शिक्षा माफियाओं पर शासन ने कसी नकेल : पुस्तकों के टेंडर को अनिश्चित काल के लिये आगे बढ़ाया गया-
लखनऊ : सर्व शिक्षा अभियान के तहत बेसिक शिक्षा विभाग द्वारा शासन में होने वाली पुस्तकों की निविदा को भारी वित्तीय अनिमितताओं के कारण अनिश्चित काल के लिए आगे बढ़ा दिया गया। इस सम्बन्ध में सामाजिक कार्यकर्ता राजनाथ शर्मा ने पूर्व में पत्रों के माध्यम से मुख्यमंत्री अखिलेश यादव, बेसिक शिक्षामंत्री राम गोविन्द चौधरी, मुख्य सचिव, मुख्यमंत्री सचिव आमोद कुमार, निदेशक बेसिक शिक्षा एवं पाठय पुस्तक अधिकारी को अवगत कराया था और इस भ्रष्टाचार में शामिल भ्रष्ट अधिकारियों के खिलाफ जांच की मांग की थी। जिसे संज्ञान में लेते हुए मुख्यमंत्री अखिलेश यादव, मुख्यमंत्री सचिव आमोद कुमार एवं सचिव पार्थ सारथीसेन शर्मा ने निविदा पर रोक लगा दी।
निविदा को आगे बढ़ाये जाने पर राजनाथ शर्मा ने कहा कि प्रदेश सरकार में कुछ भ्रष्ट प्रशासनिक अधिकारियों की निरंकुश कार्यशैली से सरकार की छवि खराब हो रही है। ऐसे में मेरे पत्रों को संज्ञान में लेते हुए जिस प्रकार से मुख्यमंत्री सचिव आमोद कुमार एवं पार्थ सारथी सेन शर्मा ने इस महत्वपूर्ण प्रकरण पर गम्भीरता दिखायी वह कार्य अति प्रशंसनीय है। ऐसे में लगता है कि अब सूबे के लाखों बच्चों का भविष्य उज्जवल होगा तथा आने वाले समय में बच्चों को पढ़ने के लिये अच्छे कागजों पर तैयार पुस्तकें ही प्राप्त होंगी।
श्री शर्मा ने शासन के भ्रष्ट अधिकारियों पर आरोप लगाते हुये कहा कि पूर्व वर्षों में इसी प्रकार की अनियमितता के चलते कागजों की गुणवत्ता बेहद खराब रही। इस बार सूबे के मुख्यमंत्री द्वारा शिक्षा की बेहतर सुविधा मुहैया कराने को लेकर पुस्तकों की अच्छी गुणवत्ता पर 15 प्रतिशत का अतिरिक्त बजट पेश किया। जिसके बाद बेसिक शिक्षा विभाग के कुछ अधिकारी इस करोड़ों के घोटाले में शामिल हुए। जैसे ही शासन के उच्चाधिकारियों के संज्ञान में यह प्रकरण आया उसके बाद उनके द्वारा तत्काल साहसिक कदम उठाया और निविदा को अनिश्चित काल के लिये आगे बढ़ा दिया |
खबर साभार : डीएनए
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