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एक छत के नीचे 'प्राइमरी का मास्टर' से जुड़ी शिक्षा विभाग की समस्त सूचनाएं एक साथ

Man Ki Baat : शिक्षा के क्षेत्र में प्रदेश में मॉडल बनकर उभरे सिंभावली के खंड शिक्षा अधिकारी (BEO) मोहम्मद राशिद हुसैन मात्र एक अधिकारी नहीं हैं, बल्कि सरकारी स्कूलों में............

Man Ki Baat : शिक्षा के क्षेत्र में प्रदेश में मॉडल बनकर उभरे सिंभावली के खंड शिक्षा अधिकारी (BEO) मोहम्मद राशिद हुसैन मात्र एक अधिकारी नहीं हैं, बल्कि सरकारी स्कूलों में............

🔴 ‘जुनून के बिना शिक्षा का प्रसार संभव नहीं’

शिक्षा के क्षेत्र में प्रदेश में मॉडल बनकर उभरे सिंभावली के खंड शिक्षा अधिकारी मोहम्मद राशिद हुसैन मात्र एक अधिकारी नहीं हैं, बल्कि सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले गरीब बच्चों गुणवत्ता शिक्षा देने के लिए वह पूरे जुनून से कार्य करते हैं। उनके द्वारा शैक्षिक स्तर में सुधार के लिए शुरू की गई स्कूल में बच्चों के जन्मदिन मनाने की परंपरा से प्रभावित होकर प्रदेश सरकार ने इसे पूरे प्रदेश में लागू किया। इस योजना की सराहना करते हुए तत्कालीन केंद्रीय मानव संसाधन मंत्री स्मृति ईरानी ने भी उन्हें सम्मानित किया। इसके अलावा भी उन्होंने कई प्रेरणादायी योजना शुरू की हैं। उनके कार्यो को लेकर दैनिक जागरण के संवाद सहयोगी महताब अली ने उनसे विस्तृत बातचीत की।

प्रस्तुत है उनसे बातचीत के प्रमुख अंश-

🔴 बच्चों का स्कूल में जन्मदिन मनाने का फैसला कैसे किया और उसका क्या परिणाम रहा?

- 2013 में अमरोहा में तैनाती के दौरान सरकार द्वारा जब मिड डे मील, निशुल्क ड्रेस, किताब आदि मिलने के बाद भी प्राइमरी स्कूल में बच्चों की संख्या में बढ़ोतरी नहीं हो पाई तो मैंने कुछ नया करने की ठानी। प्राइमरी स्कूल में आने वाले अधिकांश बच्चों को अपने जन्मदिन के संबंध में कोई जानकारी नहीं होती है। इसलिए मैंने हर माह की आखिरी तारीख को उस माह में जन्म लेने वाले बच्चों का स्कूल में जन्मदिन मनाना शुरू किया। उसे जन्मोत्सव का नाम दिया गया। इससे बच्चों में स्कूल के प्रति रुचि बढ़ी और संभल के जिलाधिकारी पवन कुमार ने कार्यो की सराहना करते हुए सम्मानित किया था। उसके बाद केंद्रीय मानव संसाधन मंत्री स्मृति ईरानी ने सम्मानित किया और मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने भी इस योजना की सराहना करते हुए प्रदेश के सभी परिषद स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों के जन्मदिन मनाने के आदेश जारी कर दिए। मेरा मानना है कि जुनून के बिना समाज में शिक्षा का प्रसार नहीं किया जा सकता है।

🔵 अभिभावक सम्मान समारोह भी आपने लागू किया, इसका क्या प्रभाव हुआ?

- बच्चों की पढ़ाई में पिता के मुकाबले माता का अधिक महत्व होता है। अधिकांश पिता सुबह सबेरे ही अपने काम पर चले जाते हैं। बच्चे को तैयार करके स्कूल भोजने में उसकी माता का ही असल सहयोग होता है। इसलिए उन्हें स्कूल से जोड़ने के लिए अभिभावक सम्मान समारोह शुरू कराया, जिससे बच्चों की माताओं में अपने बच्चों को स्कूल भेजने में रुचि बढ़ी।

🌕 प्राइमरी स्कूलों में चाइल्ड फ्रेंडली और जूनियर स्कूलों में विज्ञान कक्षाओं का शुभारंभ क्यों किया और इससे क्या फायदे हुए?

