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एक छत के नीचे 'प्राइमरी का मास्टर' से जुड़ी शिक्षा विभाग की समस्त सूचनाएं एक साथ

SHIKSHAK BHARTI, STAY : 68500 शिक्षक भर्ती पर फिर लटक गई सीबीआई जांच की तलवार, फरवरी में हाईकोर्ट की डबल बेंच ने लगाई थी एकल बेंच के निर्णय पर रोक, अब सुप्रीमकोर्ट ने दिया स्टे

SHIKSHAK BHARTI, STAY : 68500 शिक्षक भर्ती पर फिर लटक गई सीबीआई जांच की तलवार, फरवरी में हाईकोर्ट की डबल बेंच ने लगाई थी एकल बेंच के निर्णय पर रोक, अब सुप्रीमकोर्ट ने दिया स्टे

शिक्षक भर्ती पर फिर लटकी सीबीआइ जांच की तलवार

राज्य ब्यूरो, प्रयागराज : योगी सरकार की पहली शिक्षक भर्ती पर फिर सीबीआइ जांच का साया मंडराने लगा है। इस बार सुप्रीम कोर्ट ने सरकार से जवाब-तलब किया है। सरकार लगातार शिक्षक भर्ती में व्यापक धांधली होने का आरोप खारिज कर रही है, वहीं अभ्यर्थियों का एक वर्ग भर्ती की सीबीआइ जांच कराने पर अड़ा है। अब यह जांच सरकार के जवाब और शीर्ष कोर्ट के निर्णय पर निर्भर है। 1बेसिक शिक्षा परिषद के प्राथमिक स्कूलों में 68500 सहायक अध्यापक भर्ती पहली बार लिखित परीक्षा के जरिए कराई गई थी। 13 अगस्त 2018 को परीक्षा का परिणाम आने के बाद से मूल्यांकन को लेकर गंभीर सवाल उठे थे। तमाम अभ्यर्थियों ने परीक्षा में कम अंक मिलने पर प्रदर्शन किया था। सरकार ने प्रकरण की उच्च स्तरीय जांच कराई तो उसमें भी सामने आया कि तमाम अभ्यर्थी कॉपी पर अनुत्तीर्ण हैं लेकिन, नियुक्ति पा गए हैं और कई कॉपी पर उत्तीर्ण होकर भी नियुक्ति से दूर हैं। उसी बीच अभ्यर्थी सोनिका देवी ने कम अंक मिलने को हाईकोर्ट में चुनौती दी थी, परीक्षा संस्था ने जो उत्तर पुस्तिका कोर्ट में दी वह किसी अन्य अभ्यर्थी की थी। इसमें सामने आया कि उत्तर पुस्तिकाओं की भी अदला-बदली हुई है। वहीं, कोर्ट के आदेश पर अभ्यर्थियों को दी गई कॉपियों और रिजल्ट के अंक मेल नहीं खा रहे थे। 1सरकार ने इस मामले में परीक्षा नियामक कार्यालय के अफसरों को निलंबित करने के साथ ही शासनादेश के इतर जाकर कॉपियों का दोबारा मूल्यांकन कराया। जो अभ्यर्थी पुनमरूल्यांकन में उत्तीर्ण मिले उन्हें नियुक्ति दी जा चुकी है।राज्य ब्यूरो, प्रयागराज : योगी सरकार की पहली शिक्षक भर्ती पर फिर सीबीआइ जांच का साया मंडराने लगा है। इस बार सुप्रीम कोर्ट ने सरकार से जवाब-तलब किया है। सरकार लगातार शिक्षक भर्ती में व्यापक धांधली होने का आरोप खारिज कर रही है, वहीं अभ्यर्थियों का एक वर्ग भर्ती की सीबीआइ जांच कराने पर अड़ा है। अब यह जांच सरकार के जवाब और शीर्ष कोर्ट के निर्णय पर निर्भर है। 1बेसिक शिक्षा परिषद के प्राथमिक स्कूलों में 68500 सहायक अध्यापक भर्ती पहली बार लिखित परीक्षा के जरिए कराई गई थी। 13 अगस्त 2018 को परीक्षा का परिणाम आने के बाद से मूल्यांकन को लेकर गंभीर सवाल उठे थे। तमाम अभ्यर्थियों ने परीक्षा में कम अंक मिलने पर प्रदर्शन किया था। सरकार ने प्रकरण की उच्च स्तरीय जांच कराई तो उसमें भी सामने आया कि तमाम अभ्यर्थी कॉपी पर अनुत्तीर्ण हैं लेकिन, नियुक्ति पा गए हैं और कई कॉपी पर उत्तीर्ण होकर भी नियुक्ति से दूर हैं। उसी बीच अभ्यर्थी सोनिका देवी ने कम अंक मिलने को हाईकोर्ट में चुनौती दी थी, परीक्षा संस्था ने जो उत्तर पुस्तिका कोर्ट में दी वह किसी अन्य अभ्यर्थी की थी। इसमें सामने आया कि उत्तर पुस्तिकाओं की भी अदला-बदली हुई है। वहीं, कोर्ट के आदेश पर अभ्यर्थियों को दी गई कॉपियों और रिजल्ट के अंक मेल नहीं खा रहे थे। 1सरकार ने इस मामले में परीक्षा नियामक कार्यालय के अफसरों को निलंबित करने के साथ ही शासनादेश के इतर जाकर कॉपियों का दोबारा मूल्यांकन कराया। जो अभ्यर्थी पुनमरूल्यांकन में उत्तीर्ण मिले उन्हें नियुक्ति दी जा चुकी है।


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