साक्षर भारत मिशन : अफसरों की लापरवाही पड़ रही भारी,छह जिलों में समन्वयक और प्रेरकों का चयन तक नहीं-
१-छह जिलों में समन्वयक और प्रेरक तक का चयन नहीं
२-कई लोक शिक्षा केंद्रों पर न तो पढ़ाने के लिए सामग्री भेजी गई और न ही प्रेरकों का मानदेय
३-मुख्य सचिव ने जताई सख्त नाराजगी
४-साक्षर भारत मिशन को सफल बनाने में अफसरों की लापरवाही पड़ रही भारी
लखनऊ। साक्षर भारत मिशन को सफल बनाने में अफसरों की लापरवाही भारी पड़ रही है। यही वजह है कि अब तक प्रदेश के छह जिलों में जिला एवं ब्लॉक समन्वयकों का चयन ही नहीं हो सका। जबकि पांच जिले ऐसे भी हैं जहां प्रेरक ही नहीं चयनित किए जा सके। लापरवाही का आलम यह है कि कई लोक शिक्षा केंद्रों के लिए न तो पढ़ाने के लिए सामग्री भेजी गई और न ही प्रेरकों का मानदेय। इस पर मुख्य सचिव आलोक रंजन ने सख्त नाराजगी जताते हुए मंडलायुक्तों एवं जिलाधिकारियों को पत्र भेजकर तत्काल व्यवस्था सुधारने के निर्देश दिए हैं। अब किराए के भवनों में डीआईओएस दफ्तर नहीं अब जिला विालय निरीक्षक कार्यालय किराए के भवनों में नहीं चलाए जाएंगे। उनके लिए नए भवन का निर्माण कराया जाएगा। इस संबंध में उप शिक्षा निदेशक (शिविर) ओंकार शुक्ल ने सभी जिला विालय निरीक्षकों को पत्र भेजकर प्रस्ताव मांगा है। उन्होंने कहा है कि जिन डीआईओएस कार्यालय के पास अपना भवन नहीं है, जो किराए के भवनों या अन्यत्र भवन में संचालित हो रहे हैं, उनके नवीन भवन निर्माण का प्रस्ताव भूमि के अभिलेखों के साथ तत्काल भेजें।
इन जिलों में नहीं जिला व ब्लॉक समन्वयक :-
उन्नाव, अंबेडकर नगर, गोरखपुर, सहारनपुर, शाहजहांपुर तथा सीतापुर ऐसे जिले हैं जहां अब तक जिला समन्वयकों एवं ब्लॉक समन्वयकों का चयन नहीं किया गया है। इसी तरह अंबेडकर नगर, गोरखपुर, उन्नाव सहारनपुर एवं सोनभद्र में प्रेरक तक नहीं चयन किया जा सके। मुख्य सचिव ने कहा है कि कई बार पत्र भेजे जाने के बाद भी न तो उसका संज्ञान नहीं लिया गया और न ही कार्रवाई की गई।
• यहां नहीं बांटा गया मानदेय-
मुख्य सचिव की ओर से भेजे गए पत्र के मुताबिक साक्षर भारत योजना के तहत ग्राम पंचायत स्तर पर संचालित किए जाने वाले लोक शिक्षा केंद्रों के लिए सामग्री, प्रशिक्षण एवं प्रेरकों का मानदेय आदि भी वितरण नहीं किया जा रहा है।
खबर साभार : डीएनए
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