बीएड काउंसलिंग का ड्राफ्ट बनवाना छात्रों के लिए बना चुनौती-
कानपुर, जागरण संवाददाता : कानपुर समेत प्रदेश के बीएड कॉलेजों की खाली पड़ी सीटों पर प्रवेश के लिए पांच अक्टूबर से शुरू होने वाली काउंसलिंग में शामिल होना छात्रों के लिए चुनौतीपूर्ण हो गया है। इस बार काउंसलिंग के दौरान ही छात्रों को ड्राफ्ट के जरिए पूरी फीस जमा करनी होगी। छुट्टियों के चलते शनिवार को छोड़कर लगातार चार दिनों तक बैंक बंद होने से छात्रों का ड्राफ्ट बनवाना मुश्किल हो गया है।
कानपुर, मेरठ, आगरा व झांसी समेत प्रदेश में संचालित विभिन्न विश्वविद्यालयों में बीएड की 71 हजार नौ सौ 10 सीटें खाली हैं। इनमें करीब सात हजार सीटें छत्रपति शाहूजी महाराज विश्वविद्यालय से संबद्ध बीएड कॉलेजों की है।
शहर व ग्रामीण क्षेत्रों में स्थित इन कॉलेजों में ऐसे कॉलेज भी शामिल हैं जिनमें महज दर्जन भर सीटें ही भर पाई हैं। रविवार से शुरू होने वाले काउंसलिंग के दूसरे चरण में भी इन खाली पड़ी सीटों के भरने की संभावना कम नजर आ रही है। इसका सबसे बड़ा कारण काउंसलिंग के दौरान छात्रों के सामने 51 हजार दो सौ 50 रुपये की फीस का ड्राफ्ट बनवाने की चुनौती है। क्योंकि गांधी जयंती, दशहरा, रविवार व छह अक्टूबर को बकरीद की छुट्टी के कारण बैंक बंद रहेगा। इस बीच चार अक्टूबर को बैंक में हाफ डे है जिसके कारण उस दिन भी सीमित छात्रों का ड्राफ्ट बन पाएगा। उत्तर प्रदेश स्ववित्तपोषित महाविद्यालय एसोसिएशन के अध्यक्ष विनय त्रिवेदी ने बताया कि ऐसी स्थिति में शनिवार व रविवार को पूरे दिन के लिए बैंक खोले जाने चाहिए।
'काउंसलिंग के लिए विश्वविद्यालय में कंप्यूटर सेंटर व यूआईईटी-3 दो केंद्र बनाए गए हैं। पिछली बार की अपेक्षा एक केंद्र कम किया गया है।'
डॉ. संदीप वर्मा, काउंसलिंग समन्वयक
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