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MDM, CORRUPTION : HRD मिनिस्ट्री ने किया कंफर्म-UP में मिड-डे मील योजना में भ्रष्टाचार के सबसे ज्यादा मामले

MDM, CORRUPTION : HRD मिनिस्ट्री ने किया कंफर्म-UP में मिड-डे मील योजना में भ्रष्टाचार के सबसे ज्यादा मामले

पिछले तीन सालों में सरकार के पास मिड-डे मील में भ्रष्टाचार (Corruption in Mid-day meal) की 52 शिकायतें आई हैं. इनमें से सबसे ज्यादा 14 मामले उत्तरप्रदेश (UP) से आए हैं. वहीं दूसरे नंबर पर बिहार (Bihar) राज्य है. जहां से मिड-डे मील के 7 मामले सामने आए हैं.

HRD मिनिस्ट्री ने किया कंफर्म-UP में मिड-डे मील योजना में भ्रष्टाचार के सबसे ज्यादा मामले
(इरम आगा)
नई दिल्ली. उत्तर प्रदेश सरकार (UP Government) ने सितंबर में मिड-डे मील (Mid-day Meal) में भ्रष्टाचार (Corruption) का मामला उजागर करने पर एक पत्रकार (Journalist) के खिलाफ केस कर दिया था. इस पत्रकार ने मिड-डे मील में बच्चों को रोटी के साथ नमक परोसे जाने के मामले को उजागर किया था.

सोमवार को नागरिक संसाधन विकास मंत्री (HRD Minister) रमेश पोखरियाल 'निशंक' (Ramesh Pokhriyal ‘Nishank’) ने जो आंकड़े लोकसभा में सामने रखे, उनसे उत्तर प्रदेश में मिड-डे मील में होने वाली गड़बड़ी और भी साफ हो जाती है. उनसे मिड-डे मील योजना में भ्रष्टाचार से जुड़ा एक सवाल पूछा गया था.

सबसे ज्यादा भ्रष्टाचार के मामले यूपी और बिहार से

पिछले तीन सालों में सरकार को मिड-डे मील में भ्रष्टाचार के कुल 52 मामले मिले हैं. जिनमें से मिड-डे मील में भ्रष्टाचार के सबसे ज्यादा मामले (14) उत्तर प्रदेश से हैं. इसके बाद भ्रष्टाचार के मामलों में दूसरा नंबर (7) बिहार (Bihar) का है. इन 52 मामलों में से 47 में जांच जारी है और तीन मामलों में या तो भ्रष्टाचार साबित नहीं हो सका है या फिर उनकी शिकायतों को मिड-डे मील से नहीं जुड़ा पाया गया है.

बीजेपी सांसद डॉ. भारती प्रवीण पवार (Dr Bharti Pravin Pawar) के सवाल के जवाब में पोखरियाल ने सदन को बताया, 'पिछले तीन सालों में पूरे देश में मिड-डे मील के मामलों में भ्रष्टाचार की कुल 52 शिकायतें आई हैं.'

सरकार ने सदन को यह भी बताया कि पिछले तीन सालों सहित इस साल अभी तक देशभर में मिड-डे मील खाने के बाद 931 बच्चों के बीमार पड़ने की शिकायतें सामने आई हैं. यह जवाब लोकसभा (Lok Sabha) सांसद भृतहरि महताब, अन्नपूर्णा देवी, राहुल रमेश शेवाले और वसंतकुमार एच के सवालों के जवाब में दिया गया.

मिड-डे मील के लिए बच्चों के लिए खाना पकाने और इसकी गुणवत्ता बनाए रखने की पूरी जिम्मेदारी राज्य सरकारों और केंद्रशासित प्रदेशों (State Governments and Administration Union Territories) की होती है.

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