मिड-डे मील में पांचवीं तक के बच्चों को अब मिलेगा दूध : पायलट प्रोजेक्ट के रूप में सोनभद्र मिर्जापुर में खाना के बजाए दूध देने की तैयारी-
१-प्रयोग सफल रहा तो अन्य जिलों में भी लागू की जाएगी व्यवस्था
२-पायलट प्रोजेक्ट के रूप में सोनभद्र मिर्जापुर में खाना के बजाए दूध देने की तैयारी
"पहले चरण में दो जिलों में दूध देने पर विचार चल रहा है | मध्याह्न भोजन प्राधिकरण ने शासन को इस संबंध में प्रस्ताव भेजा था। उच्च स्तर से इजाजत लेकर इस पर निर्णय होगा |"
~एच एल गुप्ता सचिव,बेसिक शिक्षा
लखनऊ। राज्य सरकार मिड-डे मील योजना में नया प्रयोग करने जा रही है। इसके तहत पांचवीं कक्षा तक के बच्चों को खाने के स्थान पर 150 से 200 मिलीलीटर तक दूध दिया जाएगा। इसकी खरीद दूधियों से की जाएगी और रसोइये इसे गरम करके बच्चों को देंगे। पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर इसे सोनभद्र व मिर्जापुर जिले में लागू किया जाएगा। इन दोनों जिलों में यदि प्रयोग सफल रहा तो अन्य जिलों में इसे लागू किया जाएगा।
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मिड-डे मील योजना में कक्षा आठ तक के बच्चों को खाना देने की व्यवस्था है। मध्याह्न भोजन प्राधिकरण ने इसके लिए अलग-अलग मेन्यू तय कर रखा है। शहरी क्षेत्रों में स्वयंसेवी संस्थाओं और ग्रामीण क्षेत्रों में रसोइयों से इसे बनवाकर दिया जा रहा है, पर खाने में आए दिन कुछ न कुछ खामियां मिलती रहती हैं। इसलिए इसके विकल्प के रूप में दूध देने पर विचार चल रहा है। मध्याह्न भोजन प्राधिकरण ने शासन को इस संबंध में प्रस्ताव भेजा था। सचिव बेसिक शिक्षा की अध्यक्षता में हुई बैठक में इस पर सहमति बन गई है। मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को इस पर अब अंतिम निर्णय करना है। इसके बाद इन दोनों जिलों में दूध देना शुरू कर दिया जाएगा।
खबर साभार : अमरउजाला
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