांच रिपोर्ट भेजें। मुख्य सचिव ने बुधवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के दौरान यह निर्देश दिए।
उन्होंने जिलाधिकारी एवं मुख्य विकास अधिकारियों को निर्देश दिया कि वे निरीक्षण की व्यवस्था सुनिश्चित कराएं। हर माह विद्यालयों का निरीक्षण कर यह सुनिश्चित किया जाएगा कि बच्चों को अच्छी शिक्षा मिल सके। उन्होंने प्राथमिक विद्यालयों में दो सेमेस्टरों के साथ छमाही व वार्षिक परीक्षाएं कराने के निर्देश दिए ताकि छात्रों की परफार्मेंस की जानकारी हो सके। प्राथमिक विद्यालयों के बच्चों की स्कूल डायरी में छात्रों की परफॉर्मेंस रिपोर्ट दर्ज की जाएगी।
...इन्होंने तो कर दी स्पेशल अपील की सिफारिश ः
मुख्य स्थायी अधिवक्ता रमेश उपाध्याय ने फैसले के खिलाफ स्पेशल अपील दाखिल करने की महाधिवक्ता से सिफारिश की है। मुख्य स्थायी अधिवक्ता उपाध्याय का कहना है कि कोर्ट के निर्णय के कानूनी पहलुओं पर विचार करने के बाद उन्होंने अपनी सिफारिश भेजी है।
....तानों के कारण कॉन्वेंट में डाला था, बच्चे वहां फेल हो गए
विश्वविद्यालय के शिक्षकों और महिलाओं के तानों के कारण बच्चों को सरस्वती शिशु मंदिर से निकालकर कान्वेंट डालना पड़ा, लेकिन बच्चे वहां फेल हो गए। अपील करने के बजाय सरकार को इसे तत्काल लागू करना चाहिए।
-अनुग्रह नारायण सिंह
कांग्रेस विधायक, इलाहाबाद
अध्ययन करने के बाद लेंगे निर्णय : महाधिवक्ता
कोर्ट के आदेश का अध्ययन किया जा रहा है। इसके हर पहलू पर विचार करने के बाद निर्णय लिया जाएगा कि सरकार स्पेशल अपील करेगी या आदेश को लागू करेगी। तत्काल कोई निर्णय लेना जल्दबाजी होगा, इसलिए फैसले के हर पहलू पर गौर कर लेना चाहते हैं।
-विजय बहादुर सिंह, महाधिवक्ता
निर्णय की प्रति आने के बाद न्याय विभाग परीक्षण करेगा। फिर सरकार तय करेगी कि क्या करना है?
- आलोक रंजन, मुख्य सचिव
खबर साभार : अमरउजाला
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