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रिटायरमेंट के साथ ही मिलेगा जीपीएफ : आनलाइन डाटा मिलान की व्यवस्था शुरू

रिटायरमेंट के साथ ही मिलेगा जीपीएफ : आनलाइन डाटा मिलान की व्यवस्था शुरू

१-एजी आफिस में तैयार हो रहा कर्मचारियों का डाटाबेस
२-साढ़े तीन लाख राज्यकर्मचारियों को मिलेगा इसका फायदा
३-आनलाइन मिलान की व्यवस्था से मिलेगा कर्मचारियों को राहत

इलाहाबाद(ब्यूरो)। राज्यकर्मियों के लिए राहत वाली खबर है। जल्द ही ऐसी व्यवस्था लागू हो जाएगी, जिसके तहत उनके सामान्य भविष्य निधि (जीपीएफ) खाते का मिलान ऑनलाइन होगा और उन्हें समय से जीपीएफ की रकम का भुगतान मिल जाएगा। इसके लिए एजी ऑफिस के एकाउंट विभाग में कर्मचारियों का डाटा बेस तैयार किया जा रहा है। योजना है कि अगले वित्तीय वर्ष में इस व्यवस्था को पूर्ण रूप से लागू कर दिया जाए।

एजी ऑफिस का एकाउंट विभाग तकरीबन साढ़े तीन लाख राज्यकर्मियों के जीपीएफ खाते का रखरखाव करता है। रिटायरमेंट के बाद जीपीएफ की 90 फीसदी रकम का भुगतान विभाग करता है और बाकी 10 फीसदी रकम फाइनल पेमेंट के रूप में एजी ऑफिस जारी करता है लेकिन 90 फीसदी रकम का भुगतान भी विभाग तभी करते हैं, जब एजी ऑफिस अपने रिकार्ड का मिलान विभाग के रिकार्ड एवं कर्मचारियों की पासबुक से करने के बाद उसे सत्यापित करते हुए भुगतान करने की अनुमति देता है। मिलान का काम अभी मैन्युअली होता है। नियम तो यह है कि कर्मचारी को रिटायरमेंट के साथ ही जीपीएफ का भुगतान कर दिया जाए लेकिन 95 फीसदी मामलों में विभाग अपने कर्मचारियों के जीपीएफ से संबंधित दस्तावेज तैयार करने में विलंब करते हैं और मिलान मैन्युअली होने के कारण कर्मचारी को रिटायरमेंट के दो-तीन माह बाद जीपीएफ का पैसा मिलता है। अगर कोई आपत्ति लगी तो भुगतान में छह-छह महीने का समय लग जाता है। इन तमाम दिक्कतों के मद्देनजर एजी ऑफिस सभी राज्यकर्मियों का डाटा बेस तैयार कर रहा है ताकि उनके जीपीएफ खाते का मिलान ऑनलाइन किया जा सके।

एजी ऑफिस के सूत्रों ने बताया कि डाटाबेस तैयार करने का काम तेजी से चल रहा है जबकि कर्मचारियों के ईपीएफ से संबंधित जानकारी को ऑनलाइन करने का काम पूरा हो चुका है। कर्मचारियों को आईडी नंबर भी जारी कर दिए गए हैं ताकि वे ऑनलाइन अपने जीपीएफ खाते से संबंधित जानकारी प्राप्त कर सकें और अगर उन्हें कोई आपत्ति है तो संशोधन के लिए एजी ऑफिस में अपना आवेदन दे सकें। फिलहाल मिलान की व्यवस्था ऑनलाइन हो जाने से राज्यकर्मियों को बड़ी राहत मिलेगी। ऐसी स्थिति में उन्हें रिटायरमेंट के साथ ही जीपीएफ का भुगतान कर दिया जाएगा। हालांकि इसमें विभागों को भी सहयोग करना होगा और मिलान के लिए उन्हें भी ईपीएफ संबंधी जानकारी निर्धारित समय में ऑनलाइन करनी होगी। इस दिशा में भी काम चल रहा है। प्रदेश भर में ट्रेजरी दफ्तरों को सेंट्रल सर्वर से जोड़ा रहा है। बाराबंकी सहित कुछ जिलों में यह व्यवस्था लागू हो चुकी है। इस काम को इसी वित्तीय वर्ष के आखिर तक पूरा कर लेने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।

साभार : अमरउजाला

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