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एक छत के नीचे 'प्राइमरी का मास्टर' से जुड़ी शिक्षा विभाग की समस्त सूचनाएं एक साथ

CHILD PROTECTION : सभी उम्र के बच्चों को आधार के दायरे में लाने की कवायद, टीकाकरण, पल्स पोलियो अभियान को आधार से जोड़ने की सलाह

CHILD PROTECTION : सभी उम्र के बच्चों को आधार के दायरे में लाने की कवायद, टीकाकरण, पल्स पोलियो अभियान को आधार से जोड़ने की सलाह

नई दिल्ली : देश की कुल आबादी का तकरीबन 90 फीसद आधार के दायरे में शामिल हो जाने के बाद अब सरकार ने अपना फोकस बच्चों और युवाओं पर केंद्रित कर दिया है। सरकार अब नवजात शिशुओं से लेकर 18 वर्ष तक की आयु के युवाओं को आधार के दायरे में लाने का अभियान छेड़ने जा रही है ताकि इस वर्ग के लिए चलाए जा रहे कार्यक्रमों और योजनाओं के लक्ष्य हासिल करने में भी पूर्ण कामयाबी मिल सके। सरकार का मानना है कि अगर पांच साल तक की उम्र के ज्यादातर बच्चों को आधार के दायरे में शामिल कर लिया जाता है तो टीकाकरण और पल्स पोलियो जैसे अभियानों की सौ फीसद सफलता सुनिश्चित की जा सकेगी।

पिछले दिनों ही सरकार ने आधार पंजीकरण का ताजा आंकड़ा जारी करते हुए इसके 111 करोड़ हो जाने का एलान किया था। लेकिन अभी तक आधार के पंजीकरण में वयस्क आबादी का हिस्सा काफी ज्यादा है। 30 नवंबर 2016 तक के आंकड़ों के मुताबिक पांच साल की उम्र तक के बच्चों की कुल संख्या के 32.3 फीसद का ही आधार अभी तक बन पाया है। जबकि पांच से 18 वर्ष तक की आयु के 70 फीसद बच्चे और युवा आधार के साथ जुड़ पाए हैं। सरकार अब इन वर्गो पर फोकस करना चाहती है। आबादी के इस हिस्से के आधार पंजीकरण की रफ्तार बढ़ाने के लिए केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री रविशंकर प्रसाद ने राज्यों के मुख्यमंत्रियों को पत्र लिखा है। प्रसाद ने करीब एक दर्जन मुख्यमंत्रियों को लिखे पत्र में इस काम पर विशेष जोर देने को कहा है। केंद्र सरकार का मानना है कि राज्यों को आधार से नहीं जुड़ सके आबादी के इस हिस्से को जोड़ने के लिए स्वत: स्फूर्त होकर आवश्यक उपाय करने चाहिए। प्रसाद ने पत्र में राज्य सरकारों को इस काम के लिए समय-समय पर विशेष रणनीति बनाने का सुझाव भी दिया है। इसके लिए आंगनवाड़ी और स्कूलों में कैंप लगाए जा सकते हैं और राज्यों में आधार पंजीकरण कार्यक्रम को जन्म प्रमाणपत्र के साथ जोड़ा जा सकता है। प्रसाद ने पत्र में सबसे ज्यादा जोर पांच साल से कम उम्र के बच्चों का आधार पंजीकरण कराने पर दिया है।

उनका मानना है कि इसके लिए पल्स पोलियो अभियान और टीकाकरण जैसे कार्यक्रमों की मदद ली जा सकती है। इन कार्यक्रमों के लिए आयोजित कैंपों को आधार पंजीकरण कार्यक्रम के साथ जोड़ा जा सकता है। यूआइडीएआइ स्वास्थ्य मंत्रलय के साथ भी संपर्क में है। कुल आबादी में 18 वर्ष से नीचे के बच्चों के आधार पंजीकरण पर सरकार का जोर इसलिए भी अधिक है क्योंकि अब आइएसडीएस से लेकर सर्व शिक्षा अभियान और मिड डे मील जैसी स्कीमें भी आधार आधारित डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर के अंतर्गत आती हैं। इसलिए सरकार का मानना है कि इसका लाभ लेने वाले प्रत्येक बच्चे का पंजीकरण हो। इससे यह सुनिश्चित हो सकेगा कि आधार नहीं होने की वजह से कोई बच्चा इन योजनाओं का लाभ लेने से वंचित न रह जाए।

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