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एक छत के नीचे 'प्राइमरी का मास्टर' से जुड़ी शिक्षा विभाग की समस्त सूचनाएं एक साथ

BEO, PROMOTION : खण्ड शिक्षा अधिकारियों को सीधे प्रधानाचार्य बनाने के प्रस्ताव का हुआ विरोध, राजकीय शिक्षक संघ का आरोप माध्यमिक शिक्षा निदेशक ने तथ्यों को छिपाकर बनाया प्रस्ताव। 

BEO, PROMOTION : खण्ड शिक्षा अधिकारियों को सीधे प्रधानाचार्य बनाने के प्रस्ताव का हुआ विरोध, राजकीय शिक्षक संघ का आरोप माध्यमिक शिक्षा निदेशक ने तथ्यों को छिपाकर बनाया प्रस्ताव। 

शिक्षा सेवा संवर्ग समूह ‘ख’ के पदोन्नति कोटा में बड़ा उलटफेर


राज्य ब्यूरो, प्रयागराज : उप्र शैक्षिक (सामान्य शिक्षा संवर्ग) सेवा नियमावली 1992 के पदोन्नति कोटे में बड़ा उलटफेर करने की तैयारी है। शिक्षा निदेशक माध्यमिक विनय कुमार पांडेय ने अलग-अलग संवर्ग कोटा प्रतिशत में संशोधन करने के लिए शासन को प्रस्ताव भेजा है। निरीक्षण शाखा का कोटा दोगुना करने, महिला संवर्ग का बढ़ाने व पुरुष संवर्ग का कोटा घटाने का प्रस्ताव है। इस प्रकरण से खलबली मची है और राजकीय शिक्षक संघ निरीक्षण शाखा का कोटा बढ़ाने के विरोध में उतर आया है।1प्रदेश भर के राजकीय माध्यमिक कालेजों में प्रधानाचार्य पद पर पदोन्नति अलग-अलग कोटे के शिक्षकों की होती रही है। इसमें पुरुष शाखा को 61 प्रतिशत, महिला शाखा को 22 प्रतिशत व निरीक्षण शाखा को 17 प्रतिशत कोटा तय रहा है। कहा जा रहा है कि कोटा तय होते समय संवर्ग के पदों की संख्या देखी गई थी। इधर पदों की संख्या बदल गई। मसलन, पुरुष शाखा में 768, महिला शाखा में 824 और निरीक्षण शाखा में 1031 पद हैं। इसलिए पदोन्नति कोटे में नए सिरे बदलाव करने का प्रस्ताव किया गया है। इसमें तीनों संवर्गो को लगभग बराबर किया गया है यानी पुरुष व महिला शाखा 33-33 व निरीक्षण शाखा का 34 प्रतिशत कोटा तय करने की तैयारी है। असल में इसी कोटे को लेकर लंबे समय से विवाद चल रहा है और कई प्रकरण हाईकोर्ट तक पहुंचे हैं। राजकीय शिक्षक संघ इस कोटा निर्धारण के विरोध में उतर आया है। 1पहले ये रहा प्रावधान : वर्ष 1992 की सेवा नियमावली में प्रति उप विद्यालय निरीक्षक संवर्ग (एसडीआइ) का प्रमोशन उप विद्यालय निरीक्षक (डीआइ) पदों पर होता था जिसमें उप विद्यालय निरीक्षक (डीआइ) का 17 प्रतिशत कोटे के तहत प्रमोशन श्रेणी-2 राजपत्रित पदों पर व राजकीय माध्यमिक विद्यालयों के हाईस्कूल स्तर पर कार्यरत प्रधानाध्यापक व प्रधानाध्यापिकाओं का प्रमोशन क्रमश: 61 व 22 प्रतिशत राजपत्रित प्रधानाचार्य, बीएसए व वरिष्ठ प्रवक्ता डायट पदों पर होता था। पहले शिक्षण, प्रशिक्षण, निरीक्षण का सम्मिलित संवर्ग में प्रमोशन होते थे, बाद में माध्यमिक, बेसिक, डायट अलग हो गए, जिसमें 2011 में बनी नियमावली में डायट के पदों को अलग करते हुए डायट के प्रवक्ताओं का प्रमोशन वरिष्ठ डायट पदों पर किए जाने का प्रावधान है।

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