#सरकारीस्कूलों का शुरू होगा औचक निरीक्षण-
१-राष्ट्रीय बाल आयोग स्कूलों के बुनियादी इंतजाम का लेगा जिलेवार जायजा
२-बाल आयोग अध्यक्ष ने कहा दैरे से पहले दस मानक तय
३-शिक्षा अधिकार अधिनियम लागू होने के बाद स्कूलों की बुनियाद हालात पर बाल आयोग करेगा रिपोर्ट
नई दिल्ली। शिक्षा का अधिकार कानून लागू होने के तीन साल बाद भी कई सरकारी विद्यालयों में बुनियादी कमी बरकरार है। खासतौर पर पिछड़े इलाकों के विद्यालयों की खस्ताहाल स्थिति को देखते हुए राष्ट्रीय बाल आयोग जिलेवार सरकारी विद्यालयों का जायजा लेने की तैयारी में है। माह अंत तक यह दौरा शुरू होगा।
बाल आयोग की अध्यक्ष कुशल सिंह ने बताया कि दौरा शुरू करने से पहले दस मानक तय किए जाएंगे और इसी आधार पर विद्यालयों की स्थिति की रिपोर्ट की जाएगी। इसमें शौचालय, खेल के मैदान, पेयजल की व्यवस्था, साफ सफाई, स्वच्छता समेत सभी बुनियादी सुविधाओं को शामिल किया जाएगा। उन्होंने कहा कि प्रत्येक जिले में बाल आयोग की टीम औचक निरीक्षण करेगी। उन्होंने कहा कि आज भी कई विद्यालयों में पेयजल और शौचालय की व्यवस्था नहीं है, जिससे बच्चों को कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। ऐसे मामले सामने आने के बाद भी कई स्कूलों में इस ओर गंभीरता से ध्यान नहीं दिया जा रहा है। जिलेवार दौरा कर उनका खुलासा सरकार के सामने किया जाएगा। दरअसल शिक्षा का अधिकार कानून लागू होने के बाद बाल आयोग को समयबद्ध तरीके से इस पर निगरानी रखने और रिपोर्ट करने की जिम्मेदारी सौंपी गई थी। आयोग को पहले विद्यालयों के बुनियादी इंतजाम का निरीक्षण करना है। इसके बाद शिक्षकों की स्थिति, उनकी संख्या और योग्यता को लेकर भी निरीक्षण किया जाएगा। आयोग अगले तीन माह में इस बाबत अपनी रिपोर्ट तैयार कर सरकार को सौंप देगा।
साभार : अमरउजाला
१-राष्ट्रीय बाल आयोग स्कूलों के बुनियादी इंतजाम का लेगा जिलेवार जायजा
२-बाल आयोग अध्यक्ष ने कहा दैरे से पहले दस मानक तय
३-शिक्षा अधिकार अधिनियम लागू होने के बाद स्कूलों की बुनियाद हालात पर बाल आयोग करेगा रिपोर्ट
नई दिल्ली। शिक्षा का अधिकार कानून लागू होने के तीन साल बाद भी कई सरकारी विद्यालयों में बुनियादी कमी बरकरार है। खासतौर पर पिछड़े इलाकों के विद्यालयों की खस्ताहाल स्थिति को देखते हुए राष्ट्रीय बाल आयोग जिलेवार सरकारी विद्यालयों का जायजा लेने की तैयारी में है। माह अंत तक यह दौरा शुरू होगा।
बाल आयोग की अध्यक्ष कुशल सिंह ने बताया कि दौरा शुरू करने से पहले दस मानक तय किए जाएंगे और इसी आधार पर विद्यालयों की स्थिति की रिपोर्ट की जाएगी। इसमें शौचालय, खेल के मैदान, पेयजल की व्यवस्था, साफ सफाई, स्वच्छता समेत सभी बुनियादी सुविधाओं को शामिल किया जाएगा। उन्होंने कहा कि प्रत्येक जिले में बाल आयोग की टीम औचक निरीक्षण करेगी। उन्होंने कहा कि आज भी कई विद्यालयों में पेयजल और शौचालय की व्यवस्था नहीं है, जिससे बच्चों को कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। ऐसे मामले सामने आने के बाद भी कई स्कूलों में इस ओर गंभीरता से ध्यान नहीं दिया जा रहा है। जिलेवार दौरा कर उनका खुलासा सरकार के सामने किया जाएगा। दरअसल शिक्षा का अधिकार कानून लागू होने के बाद बाल आयोग को समयबद्ध तरीके से इस पर निगरानी रखने और रिपोर्ट करने की जिम्मेदारी सौंपी गई थी। आयोग को पहले विद्यालयों के बुनियादी इंतजाम का निरीक्षण करना है। इसके बाद शिक्षकों की स्थिति, उनकी संख्या और योग्यता को लेकर भी निरीक्षण किया जाएगा। आयोग अगले तीन माह में इस बाबत अपनी रिपोर्ट तैयार कर सरकार को सौंप देगा।
साभार : अमरउजाला
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