आर0टी0ई0 : दाखिला तो मिल गया,लेकिन कॉपी किताब का नहीं कोई इंतजाम;किताबें और ड्रेस अलग होने से समस्या-
"आरटीई एक्ट में इसका कोई प्रावधान नहीं है। एक्ट में 25 प्रतिशत सीटों पर मुफ्त दाखिले देने का नियम है, जिसकी प्रतिपूर्ति सरकार की ओर से होगी। किताब और ड्रेस के खर्चों का वहन अभिभावकों को खुद ही करना होगा।"
- प्रवीण मणि त्रिपाठी, बेसिक शिक्षा अधिकारी
किताबें और ड्रेस अलग होने से समस्या-
आरटीई के तहत अब तक 67 लोगों को दाखिले का पात्र पाया गया है, जिसमें 36 लोगों को दाखिला मिल भी गया है, लेकिन अभिभावकों के इस दर्द की कोई दवा नहीं है। क्योंकि न तो उन्हें स्कूल से कोई राहत मिलती है और न ही सरकार से। विभाग की ओर से जो किताबें और ड्रेस मुफ्त मिलती हैं, वो अलग हैं, जबकि इन निजी स्कूलों की ड्रेस और किताबें अलग हैं। इसलिए अभिभावकों को इन निजी स्कूलों की किताबें और ड्रेस खरीदनी पड़ रही हैं। सरकार की ओर से स्कूलों को सिर्फ एडमिशन और मंथली फीस दी जाएगी, इसलिए स्कूल भी ड्रेस और किताबों में राहत देने में किनारा कर रहे हैं।
खबर साभार : नवभारत टाइम्स
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