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एक छत के नीचे 'प्राइमरी का मास्टर' से जुड़ी शिक्षा विभाग की समस्त सूचनाएं एक साथ

एडेड जूनियर हाईस्कूल के संबद्ध प्राइमरी को मिलेगा अनुदान : शासनादेश जारी, छात्र शिक्षक का अनुपात तय, सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर हुआ निर्णय

एडेड जूनियर हाईस्कूल के संबद्ध प्राइमरी को मिलेगा अनुदान : शासनादेश जारी, छात्र शिक्षक का अनुपात तय, सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर हुआ निर्णय

 √ जूनियर हाईस्कूल के संबद्ध प्राइमरी को मिलेगा अनुदान

शासनादेश जारी, छात्र शिक्षक का अनुपात तय

 प्रधानाध्यापक व शिक्षणेत्तर कर्मियों को रखने की अनुमति नहीं

लखनऊ (ब्यूरो)। राज्य सरकार ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुसार सहायता प्राप्त जूनियर हाईस्कूलों में चल रहे संबद्ध प्राइमरी को भी अनुदान देने का निर्णय किया है। शिक्षा का अधिकार अधिनियम के तहत निर्धारित छात्र-शिक्षक अनुपात के आधार पर शिक्षकों को वेतन मिलेगा। मसलन 60 छात्र पर दो शिक्षक, 61 से 90 पर तीन, 91 से 120 पर चार और 121 से 200 के बीच छात्र होने पर पांच शिक्षकों को वेतन मिलेगा। सचिव बेसिक शिक्षा एचएल गुप्ता ने शुक्रवार को शासनादेश जारी कर दिया है।

संबद्ध प्राइमरी में प्रधानाध्यापक और शिक्षणेत्तर कर्मचारियों को रखने की अनुमति नहीं होगी। शिक्षकों की संख्या निर्धारित करने के लिए कक्षा एक से पांच तक की छात्र संख्या का आकलन बेसिक शिक्षा अधिकारी व खंड शिक्षा अधिकारी संयुक्त रूप से तीन बार औचक निरीक्षण कर करेंगे। इस दौरान उपस्थित वास्तविक औसत छात्र संख्या के आधार पर शिक्षकों की संख्या अनुमन्य होगी। शिक्षकों के वेतन भुगतान का अधिकार मंडलीय समिति के पास होगा। स्कूलों को अनुदान पर लेने के बाद संबंधित जूनियर हाईस्कूल व संबंधित संबद्ध प्राइमरी स्कूलों के पूरे स्टाफ के वेतन का अनुदान एक साथ जारी होगा। सहायता प्राप्त जूनियर हाईस्कूल के शिक्षकों व शिक्षणेत्तर कर्मचारियों की तरह संबद्ध प्राइमरी में अनुमन्य शिक्षकों का वेतन भुगतान बीएसए व वित्त एवं लेखाधिकारी बेसिक शिक्षा करेगा। अनुदान सूची में शामिल जूनियर हाईस्कूलों से संबद्ध प्राइमरी स्कूलों के अनुमन्य शिक्षकों के वेतन का भुगतान सुप्रीम कोर्ट व हाईकोर्ट के आदेश की तारीख से होगा। 

      खबर साभार : अमरउजाला

संबद्ध प्राइमरी स्कूलों में शिक्षकों की संख्या तय

लखनऊ : शासन ने हाई कोर्ट के आदेश पर अनुदानित जूनियर हाईस्कूलों से संबद्ध प्राइमरी स्कूलों में शिक्षा का अधिकार अधिनियम के मानकों के अनुसार शिक्षकों की संख्या तय करते हुए उनके वेतन भुगतान का आदेश जारी कर दिया है। 
 
शासनादेश के मुताबिक पहली से पांचवीं कक्षा के लिए 60 छात्रों तक दो, 61 से 90 छात्रों तक तीन, 91 से 120 छात्रों तक चार और 121 से 200 छात्रों तक पांच शिक्षक होने चाहिए। 200 से अधिक छात्र संख्या होने पर शिक्षक-छात्र अनुपात 1:40 से अधिक नहीं होना चाहिए। संबद्ध प्राइमरी विद्यालय में शिक्षकों की संख्या तय करने के मकसद से पहली से लेकर पांचवीं कक्षा की छात्र संख्या का आकलन करने के लिए जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी और खंड विकास अधिकारी द्वारा संयुक्त रूप से विद्यालय का तीन आकस्मिक निरीक्षण किया जाएगा। तीनों निरीक्षणों के दौरान उपस्थित वास्तविक औसत छात्र संख्या के आधार पर शिक्षा का अधिकार अधिनियम के मानकों के अनुसार शिक्षकों की संख्या स्वीकृत की जाएगी। संबद्ध प्राइमरी स्कूलों में प्रधानाध्यापक व शिक्षणोत्तर कर्मचारी का कोई पद मंजूर नहीं होगा।

     खबर साभार : दैनिकजागरण

आकस्मिक निरीक्षण के बाद फैसला
बच्चों की संख्या देख प्राइमरी स्कूलों में होगी शिक्षकों की भर्ती
संबद्ध प्राइमरी स्कूलों के लिए सरकार ने जारी किए मानक

बेसिक शिक्षा सचिव हीरा लाल गुप्ता ने जारी निर्देश में कहा है कि कक्षा एक से पांच तक की संख्या का आंकलन करने के लिए खंड शिक्षा अधिकारी, बीएसए और डीआईओएस संयुक्त रूप से आकस्मिक निरीक्षण

करेंगे। तीनों निरीक्षणों के बाद वास्तविक संख्या के आधार पर मानकों के अनुसार शिक्षकों की संख्या तय की जाएगी। इन शिक्षकों के वेतन भुगतान की अनुमति मंडलीय समिति देगी। सभी भर्तियों में अध्यापकों की शैक्षिक योग्यता, नियुक्ति का अनुमोदन बेसिक स्कूलों की सेवा नियमावली-1975 के अनुसार ही किया जाएगा।

सहायता प्राप्त संबद्ध प्राइमरी स्कूलों में मैनेजमेंट मनमाने तरीके से शिक्षक भर्ती नहीं कर सकेंगे। अब वे बच्चों की संख्या के हिसाब से ही शिक्षकों की भर्ती करेंगे। प्रदेश सरकार ने बच्चों की संख्या के अनुसार शिक्षकों के मानक शुक्रवार को जारी कर दिए। नए मानकों के अनुसार प्रधानाध्यापक और शिक्षणेत्तर कर्मचारियों का कोई पद नहीं होगा।

एडेड प्राइमरी और जूनियर हाईस्कूलों में स्कूल प्रबंधन जिले के अधिकारियों की मिलीभगत से मनमाने तरीके से शिक्षकों की भर्ती कर लेते है। कई स्कूलों में छात्रों की संख्या नाम मात्र की होती है लेकिन काफी शिक्षक भर्ती कर लिए जाते हैं। यही वजह है कि शासन ने छात्रों की संख्या के अनुसार शिक्षकों की तैनाती के मानक लागू कर दिए हैं।

     खबर साभार : नवभारतटाइम्स

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