प्रशिक्षण के बाद भी डीपीएड वाले बेकार
१-हाईकोर्ट के आदेश का नहीं हो रहा पालन
२-शिक्षक भर्ती प्रक्रिया में शामिल करने की माँग
लखनऊ (ब्यूरो)। डिप्लोमा इन फिजिकल एजुकेशन (डीपीएड) करने के बाद भी हजारों युवा बेकार घूम रहे हैं। हाईकोर्ट ने इन्हें शिक्षक भर्ती प्रक्रिया में शामिल करने का आदेश भी दिया है, लेकिन विभाग इस पर ध्यान नहीं दे रहा है। डीपीएड करने वालों ने इस संबंध में एससीईआरटी के निदेशक को ज्ञापन देकर सर्टिफिकेट ऑफ फिजिकल एजुकेशन (सीपीएड) करने वालों की तर्ज पर उन्हें भी भर्ती प्रक्रिया में शामिल करने की मांग की है।
2004 में डीपीएड करने वालों को शिक्षक भर्ती प्रक्रिया में शामिल किया गया था। इसके बाद से इन्हें इस प्रक्रिया में शामिल नहीं किया गया। डीपीएड पास करने वालों ने जब हाईकोर्ट में शिक्षक भर्ती प्रक्रिया में शामिल करने के संबंध में 2007 में वाद दायर किया तो सरकार ने प्रदेश के पांच कॉलेजों में चल रहे इस कोर्स को ही 2008 से बंद कर दिया।
डीपीएड बेरोजगार संघ के नेता निर्भय सिंह कहते हैं कि प्रदेश के में डीपीएड की 240 सीटें हैं। यह एक रोजगारपरक प्रशिक्षण है, लेकिन उन्हें नौकरी नहीं दी जा रही है। जबकि, सीपीएड को प्राइमरी व उच्च प्राइमरी स्कूलों में नौकरी दी गई है।
साभार : अमरउजाला
१-हाईकोर्ट के आदेश का नहीं हो रहा पालन
२-शिक्षक भर्ती प्रक्रिया में शामिल करने की माँग
लखनऊ (ब्यूरो)। डिप्लोमा इन फिजिकल एजुकेशन (डीपीएड) करने के बाद भी हजारों युवा बेकार घूम रहे हैं। हाईकोर्ट ने इन्हें शिक्षक भर्ती प्रक्रिया में शामिल करने का आदेश भी दिया है, लेकिन विभाग इस पर ध्यान नहीं दे रहा है। डीपीएड करने वालों ने इस संबंध में एससीईआरटी के निदेशक को ज्ञापन देकर सर्टिफिकेट ऑफ फिजिकल एजुकेशन (सीपीएड) करने वालों की तर्ज पर उन्हें भी भर्ती प्रक्रिया में शामिल करने की मांग की है।
2004 में डीपीएड करने वालों को शिक्षक भर्ती प्रक्रिया में शामिल किया गया था। इसके बाद से इन्हें इस प्रक्रिया में शामिल नहीं किया गया। डीपीएड पास करने वालों ने जब हाईकोर्ट में शिक्षक भर्ती प्रक्रिया में शामिल करने के संबंध में 2007 में वाद दायर किया तो सरकार ने प्रदेश के पांच कॉलेजों में चल रहे इस कोर्स को ही 2008 से बंद कर दिया।
डीपीएड बेरोजगार संघ के नेता निर्भय सिंह कहते हैं कि प्रदेश के में डीपीएड की 240 सीटें हैं। यह एक रोजगारपरक प्रशिक्षण है, लेकिन उन्हें नौकरी नहीं दी जा रही है। जबकि, सीपीएड को प्राइमरी व उच्च प्राइमरी स्कूलों में नौकरी दी गई है।
साभार : अमरउजाला
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