शासनादेश ने फंसाया मिड डे मील बर्तन धुलने में पेंच : शिक्षा विभाग ने बच्चों से बर्तन न धुलवाने का शिक्षकों को निर्देश तो दिया, लेकिन इसके लिए विकल्प संबंधी कोई लिखित निर्देश नहीं-
नोएडा : मिड डे मील के बर्तन बच्चें नहीं धुलेंगे। शिक्षक भी उनसे बर्तन नहीं धुलवा सकते हैं। शिक्षा विभाग ने बच्चों से बर्तन न धुलवाने का शिक्षकों को निर्देश तो दिया, लेकिन इसके लिए विकल्प संबंधी कोई लिखित निर्देश नहीं दिया। ऐसे में शिक्षक बच्चों से बर्तन तो नहीं धुलवाते लेकिन मिड डे मील के बर्तन कौन धुलेगा इसका जवाब शिक्षा विभाग के पास नहीं है।
बर्तनों की सफाई को लेकर गहराई से पड़ताल करने पर चला कि यह तो मिड डे मील के शासनादेश में भी स्पष्ट नहीं है। मिड डे देने और बच्चों से बर्तन न धुलवाने का निर्देश तो दिया, लेकिन इसमें यह स्पष्ट नहीं किया गया है कि बर्तन धुलने के लिए विकल्प कौन होगा। इसमें यह भी तय नहीं है कि यह जिम्मेवारी जिला शिक्षा विभाग की होगी या फिर बच्चों के बजाय शिक्षकों को बर्तन धुलना होगा। अगर दोनों बर्तन नहीं धुलते हैं, तो शिक्षा विभाग को इसकी व्यवस्था करनी है। फिलहाल शासन और शिक्षा विभाग दोनों स्तर से ही बर्तन धुलने के लिए स्कूलों को कोई स्पष्ट निर्देश नहीं है। जबकि शिक्षक संघ कहता है कि स्कूलों को शिक्षा विभाग से कोई लिखित आदेश नहीं मिला है। जिसमें यह अंकित हो कि बर्तन कौन धुलेगा। शिक्षक किससे धुलवाएंगे।
एनजीओ देता है मिड डे मील :-
स्कूलों में मिड डे मील की आपूर्ति एनजीओ करते हैं। इसकी व्यवस्था शासन के निर्देश पर शिक्षा विभाग ने की है। एनजीओ मिड डे मील देकर निकल जाता है, लेकिन बर्तन गंदे पड़े रह जाते हैं।
जागरण सुझाव :-
-शासन से बर्तन धुलने का निर्देश हो
-निर्देश में धुलने वाले का जिक्र हो
-स्कूल में धुलने के लिए कर्मी हो
-एनजीओ की तय हो जिम्मेवारी
-एनजीओ करें धुलने की व्यवस्था
बच्चों से बर्तन धुलवाना गलत है। शिक्षक संघ ने भी शिक्षकों को सलाह दी है कि वह बच्चों से बर्तन नहीं धुलवा सकता है। संघ ने शिक्षा विभाग से कई बार मांग की है कि स्कूलों में बर्तन धुलवाने की व्यवस्था कराई जाए। मगर अभी तक कुछ भी नहीं हुआ है।
~मेघराज भाटी, अध्यक्ष, प्राथमिक शिक्षक संघ, गौतमबुद्धनगर।
शासन और शिक्षा विभाग दोनों से मिड डे मील धुलने के संबंध में कोई निर्देश स्कूलों को नहीं मिला है। संघ भी बच्चों से यह कार्य न करवाने का पक्षधर है। संघ मांग कर चुका है कि यह पता तो चले कि बर्तन शिक्षकों को धुलना हैं या फिर धुलने वालों की व्यवस्था की जाएगी।
~रजनी यादव, ब्लॉक अध्यक्ष, पूर्व माध्यमिक शिक्षक संघ, बिसरख।
बच्चों से मिड डे मील के बर्तन नहीं साफ कराए जा सकते है। इसकी व्यवस्था के लिए शासन को लिखा है। शासन से निर्देश मिलते ही अमल शुरू होगा|
~अशोक कुमार सिंह, जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी, गौतमबुद्धनगर।
खबर साभार : दैनिकजागरण
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