उत्तर प्रदेश : स्कूलों में केवल ओबीसी, अल्पसंख्यकों को वजीफा -
इलाहाबाद | उत्तर प्रदेश के प्राथमिक विद्यालयों में अब सामान्य एवं एससी-एसटी के बच्चों का हक मारा जा रहा है। इसका ताजा उदाहरण बच्चों को मिलने वाली छात्रवृत्ति में सामने आया है।
प्राथमिक विद्यालयों में चालू शैक्षिक सत्र में सामान्य एवं एससी-एसटी वर्ग के बच्चों को वजीफे के आवेदन से वंचित रखा गया, जबकि अल्पसंख्यक एवं ओबीसी छात्रों को छात्रवृत्ति देने के लिए फार्म भरवा दिए गए हैं। एक साथ पढ़ने वाले इन बच्चों के साथ प्रदेश सरकार के पक्षपात रवैये से अभिभावकों में आक्रोश है।
कई वर्षों से लगातार प्रदेश के प्राथमिक विद्यालयों में सभी वर्ग के छात्र-छात्राओं को वजीफा दिया जाता रहा है। सरकार का अभी तक सबसे अधिक जोर प्राथमिक विद्यालयों में एससी-एसटी के गरीब छात्रों को छात्रवृत्ति देने पर रहा है।
इस बार विद्यालयों में पहले ओबीसी छात्रों के छात्रवृत्ति फार्म भरवाने के बाद अल्पसंख्यक छात्रों के भी फार्म भरवा लिए गए, जबकि सामान्य और एससी-एससटी के बच्चों को इससे वंचित रखा गया।
प्राथमिक विद्यालयों के प्रधानाध्यापकों एवं प्रधानाध्यापिकाओं का कहना है कि शासन की ओर से उन्हें मात्र ओबीसी एवं अल्पसंख्यक छात्रों के ही वजीफे फार्म भेजे गए हैं। एससी-एसटी एवं सामान्य वर्ग के बच्चों वजीफे फार्म के बारे में विभाग से कोई जानकारी नहीं दी गई है।
वहीं ग्रामीण क्षेत्रों में अनुसूचित जाति के बड़ी संख्या में अभिभावकों ने जब छात्रवृत्ति के बारे में स्कूलों के प्रधानाध्यापकों से संपर्क किया तो छात्रवृत्ति फार्म नहीं भरे जाने की बात सामने आई। अभिभावकों ने इस बारे में शिकायत क्षेत्र के एसडीएम एवं खंड शिक्षाधिकारी से की है।
बेसिक शिक्षा अधिकारी राजकुमार ने बताया कि छात्रवृत्ति फार्म भरने में भेदभाव बरते जाने के बारे में मुझे कोई जानकारी नहीं है। अभी छात्रों के वजीफा फार्म भरे जा रहे हैं या नहीं इस विषय में मुझे जानकारी नहीं है। इस बारे में समाज कल्याण अधिकारी ही सही जवाब दे सकते हैं।
खबर साभार : अमरउजाला
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