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एक छत के नीचे 'प्राइमरी का मास्टर' से जुड़ी शिक्षा विभाग की समस्त सूचनाएं एक साथ

UNIFORM DISTRIBUTION, BASIC SHIKSHA NEWS : 1.54 करोड़ बच्चों को स्वेटर चाहिए थे लेकिन UP में 1.36 करोड़ बच्चे बिन स्वेटर स्कूल जाने को मजबूर, जानिए क्यों?

UNIFORM DISTRIBUTION, BASIC SHIKSHA NEWS : 1.54 करोड़ बच्चों को स्वेटर चाहिए थे लेकिन UP में 1.36 करोड़ बच्चे बिन स्वेटर स्कूल जाने को मजबूर, जानिए क्यों?

शिखा श्रीवास्तव , लखनऊ । सर्दी लगभग बीतने वाली है लेकिन प्राइमरी स्कूलों के बच्चों तक अब भी स्वेटर नहीं पहुंच पाए हैं। हालत यह है कि 1.54 करोड़ बच्चों को स्वेटर चाहिए थे लेकिन मिले हैं सिर्फ 8.55 फीसदी बच्चों यानी केवल लगभग 18 लाख बच्चों को। अभी भी 1 करोड़ 36 लाख बच्चे बिना स्वेटर के स्कूल जाने को मजबूर हैं। यह हाल लगभग आधे प्रदेश में है। 34 जिले ऐसे हैं जहां नाममात्र के स्वेटर ही बंट पाए हैं।

बेसिक शिक्षा निदेशक सर्वेन्द्र विक्रम बहादुर सिंह ने इन जिलों के बेसिक शिक्षा अधिकारियों को चेतावनी दी है कि स्वेटर वितरण की प्रगति असंतोषजनक है। इस पर व्यक्तिगत रूप से ध्यान दिया जाए अन्यथा बीएसए को जिम्मेदार मानते हुए कठोर कार्रवाई की जाएगी। 

राज्य सरकार ने 6 जनवरी से स्वेटर बांटने की शुरुआत की है। दरसअल, दो-तीन बार टेंडर में असफल रहने के बाद ही सरकार ने फैसला किया कि स्कूल स्तर पर स्वेटर खरीद कर बांटे जाए। स्कूल की विद्यालय प्रबंध समितियों को स्वेटर खरीद की जिम्मेदारी सौंपी गई। स्वेटर खरीदने की ऐसी होड़ मची कि जिलों में एक ही रंग के स्वेटर की कमी हो गई। यहां तक कि इससे निपटने के प्रयास भी नाकाफी रहे।

रखी गई लगातार नजर- निदेशालय स्तर पर रोज स्वेटर वितरण की प्रगति पर नजर रखी गई। वहीं निदेशालय आने वाले स्वेटर विक्रेताओं के नंबर नोट किए गए और उन्हें उन जिलों से जोड़ा गया, जहां स्वेटर की कमी हो रही थी। इसके बावजूद ये प्रयास नाकाफी रहे क्योंकि स्वेटर बाजार में उपलब्ध ही नहीं हैं।

इन जिलों में गिनती के बंटे स्वेटर-

बुलंदशहर, हापुड़, मथुरा, मैनपुरी, रामपुर, बलिया, फैजाबाद, अम्बेडकरनगर, कौशाम्बी, झांसी, ललितपुर, कानपुर नगर, कानपुर देहात, कन्नौज, गाजीपुर, हाथरस, कासगंज, मुरादाबाद, संभल, मऊ, बाराबंकी, अमेठी, सुलतानपुर, गोण्डा, बलरामपुर, इलाहाबाद, फतेहपुर, जालौन, देवरिया, संतकबीर नगर, औरैया, इटावा, फर्रुखाबाद, भदोही

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