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एक छत के नीचे 'प्राइमरी का मास्टर' से जुड़ी शिक्षा विभाग की समस्त सूचनाएं एक साथ

SCHOOL, ADMISSION : परिषदीय विद्यालयों में प्रवेश लेने में बेटियों ने बेटों को पीछे छोड़ा, 3 लाख अधिक दाखिला

SCHOOL, ADMISSION : परिषदीय विद्यालयों में प्रवेश लेने में बेटियों ने बेटों को पीछे छोड़ा, 3 लाख अधिक दाखिला

शिक्षा लेने में बेटियाें ने बेटों को पछाड़ा, स्कूलाें में दाखिला लेने में छात्राओं की संख्या अधिक

सचिन मुद्गल, अमर उजाला, लखनऊ  
प्रतीकात्मक तस्वीर
प्रतीकात्मक तस्वीर
प्रदेश के स्कूलों में प्रवेश लेने में बेटियां, बेटों से आगे निकल गई हैं। 2019-20 में परिषदीय प्राथमिक और उच्च प्राथमिक विद्यालयों में छात्रों की तुलना में 3 लाख से अधिक छात्राओं ने दाखिला लिया है। प्रदेश सरकार अब बेटियों के लिए स्कूलों में स्वरोजगार से जुड़े प्रशिक्षण कार्यक्रम शुरू करने के साथ उन्हें आर्थिक मदद देने की योजना बना रही है।
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बालिका शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए केंद्र सरकार के बेटी पढ़ाओ-बेटी बचाओ अभियान के साथ योगी सरकार ने 4 से 14 वर्ष की उम्र के बच्चों को शिक्षा से जोड़ने के लिए 2017-18 से ही स्कूल चलो अभियान शुरू किया था। 2018-19 और 2019-20 में सरकार ने अधिकाधिक बेटियों को स्कूलों में प्रवेश दिलाने पर जोर दिया। इसके तहत बच्चों को निशुल्क पाठ्य पुस्तकें, यूनिफॉर्म, स्कूल बैग, जूता-मोजा और स्वेटर दिए गए।

इन सकारात्मक प्रयासों के परिणाम अब सामने आने लगे हैं। प्रदेश के 1,58,914 परिषदीय प्राथमिक और उच्च प्राथमिक  स्कूलों में शैक्षिक सत्र 2019-20 में कुल 1,60,11,241 विद्यार्थी नामांकित हुए हैं। इनमें 81,57,845 छात्राएं है जबकि छात्र 78,53,396 ही हैं।

स्कूलों में ठहराव के लिए बनेगी योजना

राज्यपाल आनंदी बेन पटेल ने स्कूलों में बेटियों का ठहराव सुनिश्चित करने और ड्रॉप आउट कम करने के लिए योजना बनाने के निर्देश दिए हैं। बीते दिनों हुई बैठक में राज्यपाल ने स्कूलों में बेटियों को शिक्षा के साथ अन्य गतिविधियों से भी जोड़ने का सुझाव दिया था, जो भविष्य में उनके काम आए।

बेटियों को मुहैया कराएंगे सुविधाएं
बेसिक शिक्षा विभाग बेटियों के लिए पूर्व में लागू सावित्री बाई फुले बालिका समृद्धि योजना की तर्ज पर अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति व अल्पसंख्यक वर्ग की छात्राओं के लिए योजना बना रहा है। उन्हें स्कूल आने-जाने के लिए साइकिल देने  तथा सिलाई, बुनाई, कढ़ाई, पेंटिंग आदि के निशुल्क प्रशिक्षण पर विचार किया जा रहा है। बेटियों को अलग-अलग स्तर पर छात्रवृत्ति की भी योजना लाई जा सकती है।

2019-20 में स्कूलों में विद्यार्थी

कक्षा  --  छात्र     --        छात्राएं
1    --  11,45,835   -- 11,76,492
2    -- 13,08,500  --  13,28,781
3    -- 12,69,676  --  13,00,104    
   -- 11,52,627 --   12,06,598
5    10,64,288  --  11,25,811
6    6,17,703  --  6,51,758
7    6,65,311  --  6,99,151
8    6,29,458  --  6,69,150

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