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बीएड अभ्यर्थियों की संख्या में गिरावट की आशकां :इंजीनियरिंग स्नातक भी कर सकेंगे बीएड-

बीएड अभ्यर्थियों की संख्या में गिरावट की आशकां : इंजीनियरिंग स्नातक भी कर सकेंगे बीएड-

१-इस बार बीएड अभ्यर्थियों की संख्या में गिरावटकी आशंका

२-दो वर्षीय पाठ्यक्रम के अनुसार बदलाव की कवायद शुरू

३- वर्ष 2015-16 सत्र की प्रवेश परीक्षा में ले सकेंगे हिस्सा

४-इंजीनियरिंग स्नातक भी कर सकेंगे बीएड

लखनऊ : अगले शैक्षिक सत्र से बीएड का कोर्स दो वर्षीय होने के कारण अब इसकी पढ़ाई महंगी हो जाएगी। निजी कॉलेजों के लिए बीएड के दो वर्षीय पाठ्यक्रम की फीस तय करने के लिए शासन स्तर पर कवायद शुरू हो चुकी है। सूत्रों के मुताबिक बीएड के दो वर्षीय कोर्स पाठ्यक्रम की फीस 80 हजार रुपये से 90 हजार रुपये के बीच होने की संभावना है।

वर्तमान में निजी कॉलेजों में बीएड के एक वर्षीय कोर्स की फीस 51250 रुपये निर्धारित है। राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद (एनसीटीई) ने बीएड के कोर्स को दो वर्षीय करने की अधिसूचना जारी कर दी है। इसी क्रम में उच्च शिक्षा विभाग बीएड के दो वर्षीय पाठ्यक्रम के लिए फीस तय करने की कवायद में जुट गया है। बीएड के फीस निर्धारण के लिए प्रमुख सचिव उच्च शिक्षा की अध्यक्षता में गठित कमेटी की बैठक हो चुकी है। बैठक में राय जाहिर की गई कि बीएड के दो वर्षीय पाठ्यक्रम के लिए एक वर्षीय कोर्स की दोगुनी फीस लागू करना उचित नहीं होगा। दो वर्षीय पाठ्यक्रम होने की वजह से छात्र बीएड करने में हिचकिचाएंगे, वहीं फीस ज्यादा बढ़ने पर वह हतोत्साहित भी होंगे। ऐसे में बैठक में विचार व्यक्त किया गया कि बीएड के दो वर्षीय पाठ्यक्रम के पहले साल की फीस को पहले की तरह 51250 रुपये ही रहने दिया जाए। इसमें से प्रवेश शुल्क आदि ऐसी मदों को घटाते हुए जो कि सिर्फ एक बार जमा किये जाते हैं, बची हुई धनराशि दूसरे साल की फीस के रूप में ली जाए। दूसरे साल की फीस 30 हजार रुपये से 35 हजार रुपये हो सकती है। शासन से गठित समिति ने दो वर्षीय कोर्स की फीस के बारे में अंतिम निर्णय नहीं किया है, लेकिन दो साल की फीस 80 हजार से 90 हजार रुपये के बीच तय होने की संभावना है।

           खबर साभार : दैनिकजागरण

राज्य मुख्यालय : राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद (एनसीटीई) ने अब इंजीनियरिंग के स्नातकों को भी बीएड करने की छूट दे दी है। वे सत्र 2015-16 के लिए होने वाली राज्य स्तरीय संयुक्त प्रवेश परीक्षा में हिस्सा ले सकेंगे। यह प्रवेश परीक्षा इस बार लखनऊ विश्वविद्यालय करा रहा है। सुप्रीम कोर्ट की गाइड लाइन के अनुसार पहली फरवरी को प्रवेश परीक्षा का पूरा कार्यक्रम घोषित हो जाएगा। इसमें प्रवेश परीक्षा के आयोजन और उसका परिणाम घोषित करने की तिथि से लेकर काउंसलिंग के जरिए प्रवेश का तिथिवार पूरा ब्योरा शामिल होगा। एनसीटीई की ओर से नए सत्र से कई तरह के बदलाव भी किए गए हैं। इसमें पाठ्यक्रम को एक वर्षीय से दो वर्षीय किए जाने और इंजीनियरिंग के स्नातकों को भी प्रवेश परीक्षा में बैठने की छूट देने का निर्णय भी शामिल है।प्रदेश में निजी क्षेत्र में बड़ी संख्या में खुले बीएड कॉलेजों को यह आशंका सता रही है कि इस बार बीएड अभ्यर्थियों की संख्या में गिरावट आ सकती है।

दो वर्षीय बीएड करने के बाद भी छात्रों के सामने अब केवल माध्यमिक विद्यालयों में शिक्षक बनने का मौका होगा, जबकि ज्यादातर नौकरियां परिषदीय विद्यालयों में ही हैं।प्रमुख सचिव (उच्च शिक्षा) कल्पना अवस्थी ने बताया कि एनसीटीई के दिशा-निर्देशों के अनुरूप सभी अपेक्षित बदलाव किए जाएंगे। बीएड पाठ्यक्रम दो वर्षीय किए जाने का निर्णय लिया जा चुका है। दो वर्ष के नए पाठ्यक्रम के हिसाब से विश्वविद्यालयों व कॉलेजों में संसाधन और शिक्षकों के मानक में बदलाव के बारे में भी शीघ्र ही निर्णय ले लिया जाएगा।

       खबर साभार : हिन्दुस्तान

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