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एक छत के नीचे 'प्राइमरी का मास्टर' से जुड़ी शिक्षा विभाग की समस्त सूचनाएं एक साथ

SCHOOL, SURVEY, FAKE, TEACHERS : अब विद्यालयों में खत्म होगा फर्जीवाड़ा, स्कूलों के बुनियादी ढांचे से लेकर शिक्षकों तक की जानकारी होगी सार्वजनिक, देश के सभी सरकारी व निजी स्कूलों की होगी जियो टैगिंग सर्वे शुरू

SCHOOL, SURVEY, FAKE, TEACHERS : अब विद्यालयों में खत्म होगा फर्जीवाड़ा, स्कूलों के बुनियादी ढांचे से लेकर शिक्षकों तक की जानकारी होगी सार्वजनिक, देश के सभी सरकारी व निजी स्कूलों की होगी जियो टैगिंग सर्वे शुरू

स्कूलों में चल रहा फर्जीवाड़ा होगा खत्म


अर¨वद पांडेय ’ नई दिल्ली । देश के स्कूलों में शिक्षकों की तैनाती से लेकर छात्रों की संख्या और बुनियादी ढांचे को लेकर होने वाला फर्जीवाड़ा अब पूरी तरह से बंद होगा। लाखों स्कूलों से जुड़ी ऐसी प्रत्येक जानकारी ऑनलाइन होगी। साथ ही कौन-सा विद्यालय कहां मौजूद है, यह भी जियो टै¨गग के जरिए देखा जा सकेगा। इस पर काम शुरू हो गया है। अगले छह महीने के भीतर यह सब कुछ ऑनलाइन होगा। खास बात यह है कि इनमें निजी और सरकारी दोनों ही स्कूल शामिल होंगे।

मानव संसाधन विकास मंत्रलय ने फिलहाल स्कूलों को लेकर यह पूरी कवायद उस समय शुरू की है, जब स्कूलों की ओर से गलत जानकारी देकर वित्तीय मदद लेने की शिकायतें तेज हुई हैं। इनमें सरकारी सहायता प्राप्त स्कूल भी काफी तादाद में हैं। हालांकि इनकी संख्या कुल स्कूलों की संख्या का मात्र पांच फीसद ही है। बावजूद इसके मंत्रलय के पास जो रिपोर्ट है, उसके मुताबिक इन स्कूलों के पास न तो इंफ्रास्ट्रक्चर है और न ही पर्याप्त शिक्षक हैं। ऐसी स्थिति बड़ी संख्या में निजी स्कूलों की भी है, जो एक या दो कमरे में संचालित होते हैं। वहीं सरकारी स्कूलों को लेकर भी सरकार की स्थिति असहज है। देश में बड़ी संख्या में ऐसे सरकारी स्कूल हैं, जो एक या दो शिक्षकों के भरोसे चल रहे हैं। उनमें बुनियादी ढांचे की भी कमी है। यह स्थिति तब है जब राष्ट्रीय स्तर पर शिक्षक और छात्रों के बीच का अनुपात काफी बेहतर है। यानि प्रत्येक 23 से 24 छात्र पर एक शिक्षक है।

मानव संसाधन विकास मंत्रलय की स्कूली शिक्षा सचिव रीना रे के मुताबिक स्कूलों से जुड़ी गड़बड़ियों को पूरी तरह से रोकने के लिए वह देश भर के स्कूलों का जीआइएस (जियोग्राफिकल इंफार्मेशन सिस्टम) सर्वे करा रही है।

क्या है जियो टै¨गग

जियो टै¨गग वह अतिरिक्त भौगोलिक सूचना है जिससे आमतौर पर नक्शे में किसी स्थान की प्रामाणिक जानकारियां निर्दिष्ट अंक्षाशों और देशांतर पर चिन्हित करके दी जाती हैं। जियो टै¨गग फोटो और वीडियो की भी होती है। आजकल उत्पादों की भी जियो टै¨गग करने पर विचार हो रहा है। सूचनाओं का ब्योरा कंप्यूटर सिस्टम से लेकर स्मार्ट फोन आदि उपकरणों पर देखा जा सकता है। इन्हें के जरिए टै¨गग की प्रक्रिया को भी पूरा किया जाता है।

अभी कुल 15.59 लाख हैं स्कूल

देश में मौजूदा समय में कुल 15.59 स्कूल हैं। इनमें सिर्फ 2.47 लाख स्कूल शहरी क्षेत्रों में हैं, जबकि 13.12 लाख स्कूल ग्रामीण क्षेत्रों में स्थित हैं। इनमें भी 70 फीसद से ज्यादा स्कूल सरकारी हैं। इसके अलावा करीब 5.4 फीसद स्कूल सरकारी सहायता प्राप्त हैं, जो सरकारी मदद से ही संचालित होते हैं।

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