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एक छत के नीचे 'प्राइमरी का मास्टर' से जुड़ी शिक्षा विभाग की समस्त सूचनाएं एक साथ

STRIKE, PURANI PENSION, UPPSS : केवल एक लक्ष्य "पुरानी पेंशन", उससे इतर कुछ भी मंजूर नहीं, 25, 26 और 27 अक्टूबर को महाहड़ताल का बजा बिगुल - डॉ दिनेश चन्द्र शर्मा ।

STRIKE, PURANI PENSION, UPPSS : केवल एक लक्ष्य "पुरानी पेंशन", उससे इतर कुछ भी मंजूर नहीं, 25, 26 और 27 अक्टूबर को महाहड़ताल का बजा बिगुल - डॉ दिनेश चन्द्र शर्मा ।

सम्मानित साथियों,

08 अक्टूबर 2018 की महारैली के बाद 25 अक्टूबर से हड़ताल की घोषणा के बाद से ही सरकार पुरानी पेंशन बहाली हेतु घोषित आंदोलन के विरुद्ध सभी नीति अपना रही है। एनेक्सी के एक बड़े अधिकारी ने 15 तारिख को श्री हरि किशोर तिवारी जी को फोन करके वार्ता हेतु आमंत्रित किया। इस पर मैं व तिवारी जी वार्ता हेतु जब गये तो एक सेवानिवृत्त स्वयं भू कर्मचारी नेता  व उनके पुत्र पूर्व से ही उन अधिकारी महोदय की चौखट के बाहर खड़े थे परंतु हमारे पहुँचते ही अधिकारी महोदय ने तुरंत हमें बुला लिया और आधे घंटे वार्ता करके  NPS का गुणगान किया परंतु हमने केवल पुरानी पेंशन बहाली की बात की। उसके बाद अधिकारी महोदय ने कहा कि हमारे सबसे बड़े साहब आप से मिलना चाहते हैं और हमें अपने साथ ले गए। जब बड़े साहब के कार्यालय पहुंचे तो दो अन्य फर्जी नेता जिसमें एक सेवानिवृत्त कर्मचारी व एक शिक्षक थे बड़े साहब की चौखट पर हाजिरी दे रहे थे लेकिन जब हम पहुंचे तो धीरे से खिसक लिए।बड़े साहब से हमारी एक घंटे वार्ता चली जिसमें उनके द्वारा भी NPS का गुणगान किया गया जबकि हमने अपनी एक मांग पुरानी पेंशन की बहाली से पहले आंदोलन को विराम देने से मना कर दिया।

कल दिनांक 16 तारिख को हमारे विभाग के सबसे बड़े अफसर महोदय ने वार्ता हेतु बुलाया और पुरानी पेंशन बहाली हेतु प्रस्तावित हड़ताल पर विस्तार से चर्चा की हमने स्पष्ट कर दिया कि पुरानी पेंशन बहाली से पहले आंदोलन समाप्त नहीं होगा। साहब भी मन ही मन पुरानी पेंशन के पक्ष में दिखाई पड़ रहे थे परंतु शासन में बैठे हर अधिकारी की अपनी सीमायें हैं।

तो इस प्रकार सरकार आपके आंदोलन को लेकर गंभीर है। वहीं दूसरी ओर फर्जी व घोटालों में जेल जा चुके स्वयं भू नेता खुद ही अधिकारियों की चौखट पर चरण वंदन करके पुरानी पेंशन बहाली के आंदोलन को विफल करने का ठेका ले रहे हैं।इस प्रकार के विभीषण को अधिकारी भी तबज्जो देकर आपके आंदोलन को कमजोर करना चाहते हैं। इन फर्जियों की चाहत सिर्फ इतनी है कि अधिकारियों की बैठक में इनके फर्जी पदनाम से कार्यवृत्त का कागज मिल जाये जिसके सहारे अपनी रोजी रोटी चला सकें।ये स्वयं भू जोकि अपने को शिक्षकों का प्रदेश व राष्ट्र का नेता बताने से नहीं चूकते है की हैसियत इतनी नहीं है कि स्वयं जाकर शासन के किसी अधिकारी से वार्ता कर सके इसीलिए एक सेवानिवृत्त कर्मचारी को अपना नेता माना है।

