आंगनबाड़ी और प्राइमरी स्कूलों के बच्चों की सेहत पर भी नजर : सर्वे का काम 11 से 20 मई और 1 जुलाई से 7 अगस्त तक लिए जाएंगे सैम्पल-
राज्य मुख्यालय। पढ़ाई के साथ सेहत भी ठीक रहे, इसकी भी अब तैयारी है। प्रदेश भर के आंगनबाड़ी और प्राइमरी स्कूलों में पढ़ रहे बच्चों के पेट में कीड़े हैं या नहीं, ये जानने के लिए अब परीक्षण किया जाएगा। इसके बाद प्रदेशव्यापी कृमि नाशक (डी-वार्मिग) अभियान चलाया जाएगा। फिलहाल प्रदेश के 27 जिलों में ये अभियान शुरू किया जा रहा है।
पहले चरण में बच्चों के पेट में हुए कृमि संक्रमण का अनुमान लगाया जाएगा। राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन, सिफ्सा और एविडेन्स संस्था के सहयोग से ये अभियान चलाया जा रहा है। एविडेंन्स संस्था इस अभियान में तकनीकी सहयोग दे रही है। ये संस्था यूपी के चुने हुए जिलों में बच्चों की स्टूल सैपलिंग करेगी जिसके परीक्षण के बाद पता चलेगा कि यूपी में कृमि संक्रमण की समस्या किस हद तक है और किस तरह की डी वार्मिग की जरूरत इन स्कूलों में है? सर्वे का काम 11 से 20 मई और 1 जुलाई से 7 अगस्त तक सैम्पल लिए जाएंगे।
आंगनबाड़ी और प्राइमरी स्कूलों में दोपहर का खाना पहले से ही दिया जाता है। वहीं आयरन की गोलियां भी बांटी जाती हैं। हाथ धोने के लिए बच्चों को खूब प्रोत्साहित किया जा रहा है ताकि बीमारियों से बचा जा सके।
ये हैं जिले :-
आगरा, अलीगढ़, इलाहाबाद, बलरामपुर, बांदा, बिजनौर, फरुखाबाद, गाजियाबाद, गाजीपुर, गोरखपुर, हरदोई, जाैनपुर, झांसी, ज्योतिबाफूले नगर, कन्नौज, कुशीनगर, लखीमपुर खीरी, मथुरा, मऊ, मेरठ, मिर्जापुर, मुरादाबाद, रायबरेली, रामपुर, सिद्धार्थनगर, सहारनपुर, वाराणसी।
खबर साभार : हिन्दुस्तान
0 Comments