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एक छत के नीचे 'प्राइमरी का मास्टर' से जुड़ी शिक्षा विभाग की समस्त सूचनाएं एक साथ

UNIFORM, BASIC SHIKSHA NEWS : जनवरी से पहले स्कूली बच्चों को नहीं मिल पाएंगे स्वेटर, 25 दिसंबर से वितरण का दावा था, 28 को खुलेगा टेंडर

UNIFORM, BASIC SHIKSHA NEWS : जनवरी से पहले स्कूली बच्चों को नहीं मिल पाएंगे स्वेटर, 25 दिसंबर से वितरण का दावा था, 28 को खुलेगा टेंडर

अखिलेश का वार, सरकार का पलटवार
पूर्व मुख्यमंत्री को बिड रद होने और आगे बढ़ाए जाने के बारे में अपना ज्ञानवर्धन करना चाहिए। आपकी सरकार रहते 5 वर्षों तक बच्चे आग ही ताप रहे थे। हमारे बच्चों को जल्द ही स्वेटर मिलेगा।

- अनुपमा जायसवाल, बेसिक शिक्षा राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार)

सरकार बार-बार स्वेटर के टेंडर कैंसल कर रही है और स्कूल के बच्चे स्वेटर का इंतजार कर रहे हैं। कहीं एेसा न हो कि इधर बच्चे झूठी उम्मीदों की आग तापते रह जाएं और टेंडर की प्रक्रिया पूरी होते मई जून आ जाए।

- अखिलेश यादव, अध्यक्ष, सपा

एनबीटी ब्यूरो, लखनऊ : प्रदेश के 1.59 लाख प्राथमिक और जूनियर हाईस्कूलों में 1.54 करोड़ बच्चों को ठंड में स्वेटर उपलब्ध करवाने का सरकार का दावा फेल हो गया है। बात नवंबर में वितरण की थी। बाद में नई तारीख 25 दिसंबर तय हुई, पर दावे धरे रह गए। अब जनवरी के पहले स्वेटर बंटने के आसार नहीं हैं, क्योंकि फर्म के चयन के लिए टेंडर ही 28 दिसंबर को खोल जाने हैं।

जुलाई में सीएम ने बच्चों को नि:शुल्क स्वेटर उपलब्ध करवाने की घोषणा की थी। घोषणा को अमल में लाने के लिए कागजी खानापूर्ति में ही अक्टूबर आ गया। अक्टूबर के पहले सप्ताह में कैबिनेट से इसे मंजूरी मिली। तब दावा था कि नवंबर में स्वेटर बांट दिए जाएंगे। इसके बाद अक्टूबर के आखिर में स्वेटर खरीदने के लिए केंद्र सरकार के गवर्नमेंट ई-पोर्टल (जेम) के जरिए पहल की गई। एक महीने के

इंतजार के बाद भी सरकार को सही रेट मिले न फर्म।

नवंबर के आखिर में जगा विभाग : नवंबर बीतते-बीतते बेसिक शिक्षा विभाग फिर जगा और दिसंबर के पहले सप्ताह में अपने स्तर से टेंडर मंगाने की कवायद हुई। इसी बीच अनुपूरक बजट के जरिए स्वेटर के लिए 390 करोड़ रुपये का प्रावधान भी किया गया। टेंडर खोलने की तारीख 22 दिसंबर तय की गई और यह लिखित दावा भी किया गया कि 25 दिसंबर से वितरण शुरू हो जाएगा। सूत्रों की मानें तो केवल दो ही फर्मों ने बिड डाली और उनकी भी दरें अधिक थीं जबकि सरकार 200 रुपये में एक स्वेटर खरीदना चाहती है। महज दो फर्मों से प्रतिस्पर्द्धात्मक दरें मिलना संभव नहीं थीं, इसलिए टेंडर कमिटी ने फिर प्रस्ताव मंगाने का फैसला किया। अगर इसमें बात बन गई तो जनवरी में स्वेटर बंट पाएंगे नहीं तो मुश्किल जारी रहेगी।

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