लेकिन साथियों जो सत्य के रास्ते पर चलता उसे सफलता अवश्य मिलती है।हम पुरानी पेंशन बहाली की लड़ाई ईमानदारी के साथ लड़ रहे है आपने यह भी देखा कि 1 जुलाई 2018 अर्थात् 3 माह के अंदर इस एक सूत्रीय मांग पत्र बड़े बड़े कार्यक्रम हुए और उत्तर प्रदेश जैसे बड़े राज्य में कर्मचारियों ने अपनी ऐतिहासिक ताकत सरकार को दिखाई जिस से मजबूर होकर माननीय मुख्यमंत्री महोदय और आदरणीय मुख्य सचिव स्तर के अधिकारियों ने तत्काल संज्ञान लिया और वार्ता को तैयार हुए हम लोगों ने दावा किया था कि विधानसभा जरूर घेरेंगे पूरे सरकारी तंत्र के सभी व्यवस्थाओं के बाद भी आपने विधानसभा को भी घेरने का काम बखूबी किया जिस शिद्दत के साथ आप लड़ रहे हैं कामयाबी जरूर मिलेगी ।
 
केवल एक लक्ष्य "पुरानी पेंशन", उससे इतर कुछ भी मंजूर नहीं ।

   *डॉ दिनेश चन्द्र शर्मा*
     (प्रान्तीय अध्यक्ष)
  *UPPSS और पुरानी पेंशन बहाली मंच, उत्तर प्रदेश*

*सम्मानित साथियों*

29 अक्टूबर 2012 को हमारी टीम को उत्तर प्रदेश की प्राथमिक शिक्षक संघ की कमान मिली। नेतृत्व मिलने के पश्चात ही हमने शिक्षक समस्याओं के निराकरण हेतु काम करना आरंभ किया । जिसके अंतर्गत अब तक जो भी धरना प्रदर्शन किए गए, मैं आपका ध्यान उनकी ओर आकृष्ट करना चाहूंगा। 

          *1-वर्ष 2013 के आरंभ में समन्वय समिति के साथ मिलकर लखनऊ के झूलेलाल पार्क में धरना दिया गया।*      

*2-पुरानी पेंशन बहाली हेतु अप्रैल 2013 में दिल्ली के रामलीला मैदान में रैली करते हुए संसद तक पैदल मार्च किया गया  तथा उससे पूर्व लगाई गई बैरिकेडिंग तोड़ी गई।*                   

*3 -दिसंबर 2013 में लखनऊ के ज्योतिबा फुले पार्क में विशाल प्रदर्शन किया गया ।*        

*4-16 मार्च 2016 को लक्ष्मण मेला मैदान में विशाल रैली आयोजित की गई।*  

*5-07जून 2016 को लखनऊ के जीपीओ पार्क में धरना दिया गया ।*                 

*6- 08 जुलाई 2016 को सभी जनपद मुख्यालयों पर 7 वें वेतन आयोग की प्रतियां जलाते हुए विरोध प्रदर्शन किया गया  ।*

*7 -14 जुलाई 2016 को सभी जनपद मुख्यालयों पर धरना प्रदर्शन किया गया।*    

           *8-09अगस्त 2016 को पुरानी पेंशन की बहाली की मांग को लेकर लखनऊ में विधानसभा का घेराव किया गया।*            

