logo

Basic Siksha News.com
बेसिक शिक्षा न्यूज़ डॉट कॉम

एक छत के नीचे 'प्राइमरी का मास्टर' से जुड़ी शिक्षा विभाग की समस्त सूचनाएं एक साथ

SCHOOL, HIGHCOURT : नेबरहुड नीति से निजी स्कूलों का अधिकार छीना, सरकारी स्कूलों की स्थिति सुधारने पर दें जोर, क्या सरकार ने तैयार कराया था स्कूलों का नक्शा - हाई कोर्ट

SCHOOL, HIGHCOURT : नेबरहुड नीति से निजी स्कूलों का अधिकार छीना, सरकारी स्कूलों की स्थिति सुधारने पर दें जोर, क्या सरकार ने तैयार कराया था स्कूलों का नक्शा - हाई कोर्ट

जागरण संवाददाता, नई दिल्ली : हाई कोर्ट ने नर्सरी दाखिले से संबंधित याचिका पर सुनवाई करते हुए सोमवार को दिल्ली सरकार से पूछा कि क्या उसने निजी स्कूलों में नेबरहुड नीति लागू करने से पूर्व क्षेत्र में स्कूलों की संख्या व उनका नक्शा तैयार करवाया था। न्यायमूर्ति मनमोहन ने शिक्षा विभाग से कहा कि आपको इस प्रकार का आदेश जारी करने से पहले भौगोलिक मानचित्रण सर्वेक्षण करवाना चाहिए था। यह जानना चाहिए था कि क्षेत्र में अभिभावकों व बच्चों की क्या मांग है।

अदालत ने कहा कि आपने नेबरहुड नीति के जरिये पूरी तरह से निजी स्कूलों का अधिकार छीन लिया। अपने बनाए गए नियम से उनकी स्वायत्तता नहीं छीन सकते। इससे वे स्कूलों में निवेश करना बंद कर देंगे। निजी स्कूलों की स्वायत्तता खत्म करने की अपेक्षा सरकारी स्कूलों में सुधार किया जाना चाहिए ताकि भविष्य में माता-पिता ही इन स्कूलों को चुनें। उपराज्यपाल की और से पेश अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल संजय जैन ने सरकार के फैसले का बचाव करते हुए कहा कि सरकारी स्कूलों में सुधार के पूरे प्रयास किए जा रहे हैं और काफी सुधार भी आया है। उन्होंने सरकार से सस्ती दरों पर भूमि लेने वाले निजी अस्पतालों का हवाला देते हुए कहा कि इन अस्पतालों ने भी अब तय शर्तो के अनुसार आर्थिक रूप से पिछड़े वर्ग के लोगों को निशुल्क इलाज दिया जा रहा है। इस पर अदालत ने कहा कि सरकार किसी के भी अधिकार क्षेत्र में प्रवेश किए बिना काम करे।

दिल्ली सरकार ने सात जनवरी को नर्सरी दाखिले के लिए दिशा-निर्देश तय करते हुए कहा था कि डीडीए व अन्य एजेंसियों से सस्ती दरों पर भूमि लेने वाले निजी स्कूलों व अल्पसंख्यक स्कूलों को नेबरहुड यानि आस-पड़ोस के बच्चों को ही दाखिला देना होगा। हाई कोर्ट में इस अधिसूचना के खिलाफ अभिभावकों, निजी स्कूलों के दो संघ व तीन निजी गैर सहायता प्राप्त अल्पसंख्यक स्कूलों ने याचिका दायर की है।

निजी स्कूलों ने सरकार पर वादा पूरा नहीं करने का लगाया आरोप

जासं, नई दिल्ली : निजी स्कूलों ने दिल्ली सरकार पर वादाखिलाफी का आरोप लगाया है। निजी स्कूल प्रबंधकों का कहना है कि अगर उनकी समस्याओं का जल्द समाधान नहीं हुआ तो वह अदालत का दरवाजा खटखटाएंगे। सोमवार को प्रेस क्लब में निजी स्कूलों की संस्था नेशनल इंडिपेंडेंट स्कूल्स अलायंस (निसा) व कोआर्डिनेशन कमेटी ऑफ पब्लिक स्कूल्स (सीसीपीएस) ने साझा प्रेस कांफ्रेंस की। सीसीपीएस के चेयरमैन आरके शर्मा ने कहा कि गत वर्ष सितंबर में उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा था कि स्कूलों को मान्यता प्रदान करने के लिए जमीन के बजाए कमरों की संख्या को आधार बनाया जाएगा। उस घोषणा के बाद से इस संदर्भ में अबतक कोई प्रगति नहीं हुई है। निसा के राष्ट्रीय अध्यक्ष कुलभूषण शर्मा ने कहा कि सरकार के काम करने के तरीकों से अब यह आस टूटती दिख रही है। वहीं, दिल्ली इंडिपेंडेंट स्कूल्स अलायंस (दिसा) के अध्यक्ष राजेश मल्होत्र ने कहा कि निजी स्कूलों के साथ होने वाला भेदभाव तभी खत्म होगा जब उनके लिए अलग बोर्ड की व्यवस्था हो।

Post a Comment

0 Comments