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एक छत के नीचे 'प्राइमरी का मास्टर' से जुड़ी शिक्षा विभाग की समस्त सूचनाएं एक साथ

पोलियो उन्मूलन अभियान में धन्यवाद उपेक्षा पर झलक रहा शिक्षकों का दर्द : सोशल मिडिया/फेसबुक पर मुख्यमंत्री से कर रहे शिकायत-

पोलियो उन्मूलन अभियान में धन्यवाद उपेक्षा पर झलक रहा शिक्षकों का दर्द : सोशल मिडिया/फेसबुक पर मुख्यमंत्री से कर रहे शिकायत-

महराजगंज,लक्ष्मीपुर। पोलियो उन्मूलन के विज्ञप्ति में शिक्षकों की उपेक्षा करने पर अधिकांश शिक्षक संगठन व शिक्षक सोशल मीडिया के जरिए मुख्यमंत्री को अपना विरोध दर्ज करा रहे हैं।फेसबुक, ट्विटर, यू-ट्यूब आदि पर शिकायत की जा रही है।

" शिक्षक दयानन्द त्रिपाठी का कहना है कि शिक्षक ही विद्यालय खोलता है और गांवों में अभिभावकों को प्रेरित करता है और अपने रविवार का अवकाश भी अभियान के नाम कर दिया था | वैसे इसके मूल में बच्चों की भी उपेक्षा की गई है जो भूखे पेट रहकर रैलियों में भाग लेकर शिक्षकों के साथ 'दो बूंद जिंदगी के' अभियान में अपना योगदान देते रहे हैं |"

" शिक्षक संघ के लक्ष्मीपुर के अध्यक्ष जनार्दन पांडे ने कहा कि जब कोई पोलियो का कार्य करने को तैयार नहीं होता था तब बिना किसी पारिश्रमिक के शिक्षक कार्य करते थे। उसके बाद भी धन्यवाद विज्ञप्ति में शिक्षकों को शामिल न करना उनकी उपेक्षा है। "
    
       खबर साभार : अमरउजाला

दिल्ली सरकार की पुनरावृत्ति यूपी में भी हुई-

करीब-करीब साल भर पहले केन्द्र सरकार ने भी पोलियो उन्मूलन के लिए धन्यवाद विज्ञापन जारी किया था | जिसमें एनजीओ , स्वास्थ्य विभाग , धर्मगुरूओं आदि को धन्यवाद के पात्र मानते हुए धन्यवाद ज्ञापित किया था |जिसका शिक्षकों कड़ा विरोध दर्ड कराया था | मामले की गंभीरता को देखते हुए दिल्ली की मुख्यमंत्री शिला दिक्षित ने दोबारा विज्ञापन छपवाया था ,जिसमें शिक्षकों को भी शामिल किया गया था |

देखा जाय ! तो ( (:पोलियो उन्मूलन को राष्ट्रीय कार्यक्रम के रूप में समझा शिक्षकों ने और धन्यवाद ! शब्द के पात्र भी नहीं समझे गये ?:))

    पोलियो उन्मूलन के अभियान में प्रारम्भ के बर्षों में मानदेय आधारित के अलावा शेष सम्पूर्ण अभियान में देशभर के प्राथमिक शिक्षकों ने अभूतपूर्व और नि:शुल्क अपना योगदान दिया बिना किसी मानदेय के और बिना किसी अपेक्षा के |तो हम सब शिक्षक साथीयों की प्रदेश के मुखिया से उम्मीद बस इतनी सी है कि इस अभियान को सफल बनाने में हम सबका कुछ तो योगदान है तो धन्यवाद के पात्र क्यों नही ?

     (:: समय अधिकार और सम्मान छीनकर लेने का है | "उत्तिष्ठ जाग्रत प्राप्य वरान्निबोधत|" उठो , जागो और तब तक मत रूको जब तक अपने लक्ष्य तक ना पहुँच जाओ | -स्वामी विवेकानन्द ::)

   "आज का प्राइमरी का मास्टर" की पूरी टीम और सभी मित्रों की ओर से::;;)

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