*9-22 व 23 अगस्त 2017 को सभी जनपद मुख्यालय पर धरना प्रदर्शन किया गया ।*   

*10-20 अगस्त 2018 को उ प्र महासंघ के बैनर तले ईको गार्डन में धरना दिया गया।* 

सम्मानित साथियों उक्त धरना प्रदर्शन में पुरानी पेंशन की बहाली की मांग के साथ शिक्षकों की अन्य मांगे भी सम्मिलित थी ,परंतु हमारे नौजवान साथी लगातार  मांग कर रहे थे कि एकमात्र पुरानी पेंशन की बहाली हेतु अलग से आंदोलन किया जाए। हमारा सदैव मत रहा कि जब तक उत्तर प्रदेश के शिक्षक ,कर्मचारी व अधिकारी सभी एक मंच पर आकर प्रदर्शन नहीं करेंगे। तब तक पुरानी पेंशन की बहाली आसान नहीं है। मित्रों कुछ लोग मात्र बेसिक शिक्षकों को गुमराह करके अपनी रोटियां सेकने का काम कर रहे थे । उनका भविष्य ही इस पर टिका है। हमने अपने छोटे भाइयों की मांग को स्वीकार किया तथा प्रदेश के लगभग 50 संगठनों के नेतृत्व के साथ बैठक करके 01 जुलाई 2018 को कर्मचारी शिक्षक अधिकारी पुरानी पेंशन बहाली मंच का गठन करते हुए अपने संघर्षों का ऐलान किया । गठन से पूर्व फ़तवा वालों को भी श्री हरिकिशोर तिवारी जी ने आमंत्रित किया था वो महोदय शामिल होने हेतु सहमति देकर गये थे परंतु गठन में नहीं आये क्योंकि लगा होगा कि मंच में शामिल होकर कहीं नेता गीरी बन्द न हो जाये।जब इस मंच का गठन किया गया तब भी कुछ लोग इसकी आलोचना कर रहे थे परंतु हमने इन आलोचकों को की ओर ध्यान ना देते हुए अपने मिशन को जारी रखा।

*आप सब के सहयोग से 9 अगस्त 2018 को जनपद मुख्यालय पर जोरदार धरना प्रदर्शन किए गए। जनपद मुख्यालयों के प्रदर्शन को मीडिया के साथियों ने जबरदस्त तरीके से कवरेज किया। उसके उपरांत द्वितीय चरण में 29, 30 व 31 अगस्त 2018 को सभी जनपदों में कार्य बहिष्कार करते हुए  31 अगस्त 2018 को जनपद मुख्यालय पर पुनः जोरदार प्रदर्शन किए गए । मित्रों उसके उपरांत 8 अक्टूबर 2018 को आपने अपनी ताकत दिखा कर लखनऊ में एक महारैली करते हुए अब तक के सारे कीर्तिमान ध्वस्त करते हुए उत्तर प्रदेश सरकार को एकमात्र मांग "पुरानी पेंशन बहाली" हेतु वार्ता को बाध्य कर दिया गया । जब हम वार्ता के लिए गए थे उसके पूर्व भी मैंने कहा था कि  हमें पुरानी पेंशन बहाली की मांग के अतिरिक्त  कुछ भी स्वीकार नहीं है ।मैं आपको बताना चाहता हूं की वार्ता में सरकार व शासन के उच्च अधिकारी एनपीएस की कमियां दूर करने पर वार्ता करना चाहते थे, परंतु हमने स्पष्ट कर दिया कि "हमारे नौजवान साथियों को आपने जबरदस्ती जो एनपीएस थोपी है 13 साल में वह पूरी तरह से विफल हो चुकी है और NPS के विरोध में आज लखनऊ में  लाखों शिक्षक व कर्मचारी अधिकारी इकट्ठा है। आज यदि हम आपके साथ बैठे हैं तो एनपीएस की कमियों की समीक्षा, करने हेतु नहीं बैठे हैं।*

हम आपसे कहना चाहते हैं 1 जनवरी 2004 को केंद्र की माननीय अटल बिहारी वाजपेई की सरकार ने हमारी पुरानी पेंशन छीनी है आज केंद्र में व राज्य में दोनों जगह भारतीय जनता पार्टी की सरकार है , हमारी एकमात्र मांग है कि हमारी पुरानी पेंशन बहाल की जाए।' मैं आपको बताना चाहता हूं कि माननीय उपमुख्यमंत्री जी ने इसके बाद हमको आश्वस्त किया कि आप की इस पुरानी पेंशन बहाली की मांग को हम माननीय मुख्यमंत्री जी के समक्ष रखेंगे इस पर हमारे प्रतिनिधि मंडल की मांग थी कि कोई समय बद्ध  कार्यक्रम जारी किया जाए। जिस पर सरकार ने असहमति व्यक्त की।

*हमने उसी वक्त सरकार से कह दिया था कि आप की मात्र इतने आश्वासन कि हम मुख्यमंत्री के समक्ष आपकी बात रखेंगे से हम संतुष्ट नहीं हैं इसलिए हमारे साथी 25, 26 व 27 अक्टूबर को हड़ताल पर रहेंगे और यदि उसके बाद भी सरकार नहीं चेती तो और भी बड़े आंदोलन का निर्णय ले सकते हैं ।मित्रों आप की ताकत के बल पर लखनऊ में महा रैला किया गया, विधानसभा घेरी गई, सरकार वार्ता को मजबूर हुई ।इन सब के लिए मैं आप सबका धन्यवाद ज्ञापित करता हूं और आप सब को बहुत बहुत बधाई देता हूं।* 