- प्राइवेट स्कूलों में छोटे बच्चों के खेलने-कूदने के लिए झूले लगाने सहित कई सुविधा होती हैं। इसी को ध्यान में रखते हुए प्राइमरी स्कूलों में एक चाइल्ड फ्रेंडली कक्ष तैयार कराया। इसमें विभिन्न प्रकार की पेटिंग, फूल पत्ती बनाकर कमरे को सजाने का काम किया। इसका लाभ ये हुआ कि जब जब बच्चों का किताब की पढ़ाई से ध्यान उछटता है और वो स्कूल से घर भागने की सोचता है तभी वह चाइल्ड फ्रेंडली कक्ष में चला जाता है। वहां पर उसका मन लग जाता है। वहां खेलने के दौरान कमरे में बनी आकृतियों से कुछ-कुछ ज्ञान प्राप्त कर वापस अपनी क्लास में पहुंच जाता है। जूनियर हाईस्कूलों में विज्ञान कक्ष तैयार कराए, जिनमें पाठ्यक्रम के अनुसार विज्ञान के खेल हैं।

🌑  स्कूलों में कमरों के नाम महापुरुषों के नाम पर रखने का क्या लाभ है?

- स्कूल के कमरों के नाम महापुरुषों, स्वतंत्रता सेनानियों व देश को विकसित करने वाले लोगों के नाम पर रखने की योजना अभी कुछ दिन पूर्व ही शुरू की है, जिसे पूरे खंड विकास क्षेत्र के स्कूलों में लागू किया जाएगा। इस योजना से बच्चों को देश की आजादी की लड़ाई में अपने प्राण गंवाने वाले अमर शहीदों के संबंध में, देश की आजादी की लड़ाई में बढ़-चढ़कर भाग लेने वाले स्वतंत्रता सेनानियों और आजादी के बाद देश को विकास को गति देने वाले लोगों के बारे में बच्चों को आसानी से जानकारी हो सकेगी।

🔴 इन योजनाओं के क्रियान्वयन को धन की आवश्यकता कैसे पूरी होती है?

-मैंने नई योजना चलाने के लिए कभी विभाग से धन की डिमांड नहीं की। आप जनहित में किसी भी क्षेत्र में कुछ अच्छा कार्य करना चाहते हैं तो अपनी योजनाओं को समाज के उन अच्छे सहयोगियों के बीच रखें, जो समाज को आगे बढ़ाने में रुचि रखते हैं। आपको कभी धन की कमी नहीं पड़ेगी।

🔵  प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव द्वारा आप की योजना को पूरे प्रदेश में लागू करने और केंद्रीय मानव संसाधन मंत्री द्वारा सम्मानित करने पर आप कैसा महसूस कर रहे हैं?

-मुख्यमंत्री अखिलेश यादव द्वारा स्कूलों में बच्चों का जन्मोत्सव मनाने की योजना को पूरे प्रदेश के सरकारी स्कूलों में लागू करने और मानव संसाधन विकास मंत्री स्मृति ईरानी द्वारा राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित करने पर मुङो आगे और कुछ नया करने की प्रेरणा मिली है। उसके बाद ही मैंने स्कूल में कक्षाओं के नाम महापुरुषों के नाम पर रखने की योजना शुरू की है। इससे छात्रों के बीच एक सकारात्मक संदेश जाएगा।

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  1. 📌 Man Ki Baat : शिक्षा के क्षेत्र में प्रदेश में मॉडल बनकर उभरे सिंभावली के खंड शिक्षा अधिकारी (BEO) मोहम्मद राशिद हुसैन मात्र एक अधिकारी नहीं हैं, बल्कि सरकारी स्कूलों में............
    👉 http://www.basicshikshanews.com/2016/07/man-ki-baat-beo.html

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