विशेषज्ञों के लिए खुलेंगे सरकारी नौकरी के द्वार : तकनीकी योग्यता वाले भी पा सकेंगे सरकारी नौकरी-
नई दिल्ली (एसएनबी)। निजी क्षेत्र में बढिया काम कर रहे टेक्नोक्रेट और एक्सपर्ट की सेवा सरकारी काम में लेने के लिए सरकार नियुक्ति संबंधी नियमों में संशोधन करने जा रही है। केंद्र ने सभी मंत्रालयों से उन पदों की पहचान करने को कहा है जहां विशिष्ट या तकनीकी ज्ञान वाले लोगों की जरूरत है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मतदाताओं से किए गए वादों के मद्देनजर सरकार ऐसे विशेषज्ञों को अनुबंध के आधार पर लेने के लिए सरकारी सेवाओं में नियुक्ति नियमों में भी संशोधन कर सकती है। इन विशेषज्ञों को वेतन निजी क्षेत्र के समरूप दिया जाएगा। सूत्रों के अनुसार इस कदम का मकसद उच्च सरकारी पदों पर बेहतर प्रतिभा और नागरिकों के बीच भागीदारी की उच्च भावना को लाना सुनिश्चित करना है जहां वे भी सरकार के उच्च पदों पर काम करने का मौका पा सकते हैं। यह विकल्प सरकारी कर्मचारियों के लिए भी उपलब्ध होगा और अगर कोई सरकारी कर्मचारी निजी क्षेत्र के अनुरूप वेतन पर नियुक्ति के विकल्प को चुनता है तो संबंधित कर्मचारी को पद पर आवेदन देने से पहले इस्तीफा देना होगा या निर्धारित समय से पहले सेवानिवृत्ति लेनी होगी। कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग द्वारा तैयार अवधारणा पत्र के अनुसार, ‘सरकार के बाहर से चुने गए उम्मीदवारों को निश्चित अवधि के लिए नियुक्त किया जाएगा और उनका वेतन निश्चित अवधि के लिए नियत होगा। हालांकि नियुक्ति अवधि समाप्त होने के बाद नियुक्तिकर्ता एजेंसी के विकल्प के आधार पर वेतन पर फिर से र्चचा की जा सकती है।’
भाजपा ने 2014 के लोकसभा चुनाव के घोषणापत्र में कहा था कि वह सरकारी पदों में उद्योग, शिक्षा तथा समाज के विशेषज्ञों को लाने के लिए प्रशासनिक सुधार लाने को प्रतिबद्ध है। छठे वेतन आयोग ने 2008 में सौंपी अपनी रिपोर्ट में भी यह बात कही थी। सूत्रों के अनुसार प्रधानमंत्री के अधीन काम करने वाले कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग को इस बारे में मंत्रालयों तथा विभागों से प्रतिक्रि या का इंतजार है।
रोजगार इन कर्मचारियों को मिलेगा निजी कंपनियों के अनुरूप वेतन सरकारी कर्मचारियों के लिए भी उपलब्ध होगा यह विकल्प उम्मीदवारों को निश्चित अवधि के लिए नियुक्त किया जाएगा और उनका वेतन निश्चित अवधि के लिए नियत होगा |
खबर साभार : राष्ट्रीयसहारा
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