मैं एक बात आपके बीच स्पष्ट करना चाहता हूं की जब संघ सामूहिक मांगो को लेकर लड़ रहा था तो कुछ लोग UPPSS के खिलाफ हमारे नौजवान साथियों को भड़काते हुए कहते थे कि एकमात्र मांग होनी चाहिए। हमने अपने नौजवान साथियों की मांग को  स्वीकार किया और जब हमने पुरानी पेंशन बहाली मंच का गठन किया तो वे लोग जो मात्र इसी मुद्दे पर अपनी रोटियां सेक रहे थे। उनको बहुत पीड़ा हुई और इस मंच के गठन पर सवाल उठाने लगे जैसे पुरानी पेंशन बहाली के इन्होंने ही पेटेन्ट कर लिया हो।इसी बीच जब 20 अगस्त को महा संघ का धरना दिया गया। तब भी इन स्वयंभू रोटियां सेकने वाले लोगों द्वारा हमारे नौजवान साथियों को भड़काया गया कि एकमात्र पुरानी पेंशन की मांग को छोड़कर uppss फिर संयुक्त एजेंडे पर आ गया ।हमने उस समय भी अपने साथियों को आश्वस्त किया था  कि पुरानी पेंशन बहाली मंच इसी एक मांग को लेकर लड़ाई लड़ेगा और 8 अक्टूबर 2018 को विशाल रैली होगी। हमने अपना वादा निभाया। अब वे लोग जो पुरानी पेंशन बहाली के नाम पर अपनी रोजी-रोटी चला रहे हैं उनका इस मुद्दे के निराकरण से कोई सरोकार नहीं है व आपके आंदोलन को कमजोर करना चाहते हैं ।वे आपकी इस महारैली की सफलता से बौखला गए हैं और तरह-तरह के आरोप लगा रहे हैं।

*आप जानते हैं कि जब कर्मचारी संगठन सरकार के खिलाफ एकजुट होते हैं तो सरकारें उनको तोड़ने का काम करती है। इसलिए सरकार के प्रतिनिधि कभी कोई इस प्रकार का बयान नहीं दे सकते जिससे आपके संगठन मजबूत हो। इसलिए जहां सरकार अपना काम कर रही है तो ऐसे लोग जो आपके आंदोलन पर उंगली उठा रहे हैं वह भी सरकार को ही सहयोग कर रहे हैं।मैं नौजवान साथियों से कहना चाहता हूँ कि अब इनसे पूंछने का समय आ गया है जब श्री हरिकिशोर तिवारी जी ने सबको पत्र भेजकर सादर आमंत्रित किया था और वे वास्तव में पुरानी पेंशन की बहाली चाहते है तो फिर महाआंदोलन में शामिल क्यों नहीं हुए। इसलिए मैं आपसे कहना चाहता हूं  कि इस प्रदेश का नौजवान इन दोहरे चरित्र के लोगों को समझ चुका है और पूरी तरह से पुरानी पेंशन बहाली मंच के साथ है। हम सब का उद्देश्य काम करना है इसलिए चौथे चरण में जो हड़ताल घोषित की गई है उसकी सफलता के लिए शिक्षकों के बीच संपर्क बढ़ा दें जो लोग आलोचनाएं कर रहे हैं वो किसी के कमीशन एजेंट हैं उनकी बातों में उलझने की आवश्यकता नहीं है। हमारा मिशन पुरानी पेंशन की बहाली है। जिसे हम लेकर ही रहेंगे । मैं आप सब की एकता को पुनः प्रणाम करता हूं।*

  *डॉ दिनेश चन्द्र शर्मा के कलम से*
      (*प्रान्तीय अध्यक्ष*)
*उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ, उत्तर प्रदेश*
*शिक्षक, कर्मचारी अधिकारी पुरानी पेंशन बहाली मंच, उत्तर प्रदेश*

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3 Comments

  1. हम सब साथ है

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  2. माननीय प्रदेश अध्यक्ष जी ,पूरा चंदौली जनपद आपके साथ है ।

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  3. हम सब तन मन धन से आपके साथ हैं।

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