प्रशिक्षु शिक्षक अव्यवस्था के बीच बंटे नियुक्ति पत्र : मिली नौकरी की चिट्ठी तीन साल बाद खिले चेहरे ; 906 के टीईटी प्रमाण पत्र फर्जी-
1-प्रदेश के 55 जिलों में नियुक्ति पत्र बांटने की प्रक्रिया शुरू हो गई
2-लखीमपुर और सीतापुर में नियुक्ति पत्र बांटने की प्रक्रिया शुरू नहीं हो पायी 23 तक पदोन्नति करने के बाद बंटेगी नियुक्ति पत्र
3- टीईटी पास बीएड वालों की आंखों में चमक आ ही गई
4-दूसरे चरण में 29 जनवरी से नियुक्ति पत्र बांटे जाएंगे।
5-सुप्रीम कोर्ट के आदेशानुसार सामान्य वर्ग को टीईटी में मिले 105 व आरक्षित को 97 अंक पर पात्र मानते हुए भर्ती पूरी की गयी |
लखनऊ (ब्यूरो)। सवा तीन साल बाद ही सही... आखिरकार टीईटी पास बीएड वालों की आंखों में चमक आ ही गई। नियुक्ति पत्र बांटने के दौरान भले ही भारी अव्यवस्था रही हो, लेकिन प्रशिक्षु शिक्षक का जॉइनिंग लेटर जिसको मिला, उसका चेहरा खिल उठा। बेरोजगारी का दंश झेल रहे युवा झूम उठे। यह और बात है कि उन्हें इस चिट्ठी को पाने के लिए खूब मशक्कत करनी पड़ी।
सचिव बेसिक शिक्षा एचएल गुप्ता के स्पष्ट निर्देश के बाद भी मात्र 55 जिलों में ही नियुक्ति पत्र बांटने की प्रक्रिया शुरू हो पाई। सर्वाधिक छह-छह हजार पद वाले दोनों जिलों सीतापुर और लखीमपुर खीरी में नियुक्ति पत्र नहीं बांटे जा सके।
लखीमपुर के बीएसए ने कहा है कि उनके यहां 22 जनवरी से बांटे जाएंगे, लेकिन सीतापुर के प्रभारी बीएसए गोलमोल जवाब देते रहे। इसको लेकर वहां नौकरी की चिट्ठी लेने पहुंचे अभ्यर्थियों ने खूब हंगामा किया। पहले चरण में पात्रों को एक सप्ताह तक नियुक्ति पत्र बांटा जाएगा और दूसरे चरण में 29 जनवरी से नियुक्ति पत्र बांटे जाएंगे।
यह भर्ती प्रक्रिया इतनी लंबी खिंची की सुप्रीम कोर्ट को यह आदेश देना पड़ा कि सामान्य वर्ग को टीईटी में मिले 105 व आरक्षित को 97 अंक पर पात्र मानते हुए भर्ती पूरी की जाए। इसके आधार पर पात्रों को प्रशिक्षु शिक्षक का नियुक्ति पत्र देने की प्रक्रिया सोमवार से शुरू हुई।
राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (एससीईआरटी) के निदेशक सर्वेंद्र विक्रम सिंह ने बताया कि प्रदेश के 55 जिलों में नियुक्ति पत्र बांटने की प्रक्रिया शुरू हो गई है। जिन जिलों में नियुक्ति पत्र नहीं बांटे गए हैं वहां जल्द ही बांटने की प्रक्रिया शुरू करने निर्देश बेसिक शिक्षा अधिकारियों को दिया गया है। बेसिक शिक्षा निदेशक डीबी शर्मा ने भी इस संबंध में जिलों को निर्देश दे दिया है कि पात्रों को नियुक्ति पत्र जल्द से जल्द बांट दिए जाएं।
अवध : रायबरेली, सीतापुर में हंगामा जानने वालों से पूछते रहे कटऑफ-
प्रशिक्षु शिक्षक के अभ्यर्थी सोमवार को कटऑफ जानने के लिए परेशान रहे। दिनभर वे अपने जानने वालों को फोन मिलाकर पूछते रहे कि कहां कितने अंक वालों को पात्र माना गया है। ऐसी स्थिति इसलिए आई क्योंकि अधिकतर जिलों ने सूची वेबसाइट पर नहीं डाली और जो विज्ञापन प्रकाशित कराया, उसमें केवल इतना ही दिया गया कि नियुक्ति पत्र बांटे जाएंगे। कुछ ही जिलों ने विज्ञापन में यह साफ किया कि उनके यहां किस वर्ग को कितने अंक पर पात्र माना गया है।
सचिव बेसिक शिक्षा एचएल गुप्ता ने बेसिक शिक्षा अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिया था कि प्रशिक्षु शिक्षक के पात्रों की सूची डायटों की वेबसाइट पर डालने के साथ अखबारों में विज्ञापन निकाल कर सूचना दी जाएगी। इसमें यह साफ किया जाएगा कि किस जिले में कितने अंक वालों को पात्र माना गया है, लेकिन इस आदेश का कुछ जिलों ने ही पालन किया।
906 टीईटी प्रमाण पत्र फर्जी-
एससीईआरटी ने बेसिक शिक्षा अधिकारियों को 906 अभ्यर्थियों की सूची भेजी है जिनके टीईटी प्रमाण पत्र रोल नंबर भरे गए आवेदन से नहीं मिल रहे हैं। एससीईअारटी के निदेशक सर्वेंद्र विक्रम ने कहा है कि डायट प्राचार्य व बीएसए को निर्देश दिया गया है कि मूल आवेदन से टीईटी रोलनंबर का मिलान करा लिया जाए। यदि आवेदन में त्रुटि हुई है तो इसे ठीक करा लिया जाए और यदि प्रमाण पत्र गड़बड़ है तो ऐसे लोगों के आवेदन निरस्त कर दिए जाएं।
अफसरों की लापरवाही से नहीं शुरू हो सकी प्रक्रिया-
अफसरों की लापरवाही के चलते सीतापुर, लखीमपुर खीरी, उन्नाव, कानपुर नगर, कानपुर देहात, मेरठ, शाहजहांपुर, एटा, कासगंज तथा गाजीपुर समेत 20 जिलों में नियुक्ति पत्र बांटने की प्रक्रिया नहीं शुरू हो सकी।
खबर साभार : अमरउजाला
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