शासन ने वर्ष 2015-16 को शैक्षिक गुणवत्ता उन्नयन वर्ष घोषित किया लेकिन अभी तक स्कूलों में पाठ्य पुस्तकें ही नहीं पहुंच सकी : बिन पुस्तक कैसे पढे़गा लाड़ला
मैनपुरी : शासन ने वर्ष 2015-16 को शैक्षिक गुणवत्ता उन्नयन वर्ष घोषित किया है। लेकिन, हाल देखिए अभी तक स्कूलों में पाठ्य पुस्तकें ही नहीं पहुंच सकी हैं। ऐसे में बच्चों की पढ़ाई पर संकट मंडराने लगा है।
एक जुलाई से स्कूल खुल चुके हैं। चार दिन बीतने के बाद भी अभी तक किसी भी स्कूल में पाठ्य पुस्तकों की व्यवस्था नहीं कराई जा सकी है। बिन पुस्तकों के बच्चे कैसे पढ़ेंगे, शिक्षक इस बात से परेशान हैं। इस बार पहली बार एक अप्रैल से नए शिक्षा सत्र की शुरूआत की गई है। नई व्यवस्था में किताबों का कोई भी इंतजाम नहीं कराया गया। नई पाठ्य-पुस्तकें उपलब्ध न होने पर शिक्षाधिकारियों द्वारा फिलहाल पुरानी पुस्तकों से ही बच्चों को पढ़ाने की व्यवस्था करने को कहा गया।
अधिकारियों के निर्देश पर बच्चों ने पुरानी पुस्तकों के माध्यम से नए सत्र में पढ़ाई शुरू कर दी। उम्मीद थी कि जुलाई से पहले-पहले स्कूलों में पुस्तकें पहुंचा दी जाएंगी। लेकिन हाल यह है कि अभी तक किसी भी स्कूल में पाठ्य पुस्तकों की कोई व्यवस्था नहीं कराई जा सकी है।
शिक्षक बच्चों को उधार की किताबों से ही ज्ञान बांटने में लगे हैं। जिला समन्वयक अशोक यादव का कहना है कि जल्द ही पाठ्य पुस्तकों की व्यवस्था करा दी जाएगी |
खबर साभार : दैनिकजागरण
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शासन ने वर्ष 2015-16 को शैक्षिक गुणवत्ता उन्नयन वर्ष घोषित किया लेकिन अभी तक स्कूलों में पाठ्य पुस्तकें ही नहीं पहुंच सकी : बिन पुस्तक कैसे पढे़गा लाड़ला
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