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एक छत के नीचे 'प्राइमरी का मास्टर' से जुड़ी शिक्षा विभाग की समस्त सूचनाएं एक साथ

मन का बात : विभाग की सेवा करते हुए लगभग साढ़े पाँच वर्ष पूरे हो चुके, विभाग ने जब जो जिम्मेदारी दी चाहे वह प्रदेश स्तर पर हो, जिले या ब्लाक के स्तर पर हो पर किन्तु परन्तु में ऐसे उलझाया कि अब जन्म मरण, धन दौलत या नौकरी की कोई मोह माया नहीं है रहे या जाये, बोलूँगा वही.......

मन का बात : विभाग की सेवा करते हुए लगभग साढ़े पाँच वर्ष पूरे हो चुके, विभाग ने जब जो जिम्मेदारी दी चाहे वह प्रदेश स्तर पर, जिले या ब्लाक के स्तर पर हो पर किन्तु परन्तु में ऐसे उलझाया कि अब किन्तु परन्तु में ऐसे फंसा कि अब जन्म मरण, धन दौलत  या नौकरी की कोई मोह माया नहीं है रहे या जाये, बोलूँगा वही.......

🔴 एक शिक्षक का सत्याग्रह.......

साथियों एक बात कहना चाहता हूँ आप सभी से पिछले कई दिनों से कहना चाह रहा था। विभाग की सेवा करते हुए लगभग साढ़े पाँच वर्ष पूरे हो चुके हैं। विभाग ने जब जो जिम्मेदारी दी चाहे वह प्रदेश स्तर पर, जिले के स्तर पर या ब्लाक के स्तर पर शिक्षण प्रशिक्षण की जिम्मेदारी हो या किसी टास्क को निष्पादित करने की जिम्मेदारी हो, मैंने हर टास्क को जिम्मेदारी पूर्वक निभाया। टास्क चाहे कितना भी कठिन हो कभी न नहीं किया, न ही कभी काम की अधिकता से न थका न भागा। किन्तु अब पहले जैसे कार्य करने की इच्छा नहीं होती क्योंकि पिछले कुछ महीने से इस ब्लाक की स्थितियाँ बिलकुल बदल गयी हैं। अब पहले से ज्यादा *तानाशाही, निरंकुशता और गुंडागर्दी* हो गयी है। साथियों *इस ब्लाक में बीमार होना भी गुनाह है।* पिछले 5 वर्ष की विभाग की सेवा में मैं कभी गुनहगार नहीं बना। पिछले दिनों वायरल बुखार होने पर 1 हफ्ते की मेडिकल पर जाना पड़ा। फिट होने पर पता चला की मनमाने तरीके से ट्रान्सफर हो गया है। खैर हम तो ठहरे कर्मचारी नई जगह ज्वाइन कर लिया।

साथियों इसके पश्चात भी मनमाने तरीके से मेरा वेतन कुछ चापलूसों की वजह से रोका गया, और बहाना मेडिकल का बनाया गया।आपको अवगत करा दूँ कि इसके पूर्व 2 महीना पहले भी एक सज्जन महोदय द्वारा अपनी खुद की अर्जित की गयी *उपार्जित अवकाश* लेने पर वेतन रोकने की धमकी दी गयी थी।

स्वयंभू घोषित *सफेदपोश, सिद्धान्तवादी और स्वयं में भ्रष्ट* शिक्षक महाशय की चापलूसी के आधार पर BEO महोदय ने मेरा वेतन रोका जबकि इसका इसका उन्हें कोई अधिकार ही नहीं। बिना BSA साहब के आदेश के कोई किसी का वेतन नहीं रोक सकता। उच्चाधिकारियों के आदेश के पश्चात् भी ये लोग अपनी ही चला रहे हैं और वेतन रिलीज नहीं किया और तब से अब तक कई बार उक्त लोग मानसिक प्रताणना में लगे हुये हैं। इनकी ज्यातियों की लिस्ट अभी और लंबी है बस अभी मुँह नहीं खुल रहा जिस दिन खुलेगा सब बेनकाब होंगें।

साथियों मुझसे प्रसन्न मन से कार्य होता है, दबाव में या प्रेशर में काम नहीं होता। इसलिये बिना आधार के, *अकारण वेतन रोकने और मानसिक रूप से प्रताणित करने के विरोध में जब तक वेतन नहीं मिल जाता कल से तब तक मैं काली पट्टी बाँध कर ड्यूटी करूँगा।* जन्म मरण, धन दौलत  या नौकरी की कोई मोह माया नहीं है रहे या जाये। बोलूँगा वही जो सत्य है, नियमानुसार है और धर्म के अनुसार  होगा। किसी भी व्यक्ति से भयभीत होकर अधर्म का साथ नहीं दूँगा।
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अगर किसी को लगता है कि बछरावां में अब अन्याय पहले से ज्यादा बढ़ गया है तो वो मेरे साथ आये।
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*राजीव पुरी गोस्वामी*
*मीडिया प्रभारी*
*प्रा0 शि0 संघ बछरावां*


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  1. 📌 मन का बात : विभाग की सेवा करते हुए लगभग साढ़े पाँच वर्ष पूरे हो चुके, विभाग ने जब जो जिम्मेदारी दी चाहे वह प्रदेश स्तर पर हो, जिले या ब्लाक के स्तर पर हो पर किन्तु परन्तु में ऐसे उलझाया कि अब जन्म मरण, धन दौलत या नौकरी की कोई मोह माया नहीं है रहे या जाये, बोलूँगा वही.......
    👉 http://www.basicshikshanews.com/2016/11/blog-post_28.html

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