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एक छत के नीचे 'प्राइमरी का मास्टर' से जुड़ी शिक्षा विभाग की समस्त सूचनाएं एक साथ

नवीन परिषदीय स्कूलों में ‘मौका’ : प्रदेश के 9974 नवीन प्राथमिक स्कूलों (Primary School) में 19948 सहायक अध्यापक होंगे तैनात ; 969 नवीन उच्च प्राथमिक स्कूलों में 2907 शिक्षकों को नियुक्त (Appointment) करने की तैयारी

नवीन परिषदीय स्कूलों में ‘मौका’ : प्रदेश के 9974 नवीन प्राथमिक स्कूलों में 19948 सहायक अध्यापक होंगे तैनात ; 969 नवीन उच्च प्राथमिक स्कूलों में 2907 शिक्षकों को नियुक्त करने की तैयारी

√प्रदेश के 9974 नवीन प्राथमिक स्कूलों में 19948 सहायक अध्यापक होंगे तैनात

√969 नवीन उच्च प्राथमिक स्कूलों में 2907 शिक्षकों को नियुक्त करने की तैयारी

इलाहाबाद : प्रदेश सरकार सूबे के नवीन परिषदीय स्कूलों में सहायक अध्यापकों की भर्ती कराने की तैयारी में है। प्राथमिक एवं उच्च प्राथमिक स्कूलों की गणना व वहां तैनात होने वाले शिक्षकों का आकलन करा लिया गया है। जल्द ही पद सृजन होगा और निर्देश हैं कि भर्ती प्रक्रिया चरणबद्ध तरीके से होगी। इस संबंध में आला अफसरों के बीच मंथन शुरू हो गया है।

प्रदेश सरकार का पुराने परिषदीय स्कूलों में शिक्षकों की कमी पूरा करने पर जोर है तो नए स्कूलों के लिए भर्ती शुरू करने की तैयारी है। दरअसल, सर्व शिक्षा अभियान के तहत वित्तीय वर्ष 2011-12 में सप्लीमेंट्री प्लान के तहत प्रदेश भर में परिषदीय स्कूल स्वीकृत किए गए थे। अब वहां पर शिक्षकों का पद जल्द ही सृजित किया जाना है। प्लान के तहत 9974 नवीन प्राथमिक स्कूलों में 19948 और 969 नवीन उच्च प्राथमिक स्कूलों में 2907 सहायक अध्यापकों को नियुक्त करने की तैयारी तैयारी शुरू हो गई है, ताकि आने वाले वर्षो छात्र संख्या बढ़ने पर यह स्कूल उपयोगी साबित होंगे।

शासन के सचिव बेसिक शिक्षा एचएल गुप्ता ने इस संबंध में सर्व शिक्षा अभियान के राज्य परियोजना निदेशक को पत्र लिखा है। इसमें प्रदेश भर के किस जनपद में कितने स्कूल खुल रहे हैं इसका विस्तृत ब्योरा देने के साथ ही वहां सृजित होने वाले पदों का जिक्र किया गया है। सचिव गुप्ता ने स्पष्ट किया है कि यह सभी पद एक साथ न भरकर उन्हें चरणबद्ध तरीके से भरा जाएगा। इस दिशा में प्रक्रिया शुरू करने की पूरी तैयारी है। इसीलिए सचिव बेसिक शिक्षा परिषद एवं अन्य अफसरों को भी इससे अवगत करा दिया गया है।

बर्ताव बदले तो आए नौकरियों की बहार

राज्य ब्यूरो, इलाहाबाद : जीव विज्ञान या फिर गणित वर्ग से पढ़ाई करने वालों को विज्ञान वर्ग का ही माना जाता है। इसे केंद्रीय विद्यालय व जवाहर नवोदय सरीखे विद्यालय मानते भी हैं, लेकिन माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड उत्तर प्रदेश इस मामले में दोहरा बर्ताव कर रहा है। जहां एक ओर गणित वर्ग के लिए बड़ी संख्या में पद घोषित हुए, वहीं जीव विज्ञान में कुछ ही पद रखे गए हैं। इससे युवाओं में खासी निराशा है।

केंद्रीय विद्यालय एवं जवाहर नवोदय विद्यालय में टीजीटी यानी स्नातक शिक्षक विज्ञान की योग्यता रसायन विज्ञान के साथ वनस्पति व जंतु विज्ञान में स्नातक और बीएड है। वहीं माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड में टीजीटी विज्ञान के लिए योग्यता भौतिक विज्ञान के साथ गणित में स्नातक व बीएड है। इसका नजारा टीजीटी 2013 के विज्ञापित पदों में भी दिखा है। बालक-बालिका दोनों वर्गो को मिलाकर जीव विज्ञान में सिर्फ 239 पद निकाले गए, वहीं विज्ञान में 929 और गणित में 1036 पद घोषित हुए थे। गणित वर्ग के प्रतियोगी को गणित व विज्ञान दोनों के लिए अर्ह माना जाता है, जबकि जीव विज्ञान वर्ग के प्रतियोगी को मात्र जीव विज्ञान के योग्य माना गया। गणित वर्ग वाले प्रतियोगियों ने 1965 पदों पर दावेदारी की, जबकि जीव विज्ञान वर्ग वाले महज 239 पदों तक ही सिमट गए। जीव या जंतु विज्ञान वर्ग से तैयारी करने वाले युवाओं में खासी निराशा है। प्रतियोगी आशुतोष कुमार अग्रहरि, नूतन व विजय कुमार आदि का कहना है कि डाक्टरी के प्रोफेशन से चूकने पर शिक्षक बनने के रास्ते भी कम किए जा रहे हैं। यह इस वर्ग के छात्रों के साथ ठीक नहीं है। इसके बजाए दोनों (गणित व जीव विज्ञान) को बराबर मौका मिलना चाहिए |

       खबर साभार : दैनिकजागरण

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